1985 के एयर इंडिया बम विस्फोट मामले में बरी रिपुदमन सिंह की हत्या के बाद उनके बेटे जसप्रीत सिंह मलिक ने सोशल मीडिया पर मार्मिक पोस्ट की है। इसमें उन्होंने कहा है कि उनके पिता की हत्या कनिष्क बम विस्फोट से संबंधित नहीं है।
कनाडा की आरसीएमपी (रॉयल केनेडियन माउटिड पुलिस) पुलिस कई एंगल से रिपुदमन सिंह मलिक हत्याकांड की जांच कर रही है। मलिक शीघ्र ही खालसा कॉलेज शुरू करने जा रहे थे और इसके लिए बाकायदा जत्थेदार को बुलाया गया था। हाल ही में कुछ समय पहले रिपुदमन सिंह ने एक चैनल को इंटरव्यू दिया था, जिसमें उन्होंने खालिस्तानी आतंकी हरदीप सिंह निज्जर और मनिंदर बॉयल को 'बुलिश' (आपत्तिजनक शब्द) कहा था।
आरोप लगाया था कि दोनों पाकिस्तानी एजेंसियों के हाथों में खेल रहे हैं। रिपुदमन सिंह ने कहा था कि वह 20 जुलाई को इन कट्टरपंथियों के चेहरे से नकाब उतारेंगे। बाकायदा रिपुदमन सिंह 20 जुलाई को एक चैनल को इंटरव्यू देने जा रहे थे। वहीं एक धार्मिक कार्यक्रम में हरदीप सिंह निज्जर ने रिपुदमन को कौम का गद्दार कहा था और तमाम लोगों को कहा था कि वह रिपुदमन को सबक सिखाएं। लिहाजा, आरसीएमपी एक एक कड़ी को जोड़कर आगे चल रही है।
खालसा क्रेडिट यूनियन और खालसा स्कूल की स्थापना की थी
मलिक एक बिजनेसमैन थे, जिन्होंने खालसा क्रेडिट यूनियन और खालसा स्कूल की स्थापना की थी। वह केंद्र सरकार व पीएम मोदी के कट्टर समर्थक थे। कनाडा की पुलिस इसे भी हत्या का एक कारण मान रही है। इसके अलावा श्री गुरुग्रंथ साहिब जी की छपाई को भी रिपुदमन की हत्या का एक कारण मान रही है। इस कारण कनाडा की सिख संगत में रिपुदमन के खिलाफ गुस्सा देखने को मिला।
बाद में यह मामला श्री अकाल तख्त साहिब तक पहुंचा, जिसके बाद रिपुदमन ने छपाई बंद कर दी और सभी स्वरूप शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी को सौंप दिए थे। श्री गुरुग्रंथ साहिब जी को कोई भी अपनी इच्छानुसार नहीं छाप सकता है। पूरी दुनिया में श्री गुरु ग्रंथ साहिब जी की प्रिंटिंग सिर्फ दिल्ली और अमृतसर में ही होती है।
आरसीएमपी के मुताबिक, रिपुदमन की हत्या टारगेट किलिंग है और इसकी पूरी योजना तैयार कर इसको अमली जामा पहनाया गया है। सवाल यह भी खड़ा हो रहा है कि क्या उनकी हत्या पाकिस्तान के आतंकी संगठन ने तो नहीं करवाई, क्योंकि रिपुदमन ने कुछ कट्टरपंथियों का भंडाफोड़ करने की धमकी दी थी।
रिपुदमन के बहुत से दुश्मन थे: गैरी
बता दें कि रिपुदमन की कुछ लोगों ने शुक्रवार को गोलियां मारकर कनाडा में हत्या कर दी थी। कनाडा की पुलिस को घटनास्थल के पास से ही एक जलती हुई कार मिलने के बाद यह साफ हो गया है कि हत्यारोपियों ने कार को जलाया है, ताकि फॉरेंसिक जांच में पुलिस को पुख्ता सबूत न मिले। रिपुदमन का नाम 1985 के एयर इंडिया बम विस्फोट में आ चुका है।
बम विस्फोट की जांच करने वाले रिटायर्ड डिप्टी कमिश्नर गैरी बास ने कहा कि रिपुदमन के बहुत से दुश्मन थे। उन्होंने कहा कि वर्तमान में चल रही जांच के बारे में नहीं पता लेकिन वर्षों की जांच-पड़ताल के बाद कह सकता हूं कि वह कई तरह की गतिविधियों में शामिल था, इस कारण उनके कई लोगों से मतभेद थे। एयर इंडिया के जहाज में विस्फोट की जांच करने वाले अधिकारी का कहना है कि रिपुदमन सिंह अहंकारी थे। जहाज को उड़ाने के घटनाक्रम में रिपुदमन गुनाह कबूल करने के बहुत करीब आ गए थे लेकिन फिर पीछे हट गए।
बेटे ने सोशल मीडिया पर की मार्मिक पोस्ट
1985 के एयर इंडिया बम विस्फोट मामले में बरी रिपुदमन सिंह की हत्या के बाद उनके बेटे जसप्रीत सिंह मलिक ने सोशल मीडिया पर मार्मिक पोस्ट की है। इसमें उन्होंने कहा है कि उनके पिता की हत्या कनिष्क बम विस्फोट से संबंधित नहीं है। कनाडा पुलिस ने भी रिपुदमन सिंह की हत्या को सुनियोजित बताया है। बेटे जसप्रीत सिंह मलिक ने सोशल मीडिया पर एक बयान पोस्ट किया है, जिसमें उन्होंने कहा कि मीडिया हमेशा उन्हें एयर इंडिया बम विस्फोट के आरोपित व्यक्ति के रूप में संदर्भित करता रहा। मीडिया और आरसीएमपी ने कभी भी अदालत के फैसले को स्वीकार नहीं किया और मैं प्रार्थना करता हूं कि उनके पिता की हत्या इस घटना से संबंधित नहीं है।