बिल्डर मुआवजे का प्रस्ताव दे, मूल्यांकन रिपोर्ट में आई खामियों पर दिया गया ध्यान
गुडगाँव न्यूज़: सेक्टर-109 के चिंटल सोसाइटी के डी टावर के फ्लैटों का मुआवजा देने के लिए बिल्डर को मुआवजे का प्रस्ताव देने के आदेश दिए गए. जिला उपायुक्त निशांत कुमार यादव ने चिंटल सोसाइटी में हुए हादसे मामले में मुआवजे को लेकर बिल्डर प्रबंधन के साथ बैठक की.
जिसमें डी निवासियों को फ्लैट की कीमत देने और ऑडिट हो रहे टावरों के बारे में चर्चा की गई. लघु सचिवालय के सभागार में हुई बैठक में जिला उपायुक्त ने चिंटेल्स इंडिया लिमिटेड के एमडी अशोक सोलोमन को सेक्टर-109 के चिंटल पैराडाइसो सोसाइटी के डी-टावर के फ्लैटों की फाइनल मूल्यांकन रिपोर्ट सौंपा.
उपायुक्त ने कहा कि बिल्डर को जो समय दिया गया है कि उसके अनुसार डी टावर के फ्लैटों का मुआवजा दिए जाए. बिल्डर को मुआवजे का प्रस्ताव देने के आदेश दिए गए. डीसी ने कहा कि सोसाइटी में हादसा हुए एक साल से अधिक हो चुका है.
टावर डी के अलावा ई, एफ टावर की स्ट्रक्चरल आडिट रिपोर्ट भी आ चुकी है. दोनों टावरों को आईआईटी दिल्ली की तरफ से असुरक्षित घोषित कर खाली कराने के आदेश जारी किए जा चुके है. जिसे बिल्डर लोगों को दूसरे जगह शिफ्ट करने का किराया और शिफ्टिंग खर्च दें.
एडीसी ने बताया कि फ्लैटों की कीमत को लेकर आंकी गई रिपोर्ट के बाद निवासियों की आपत्तियां और सुझाव सुने गए. एजेंसी से दोबारा मूल्यांकन करवाया गया है. तकनीकी रूप से फ्लैटों के मूल्यांकन में आई खामियों पर भी ध्यान दिया गया. इसके बाद सामने आई रिपोर्ट बिल्डर और निवासियों के साथ साझा की है. जल्द समाधान किया जाएगा.
डेढ़ माह में सभी टावरों का ऑडिट पूरा होगा
अतिरिक्त उपायुक्त विश्राम कुमार मीणा ने बताया कि बाकी टावरों के स्ट्रक्चरल आडिट का कार्य भी तेजी से पूरा किया जा रहा है. डेढ़ महीने के अंदर सभी टावरों का ऑडिट कार्य पूरा हो जाएगा. बैठक में डीटीपी प्रवर्तन मनीष यादव भी मौजूद रहे. गौरतलब है कि 10 फरवरी 2022 को चिंटल सोसाइटी के डी टावर के छठवे फ्लोर की छत भर भराकर गिर गई थी.