
रोहतक: हरियाणा कांग्रेस की पूर्व अध्यक्ष कुमारी सैलजा ने पार्टी संगठन को लेकर बयान दिया है. उन्होंने कहा है कि हरियाणा कांग्रेस की सबसे बड़ी कमजोरी अंदरूनी कलह (Internal Discord Haryana Congress) है. उन्होंने स्पष्ट तौर पर कहा कि यह बात वे पहले भी कह चुकी हैं. वहीं, कांग्रेस नेता कुलदीप बिश्नोई के बारे में उन्होंने कहा कि राज्यसभा चुनाव से पहले ही बात कर लेनी चाहिए थी आखिर वे कांग्रेस विधायक थे. हर मामले में सोनिया गांधी या राहुल गांधी को बीच में नहीं लाना चाहिए. हालांकि अब तो उन्होंने अन्य रास्ते पर जाने का निर्णय ले लिया है.
कुमारी सैलजा ने कहा कि कांग्रेस का सच्चा सिपाही वही है जो विपरीत परिस्थितियों में भी डटा रहे. अब तक हरियाणा में कांग्रेस का संगठन न होने के मुद्दे पर उन्होंने कहा कि मेरे से पहले भी संगठन नहीं बन पाया जिसका नुकसान हुआ है. कांग्रेस पार्टी की सबसे बड़ी कमजोरी पार्टी की अंदरूनी कलह के कारण है जो अब तक संगठन नहीं बन पाया. उन्होंने खुद अध्यक्ष पद से इस्तीफा दिया है और नए अध्यक्ष को बधाई भी दी थी. नए अध्यक्ष की जिम्मेदारी है कि अब कांग्रेस को आगे ले कर जाएं.गोवा से जुड़े मुद्दे पर कुमारी सैलजा ने कहा कि बीजेपी लोकतंत्र को खत्म करने में लगी हुई है. बीजेपी एक के बाद एक राज्य में साम, दाम, दंड, भेद अपनी कर सरकार बनाने में लगे लगी हुई है. महाराष्ट्र के बाद गोवा में बीजेपी खेल रच रही है. बीजेपी सरकार लोकतांत्रिक व्यवस्था को खत्म करने में लगी हुई है.--
हरियाणा के लिए अलग विधानसभा भवन के मुद्दे पर सैलजा ने कहा कि चंडीगढ़ पर हरियाणा दावा न कमजोर होगा बल्कि मजबूत रहेगा. एसवाईएल नहर के पानी को लेकर हरियाणा का शुरू से ही पंजाब के साथ विवाद रहा है. हरियाणा, पंजाब से ही निकला है और वे तो पहले से ही कहती रही हैं कि हरियाणा का बड़ा भाई पंजाब है. अलग विधानसभा भवन अगर चंडीगढ़ में बने तो दावेदारी कमजोर नहीं होगी. अब नया परिसीमन होगा तो विधायकों की सीट भी बढ़ेगी तो नया विधानसभा भवन की जरूरत तो होगी. एसवाईएल नहर के पानी पर सुप्रीम कोर्ट का फैसला ही माना जाएगा.