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गुरुग्राम। साइबर सिटी में एक दिल दहला देने वाली घटना सामने आई है। कॉरपोरेट कंपनी में काम करने वाले दंपत्ति द्वारा 13 साल की बच्ची को न केवल बंधक बनाकर उससे काम कराया गया, बल्कि उसके साथ इस कदर हैवानियत की गई कि हर किसी की रूह कांप जाए। बच्ची को आरोपी दंपत्ति ने एक प्लेसमेंट एजेंसी के जरिए अपनी साढ़े तीन साल की बेटी का ध्यान रखने के लिए हायर किया था। दंपत्ति इस मासूम पर सिर्फ इसलिए कहर बरपाया था कि वह काम करने में थोड़ी देर कर देती थी। पांच महीने तक उससे काम कराने के बाद मासूम या उसके परिवार को एक रुपए तक नहीं दिए गए। जब इस बच्ची पर एक व्यक्ति की नजर पड़ी तो उसने एक सोशल एक्टिविस्ट के जरिए बच्ची को बचाने के लिए मदद मांगी। इसके बाद हरियाणा महिला आयोग व बाल कल्याण विभाग के अधिकारी हरकत में आए और बच्ची को रेस्क्यू कर अस्पताल में भर्ती कराया गया।
जानकारी के अनुसार पीड़िता मूल रूप से रांची की रहने वाली है। दंपत्ति ने कुछ महीने पहले ही उसे अपने घर में काम पर रखा था। तभी से दोनों मिलकर उसके ऊपर कहर बरपा रहे थे। बच्ची को रेस्क्यू करने वाली टीम कभी उसकी हालत देखकर दंग रह गई, क्योंकि उसके शरीर का कोई भी अंग ऐसा नहीं है, जहां चोट के निशान न हों। फिलहाल पुलिस पीड़िता के परिजनों से संपर्क करने का प्रयास कर रही है। वहीं पुलिस ने मामला भी दर्ज कर लिया है और आरोपी दंपत्ति पर कार्रवाई करने की बात कही जा रही है।
हैरानी की बात है कि साइबर सिटी के कई घर ऐसे हैं, जिनमें इन मासूमों का जीवन साफ सफाई और मकान के मालिक का गुस्सा सहने में ही बीत जाता है। जब कभी कोई मामला सोशल मीडिया के जरिए या फिर सामाजिक कार्यकर्ताओं के जरिए उठाया जाता है तो ही विभाग भी हरकत में आकर कार्रवाई करता था। अन्यथा तेज रफ्तार से दौड़ रहे शहर में बड़ी-बड़ी सोसायटी के घरों में न जाने कितने ही बच्चे इस तरह के जुल्म सहने को मजबूर हैं। ना जाने कितने ही बच्चे सालों से कैद में रहने को मजबूर हैं। वहीं बच्चों के कल्याण के लिए बनाया गया बाल कल्याण विभाग भी महज फाइलों में ही बच्चों के भविष्य को उज्जवल बना रहा है, लेकिन घरों में कैद होकर बर्बाद हो रहे इस बचपन को बचाने के लिए कोई कदम नहीं उठाए जाते हैं।
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