इनेलो के प्रधान महासचिव अभय सिंह चौटाला ने कहाकि ये जो बाढ़ आपदा आई है इसके लिए पूरी तरह भाजपा गठबंधन सरकार दोषी है। क्योंकि अगर समय रहते ड्रेनों की सफाई हो जाती तो इस आपदा से बचा जा सकता था। मुख्यमंत्री द्वारा 19 जनवरी, 2023 को फ्लड कंट्रोल बोर्ड की मीटिंग में जारी की गई 1100 करोड़ रुपए बजट की राशि समेत पिछले 8 साल में जारी बजट की राशि को कहां और कैसे खर्च किया गया, उसकी जांच की मांग की। यह मीटिंग हर साल होती है। हर साल इसका हजारों करोड़ रूपए का बजट तय किया जाता है।
अभय सिंह चौटाला ने मंजूर किए गए बजट को विभाग के लोगों द्वारा मंत्री के साथ मिल कर जमकर लूट करने का बड़ा आरोप लगाते हुए कहा कि इन पैसों को केवल कागजों में दिखा दिखाया जाता है लेकिन धरातल पर कोई काम नहीं किया जाता और यह विभाग स्वयं मुख्यमंत्री के पास है।
उन्होंने कहाकि 19 जनवरी-2023 को फ्लड कंट्रोल बोर्ड की स्टेट लेवल मीटिंग हुई थी, इसमें 1100 करोड़ रुपए के 528 प्रोजेक्ट मंजूर हुए थे, जो ड्रेनेज, पानी निकासी, री-यूज, जल संरक्षण और पानी के पुन: उपयोग, भूजल, ड्रेनेज निर्माण, चौड़ा करने आदि पर खर्च करने के लिए स्वीकृत हुए थे। केंद्र की सरकार द्वारा भी 216 करोड़ रूपए बाढ़ आपदा के दिए गए। कुल 1316 करोड़ रूपए का हिसाब भाजपा गठबंधन सरकार प्रदेश की जनता को दे।
इनेलो नेता ने कहाकि 7 जिले बाढ़ की चपेट में आए हुए हैं। भाजपा सरकार इन 7 जिलों को बाढ़ग्रस्त घोषित कर गिरदावरी के आदेश देकर तुरंत किसानों को उनकी बर्बाद हुई फसलों के पैसे दें ताकि किसान अपनी अगली फसल बोने की तैयारी करे। बाढ़ से धान, गन्ना, सब्जियों की फसल और चारा सब नष्ट हो गया है साथ ही पशुओं समेत कई लोगों की मौत हो गई है।
अभय सिंह चौटाला ने कहा कि हरियाणा में बाढ़ जैसी आपदा के पानी की निकासी का बहुत अच्छी व्यवस्था है। जितनी भी ड्रेन बनी हुई हैं वो सभी नहरों से जुड़ी हुई हैं। जिन जिलों में बाढ़ आई है उन जिलों के बाढ़ के पानी को डायवर्ट करके इन नहरों में लाया जा सकता था। लेकिन, विडंबना यह है कि एक तरफ जींद जिला में नहरें सूखी पड़ी हैं और दूसरी तरफ बाढ़ के कारण 7 जिले डूब गए हैं।
उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री बिना काम के हैलिकॉप्टर में घूम रहे हैं। सीएम के पास तो चंडीगढ़ में बैठे ही सारे इलाकों की एक-एक मिनट की रिपोर्ट होनी चाहिए कि कहां पानी पड़ा है, कैसे उसकी निकासी हो रही है और कैसे बाढ़ के पानी को निकालने के प्रबंध किए जा रहे हैं।
उन्होंने कहा कि सरकार के उप-मुख्यमंत्री, मंत्री, विधायक समेत नेता विपक्ष ट्रैक्टरों पर चढ़ कर लोगों का मजाक उड़ा रहे हैं। लोग भूख और प्यास से परेशान हैं, उनकी फसलें और घर उजड़ गए हैं। ये बेशर्मी से फोटो सैशन करवा रहे हैं। यही कारण है कि लोगों को इनके साथ हाथापाई करने की नौबत आ गई। अगर ट्रैक्टर पे जाकर जायजा लेने से इसका समाधान होता तो हमारा एक-एक कार्यकर्ता ट्रैक्टर के साथ जाकर खड़ा हो जाता। आज भी हमारा एक-एक कार्यकर्ता बिना दिखावे के बाढ़ग्रस्त लोगों के बीच में उनकी मदद कर रहा है और उन्हें कोई फोटो सैशन की जरूरत नहीं है।
मुख्यमंत्री के मैच्योर होने पर सवाल का जवाब देते हुए अभय सिंह चौटाला ने कहा कि अगर मुख्यमंत्री मैच्योर होता तो किसी की गर्दन को फरसे से काटने की न कहता। किसी को सेल्फी लेते का कैमरा नहीं तोड़ता। हाईकोर्ट के जज के लिए गलत शब्द का प्रयोग नहीं करता। एक महिला उसके कदमों में दुपट्टा डालती है बजाय उस दुपट्टे को उस महिला के सिर पर रखने के पुलिस वालों को उसे बाहर फैंकने के आदेश न देता।
मुख्यमंत्री सत्ता के गुरूर में है और लोग इसका बहुत बड़ा सबक सिखाएंगे। दुष्यंत ने अपने चहेतों और चाटुकारों को फसल खराबे का किसी को 4 लाख, किसी को 6 लाख, किसी को 7 लाख का मुआवजा गलत तरीके से दिलवाने का गंभीर आरोप लगाते हुए अभय सिंह चौटाला ने कहा कि इसकी भी जांच होनी चाहिए तो पता लग जाएगा कि कैसे सरकारी पैसों को मिलीभगत से लूटा जा रहा है।