Kurukshetra : हरियाणा सरस्वती हेरिटेज डेवलपमेंट बोर्ड (एचएसएचडीबी) ने कुरुक्षेत्र में राष्ट्रीय राजमार्ग-44 के किनारे तथा बोर्ड द्वारा विकसित किए जा रहे रिवरफ्रंट पर देवी सरस्वती की ऊंची प्रतिमाएं स्थापित करने की योजना बनाई है, ताकि पर्यटकों को आकर्षित किया जा सके।
पर्यटकों को आकर्षित करने के लिए सरस्वती नदी का विकास और सौंदर्यीकरण किया जा रहा है। कुरुक्षेत्र में पिपली के पास ‘सरस्वती वाटिका’ भी विकसित की जा रही है।
हरियाणा सरस्वती हेरिटेज डेवलपमेंट बोर्ड के उपाध्यक्ष धूमन सिंह किरमच ने कहा, “बोर्ड द्वारा नदी को पुनर्जीवित करने और लोगों को इस क्षेत्र में सरस्वती के महत्व के बारे में बताने के प्रयास किए जा रहे हैं। दिल्ली-अंबाला राष्ट्रीय राजमार्ग से सटे पिपली के पास एक रिवरफ्रंट ‘सतस्वती वाटिका’ विकसित की जा रही है। यह राष्ट्रीय राजमार्ग पर यात्रा करने वाले लोगों को रिवरफ्रंट की ओर आकर्षित करेगा। हमने राजमार्ग और रिवरफ्रंट पर देवी सरस्वती की ऊंची प्रतिमाएं स्थापित करने का फैसला किया है। यात्रियों को दूर से ही प्रतिमाएं दिखाई देंगी और हमें उम्मीद है कि परियोजना पूरी होने के बाद इससे बोर्ड को पर्यटकों की संख्या बढ़ाने में मदद मिलेगी। प्रतिमाओं के अलावा बोर्ड ने पिपली के पास फ्लाईओवर की दीवारों का उपयोग करके यमुनानगर के आदि बद्री से लेकर गुजरात के कच्छ तक सरस्वती के किनारे स्थित सभी प्रमुख स्थलों को दीवार चित्रों के माध्यम से दिखाने की भी योजना बनाई है। सरस्वती हेरिटेज सर्किल के अधीक्षण अभियंता को निर्देश दिए गए हैं कि वे ऊंची प्रतिमाएं और दीवार चित्रों की स्थापना के लिए प्रस्ताव और अनुमान तैयार करें, ताकि आगे की कार्रवाई की जा सके। अंबाला में बनाए गए स्वागत द्वार की तर्ज पर पिपली में एक भव्य सरस्वती द्वार बनाने की भी योजना है, जिसके लिए हम राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरणों के साथ मामला उठाएंगे। परियोजना में कुछ समय लगेगा, क्योंकि इसके लिए अनुमति और कई औपचारिकताओं की आवश्यकता होगी। किरमच ने कहा, कुरुक्षेत्र को एक धार्मिक पर्यटन स्थल के रूप में विकसित किया जा रहा है और इसके परिणामस्वरूप हर साल लाखों पर्यटक यहां पहुंचते हैं। पिपली के पास रिवरफ्रंट विकसित करने और आकर्षण बढ़ाने के पीछे मुख्य उद्देश्य कुरुक्षेत्र में अधिक पर्यटकों को आकर्षित करना और लोगों को इसकी समृद्ध विरासत से अवगत कराना है।