मलोया में लाल डोरे के बाहर बने मकानों को गिराए जाने के आदेशों के तहत आज कार्रवाई शुरु की गई थी। दो दुकानों पर ही प्रशासन का पीला पंजा चल पाया था। लोगों ने यह कार्रवाई रुकवा दी। इस दौरान प्रशासनिक अफसरों की चेतावनी और पुलिस बल भी लोगों के गुस्से के आगे कमजोर नजर आया। जानकारी के मुताबिक डड्डूमाजरा में भी लाल डोरे के बाहर बने ढांचों को भी गिराने की कार्रवाई होगी। लोगों ने विरोध को तेज करते हुए मलोया बस स्टैंड का रास्ता भी जाम कर दिया था। इससे काफी देर तक ट्रैफिक भी प्रभावित रही। अफसरों ने लोगों से कहा कि कोई आपत्ति है तो एसडीएम दफ्तर जाकर मिलें। इसके बाद स्थानीय लोग एसडीएम दफ्तर पहुंच गए। मांग की गई कि एसडीएम का तबादला किया जाए। मलोया में रहने वाले जसबीर सिंह सैणी ने कहा कि यहां बने घर कई साल पुराने हैं। एसडीएम (साउथ) रुपेश कुमार के आदेशों पर यह कार्रवाई शुरु की गई थी। यहां पर सभी पार्टियों के बड़े नेता पहुंचे थे। इनमें संजय टंडन, प्रदीप छाबड़ा, रामबीर भट्टी आदि कई नेता शामिल थे। कई पार्षद भी यहां प्रशासन की कार्रवाई के विरोध में पहुंचे हुए थे।
लाल डोरे के बाहर बने 200 के लगभग ढांचों को तोड़ने के आदेश जारी हुए थे। प्रशासन का डड्डूमाजरा में भी लाल डोरे के बाहर बने ढांचों को तोड़ने का कार्यक्रम था। मलोया में कई लोगों ने गांय-भैंसों और ट्रैक्टर-ट्रालियां रखी हुई हैं। उनका कहना है कि उनके रहने के लिए जमीन कम पड़ रही है। ऐसे में लाल डोरे के बाहर जमीन पर निर्माण किए गए थे। लोगों ने कहा कि जब तक उनकी जमीन को अधिग्रहीत नहीं किया जाता तब तक उनके ढांचे न गिराए जाए।