हरियाणा

40 की उम्र में डिस्कस थ्रो में ब्रॉन्ज, एशियन गेम्स में लगातार तीसरी बार सीमा ने जीता पदक

Shantanu Roy
3 Oct 2023 11:20 AM GMT
40 की उम्र में डिस्कस थ्रो में ब्रॉन्ज, एशियन गेम्स में लगातार तीसरी बार सीमा ने जीता पदक
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सोनीपत। विश्व स्तर पर हरियाणा के खिलाड़ी अपना दमखम हमेशा देश के लिए दिखाते हुए नजर आते हैं, लेकिन आज हम आपको एक ऐसी खिलाड़ी से रूबरू कराने जा रहे हैं, जिनकी उम्र लगभग 40 साल के आसपास है। 40 की उम्र में भी इनके हौसले बुलंद हैं। हम बात कर रहे हैं, चार बार की ओलंपियन, चार बार राष्ट्र मंडल खेलों में पदक जीतने वाली और अब एशियन गेम्स में लगातार तीसरी बार पदक जीतने वाली खिलाड़ी सीमा अंतिल की। सीमा ने एक बार फिर एशियन गेम्स में देश के लिए डिस्कस थ्रो में ब्रॉन्ज मेडल जीता है। सीमा की इस उपलब्धि से परिवार में खुशी का माहौल है।
हरियाणा के पहलवान पहले ही देश के लिए अलग-अलग प्रतियोगिताओं में पदक जीतकर देश का नाम रोशन कर रहे हैं। भारत के तिरंगे को शान से विदेश में लहरा रहे हैं तो दूसरी तरफ हरियाणा के अन्य खेलों के खिलाड़ी भी देश का मान सम्मान बढ़ाने के लिए कोई भी कसर नहीं छोड़ रहे हैं। सोनीपत के गांव खेवड़ा की रहने वाली सबसे अनुभवी एथलीट सीमा एक बार फिर एशियन गेम्स में ब्रॉन्ज मेडल जीत कर देश का नाम रोशन किया है, हालांकि अबकी बार उन्होंने डिस्कस थ्रो में देश के लिए ब्रॉन्ज मेडल जीता है। 40 साल की उम्र में इस तरह की परफॉर्मेंस से सीमा ने लोगों का दिल जीत लिया है। आपको बता दें कि सीमा देश की सबसे अनुभवी एथलीट्स में से एक हैं। वह चार बार देश के लिए ओलंपिक में खेल चुकी हैं और चार बार राष्ट्रमंडल खेलों में देश का नाम रोशन कर चुकी हैं। उनका यह लगातार तीसरा एशियन गेम्स था जहां पर उन्होंने पदक जीता है।
सीमा की इस उपलब्धि पर परिवार में खुशी का माहौल है। सीमा के पिता अपनी बेटी की इस उपलब्धि पर गदगद नजर आ रहे हैं तो उनकी भतीजी भी अपनी बुआ की जीत पर जश्न मनाती हुई नजर आ रही है।उनके पिता विजयपाल का कहना है कि आज हमें सीमा की उपलब्धि पर बहुत ज्यादा खुशी है, लेकिन हमारे साथ-साथ सीमा की उपलब्धि पर देश को भी नाज हो रहा है। 40 साल की उम्र में देश के लिए पदक जीतना किसी भी एथलीट के लिए बहुत बड़ी बात है। इस उम्र तक अपनी सेहत पर ध्यान देने के लिए हर एथलीट को कड़ी मेहनत करनी पड़ती है। वहीं उनकी भतीजी अनुष्का भी अपनी बुआ के नक्शे कदम पर चल कर आगे बढ़ना चाहती हैं।
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