हरियाणा

कार एजेंसी संचालक ने लगाया 25 लाख की रिश्वत मांगने का आरोप, डीआईजी ने बताया बेबुनियाद

Deepa Sahu
8 Feb 2022 5:38 PM GMT
कार एजेंसी संचालक ने लगाया 25 लाख की रिश्वत मांगने का आरोप, डीआईजी ने बताया बेबुनियाद
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हरियाणा के हिसार में मिलगेट निवासी दिनेश की आत्महत्या के बाद उनकी पत्नी सुनीता ने तारा फोर्ड कार एजेंसी के संचालक प्रदीप नेहरा व दुकानदार सतेंद्र पर आत्महत्या के लिए मजबूर करने का केस दर्ज कराया था।

हरियाणा के हिसार में मिलगेट निवासी दिनेश की आत्महत्या के बाद उनकी पत्नी सुनीता ने तारा फोर्ड कार एजेंसी के संचालक प्रदीप नेहरा व दुकानदार सतेंद्र पर आत्महत्या के लिए मजबूर करने का केस दर्ज कराया था। केस दर्ज होने पर प्रदीप नेहरा ने डीआईजी बलवान सिंह राणा पर 25 लाख रुपये की रिश्वत मांगने के आरोप लगाए हैं। डीआईजी ने आरोपों को बेबुनियाद बताया।

प्रदीप नहरा का कहना है कि डीआईजी बलवान सिंह राणा ने पुलिस विभाग के एक अधिकारी के जरिये पहले उनसे 50 लाख रिश्वत की मांगी थी। उन्होंने पैसे नहीं दिए तो दोबारा से उनके पास संदेश भेजा गया कि डीआईजी 25 लाख लेने के लिए भी तैयार हैं। उन्होंने रिश्वत के रुपये नहीं दिए तो उनको झूठे केस में फंसाया जा रहा है। इस बारे में वह जल्द ही सुबूतों के साथ पूरा खुलासा करेंगे। तारा फोर्ड कार एजेंसी संचालक प्रदीप नेहरा के खिलाफ सोमवार को कंपनी के पूर्व कर्मचारी दिनेश को आत्महत्या करने के लिए मजबूर करने का केस दर्ज किया है। केस दर्ज होने के बाद प्रदीप नेहरा ने कहा कि 2 साल पहले मेरे यहां कुछ कंपनियों में स्पेयर पार्ट से जुड़ी धांधली पकड़ी गई थी। कर्मचारियों पर केस दर्ज हुआ था। इसमें जहर खाने वाला कर्मचारी दिनेश भी था।
करीब 8 महीने पहले मैंने पुलिस को एफआईआर दर्ज करने के लिए एक शिकायत दी थी। इस मामले में एफआईआर न दर्ज करते हुए शिकायत को कई महीनों तक पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा में घुमाया गया। मैंने डीआईजी बलवान सिंह राणा से पूछा तो कोई संतोषजनक जवाब नहीं मिला।
प्रदीप नेहरा ने मेरे ऊपर जो आरोप लगाए हैं, वह बेबुनियाद हैं। प्रदीप नेहरा के 3 मामले थे। एक मामले में कार्रवाई हुई थी, जिसमें आरोपी दिनेश ने सुसाइड कर लिया है। इसके अलावा 2 शिकायत और थीं। एक तो ऑटोमोबाइल एजेंसी वापस लेने और दूसरा प्लांट लगाने के लेकर लेन-देन संबंधित थी। दोनों ही मामलों की जांच हुई थी, जिन्हें आरोप सही नहीं मिलने पर रद्द करके दफ्तर दाखिल कर दिया था। न जाने किस मंशा से आरोप लगाया गया है। - बलवान सिंह राणा, डीआईजी हिसार


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