हरियाणा

बड़ी राहत की खबर, विद्यार्थियों को तीन दिन में मिल जाएगा स्कूल छोड़ने का प्रमाणपत्र

Gulabi Jagat
20 July 2022 4:32 PM GMT
बड़ी राहत की खबर, विद्यार्थियों को तीन दिन में मिल जाएगा स्कूल छोड़ने का प्रमाणपत्र
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बड़ी राहत की खबर
चंडीगढ़। Haryana School Education: हरियाणा के विद्यार्थियोंंके लिए राहत की खबर है। अब उनको आवेदन के तीन दिन के अंदर स्कूल छोड़ने का प्रमाणपत्र (एसएलसी) मिल जाएगा। प्रदेश सरकार ने एसएलसी जारी करने को हरियाणा सेवा का अधिकार अधिनियम के दायरे में ला दिया है। स्कूल मुखियाओं को निर्धारित अवधि में एसएलसी जारी करनी होगी। अनावश्यक लेटलतीफी पर उन्हें जुर्माना देना पड़ सकता है।
एसएलसी को सेवा का अधिकार अधिनियम के दायरे में लाया गया
वहीं, मुख्यमंत्री समान शिक्षा राहत, सहायता एवं अनुदान (चिराग) योजना के तहत 381 निजी मान्यता प्राप्त विद्यालयों में 24 हजार 987 सीटों पर छात्रों को दाखिले देने की प्रक्रिया जारी है। योजना के तहत कक्षा दूसरी से बारहवीं तक के विद्यार्थियों को मान्यता प्राप्त प्राइवेट विद्यालयों में मुफ्त दाखिला दिया जाएगा। हालांकि इसके लिए उनके अभिभावकों की सालाना आय एक लाख 80 हजार रुपये से कम होनी चाहिए और पिछली कक्षा सरकारी स्कूल से पास की हो।
चिराग के तहत 381 निजी स्कूलों में 24 हजार 987 सीटों पर मुफ्त दाखिले की प्रक्रिया जारी
गरीब छात्रों को दाखिले के बदले सरकार निजी स्कूलों को दूसरी से पांचवीं कक्षा तक प्रति छात्र 700 रुपये, छठी से आठवीं तक 900 रुपये और नौवीं से बारहवीं तक प्रति छात्र 1100 रुपये मासिक प्रतिपूर्ति देगी। मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने कहा कि राज्य में निशुल्क व अनिवार्य बाल शिक्षा का अधिकार अधिनियम को पूरी तरह लागू करते हुए सभी मान्यता प्राप्त निजी विद्यालयों में कक्षा पहली या इससे पूर्व की कक्षाओं में 25 प्रतिशत सीटों पर कमजोर वर्ग से संबंधित विद्यार्थियों को निशुल्क शिक्षा प्रदान करने का प्रविधान अलग से किया गया है। सरकारी विद्यालयों में पहली से बारहवीं तक कोई फीस नहीं ली जाती।
पहली से आठवीं तक वर्दी, पाठ्यपुस्तकें, कार्य पुस्तकें, स्टेशनरी, स्कूल बैग एवं दोपहर का भोजन निशुल्क उपलब्ध करवाया जा रहा है। अंग्रेजी माध्यम के बैग फ्री संस्कृति माडल विद्यालयों में गरीब विद्यार्थियों के लिए निशुल्क शिक्षा की व्यवस्था है। एक लाख 80 हजार रुपये से अधिक सालाना आमदनी वाले परिवारों के बच्चों से नाममात्र मासिक अंशदान लिया जाता है।
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