हरियाणा

जर्मनी में होने वाला 'कालीन ट्रेड फेयर हेमटेक्स' रद्द, उद्यमियों को 10 हजार करोड़ का नुकसान

Kunti Dhruw
9 Jan 2022 9:23 AM GMT
जर्मनी में होने वाला कालीन ट्रेड फेयर हेमटेक्स रद्द, उद्यमियों को 10 हजार करोड़ का नुकसान
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जर्मनी के हनोवर शहर में 12 से 16 जनवरी तक आयोजित होने वाले कालीन ट्रेड फेयर हेमटेक्स के रद्द होने से हरियाणा के पानीपत के उद्यमियों को करीब 10 हजार करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है।

जर्मनी के हनोवर शहर में 12 से 16 जनवरी तक आयोजित होने वाले कालीन ट्रेड फेयर हेमटेक्स के रद्द होने से हरियाणा के पानीपत के उद्यमियों को करीब 10 हजार करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है। इतना ही नुकसान 2021 में भी उठाना पड़ा था। उद्यमी इस मेले से वर्ष भर के आर्डर लेकर आते हैं। उद्यमियों ने करोड़ों रुपये स्टॉल और मंच के निर्माण के लिए जमा कराए थे, वे भी डूब गए। पिछले 20 वर्ष से आयोजित हो रहा मेला कोरोना संक्रमण के चलते रद्द कर दिया गया है।

मेले के लिए आयातकों की पसंद के अनुसार सैंपल तैयार कराए गए थे। उद्यमियों ने बेडशीट, कंबल, बाथमेट, पिलो कवर एवं पर्दों के सैंपल तैयार किए थे। वर्ष 2020 में पानीपत को इस मेले से पांच हजार करोड़ रुपये से अधिक के ऑर्डर मिले थे। कोरोना संक्रमण की वजह दो वर्ष से मेला रद्द हो रहा है, ऐसे में अबकी करीब 10 हजार करोड़ रुपये के ऑर्डर मिलने की उम्मीद थी, जो खत्म हो गई।
मेले में पानीपत के उद्यमियों का रहता है दबदबा
पानीपत से 150 देशों को टेक्सटाइल उत्पाद निर्यात किए जाते हैं। विश्व भर की नजर पानीपत के उद्यमियों के सैंपलों पर रहती है। पानीपत के उत्पादों पर विश्वास किया जाता है। सिके चलते इस ट्रेड फेयर में पानीपत के उद्यमियों का दबदबा रहता है। इस ट्रेड फेयर में जम्मू-कश्मीर एवं जयपुर के सिल्क कालीन भी आयातकों को लुभाने में सफल होते हैं।
ऐसे हुआ करोड़ों का नुकसान
स्टॉल बुक करने के लिए प्रतिदिन के हिसाब से भुगतान किया
ट्रेड फेयर के मंच के निर्माण के लिए भी किया गया भुगतान
फेयर के लिए उत्पादों को भेजने के लिए माल भाड़ा चुकाया
उत्पादों की स्टोरेज के लिए एक वर्ष का चार्ज देना पड़ा
पूरे साल के लिए आर्डर मेले से लेकर आते हैं उद्यमी
उद्यमी पूरे वर्ष के लिए ऑर्डर हेमटेक्स ट्रेड फेयर से लेकर आते थे। यहां नए ग्राहक मिलते थे। हैंडलूम उत्पादों को अधिक पसंद किया जाता था। उसी के अनुसार इस बार सैंपल तैयार किए गए थे। ट्रेड फेयर में दिखाने के लिए उत्पाद भेजे जा चुके है, जिसमें काफी खर्च भी हुआ। दो वर्ष से ट्रेड फेयर रद्द होने की वजह से लगातार नुकसान हो रहा है।- विनोद धमीजा, निर्यातक


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