गुडगाँव न्यूज़: गांव नाथूपुर में बरसाती नाले की जमीन को कब्जामुक्त करने के लिए पहुंची नगर निगम की टीम ने बुलडोजर चलाकर चार मकानों को गिरा दिया. इस दौरान लोगों ने कार्रवाई का विरोध शुरू कर दिया. हाथों में पत्थर लेकर छतों पर चढ़ गए. लोग जेसीबी के सामने आकर खड़े हो गए. पुलिस को हल्के बल का प्रयोग करना पड़ा. विरोध को देखते हुए निगम ने तोडफोड़ की कार्रवाई को स्थगित कर दिया और टीम वापस लौट गईं.
बता दें कि गांव नाथूपुर में दो दशक पहले गांव के अंदर से एक बरसाती नाला निकलता था. गांव में उस समय ग्रांम पंचायत मौजूद थी. ग्राम पंचायत ने इस नाले के पास में लोगों को 100-100 गज प्लॉट आवंटित किए थे, लेकिन अब यहां लोगों ने बरसाती नाले को समाप्त कर उसकी करीब सवा छह एकड़ जमीन पर कब्जा कर लिया. 100-100 गज की जगह लोगों ने 150 से 250 गज तक कब्जा करके वहां मकान बना लिया. अवैध कब्जों को लेकर गांव के ही एक निवासी ने पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट में एक याचिक दायर की थी.
हाईकोर्ट ने इसकी सुनवाई करते हुए इस नाले की जमीन को खाली करने के आदेश निगम अधिकारियों को दिए थे. इसी को लेकर निगम द्वारा यहां नाले की जमीन पर बने मकानों को तोड़ने की कार्रवाई की जा रही है. सवा छह एकड़ जमीन में करीब 50 मकान बने हुए हैं. सात मकानों को निगम ने शुक्रवार को तोड़ दिया था.
जेसीबी के सामने खड़े हो गए लोग अतिरिक्त निगमायुक्त अमरदीप सिंह, ड्यूटी मजिस्ट्रेट विजय यादव और 350 पुलिसकर्मी के साथ नगर निगम की इनफोर्समेंट टीम दोपहर को गांव नाथूपुर में तोता चौक के पास पहुंची. यहां निगम की चार जेसीबी और दो पॉकलेन मशीनों की मदद से निगम ने तोड़फोड़ की कार्रवाई शुरू की. तीन मकान दो मंजिल और एक तीन मंजिला मकान तोड़ने के बाद जब पांच मंजिला बने मकान की तोड़ने की बारी आई तो लोगों ने छतों पर चढ़कर निगम की इस तोडफोड़ का विरोध शुरू कर दिया. लोगों ने हाथों में पत्थर लेकर विरोध जताया. इस दौरान ग्रामीणों की भारी भीड़ एकत्रित हो गई. लोग जेसीबी मशीन के आगे आकर खड़े हो गए. लोगों के विरोध के कारण निगम ने तोड़फोड़ को रोक दिया.