हरियाणा

बड़ी राहत: किसानों के मुआवजे की राशि में हुई भारी बढ़ोतरी

Kunti Dhruw
13 Feb 2022 8:44 AM GMT
बड़ी राहत: किसानों के मुआवजे की राशि में हुई भारी बढ़ोतरी
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हरियाणा (Haryana) सरकार के एक फैसले से किसानों (Farmers) को बड़ी राहत मिली है.

हरियाणा (Haryana) सरकार के एक फैसले से किसानों (Farmers) को बड़ी राहत मिली है. राज्य की मनोहर लाल खट्टर सरकार ने किसानों को दी जाने वाली सहायता राशि को दोगुना से अधिक बढ़ा दी है. शनिवार को इस संबंध में जानकारी देते हुए राज्य के डिप्टी सीएम दुष्यंत चौटाला (Dushyant Chautala) ने कहा कि पहले राज्य सरकार की तरफ से किसानों को 3000 रुपए प्रति एकड़ के हिसाब से आर्थिक सहायता दी जाती थी. हमारी सरकार ने इसे बढ़ाकर 7000 रुपए कर दिया है. निश्चय ही इस फैसले से हमारे किसानों को फायदा होगा.

हिसार जिले में एक जनसभा को संबोधित करते हुए दुष्यंत चौटाला ने कहा कि हमारी सरकार उन किसानों को भी आर्थिक सहायता देने जा रही है, जो अतिवृष्टि के कारण खेतों में जलभराव होने से फसल नहीं बो पाए हैं. उन्होंने कहा कि जलभराव के कारण बुवाई करने में असमर्थ किसानों को राज्य सरकार की तरफ से 7000 रुपए प्रति एकड़ की वित्तीय सहायता दी जाएगी.
एक-एक दाना की होगी खरीद और जल्द होगा भुगतान
किसानों के हित में राज्य सरकार की तरफ से किए जा रहे कार्यों की जानकारी देते हुए चौटाला ने कहा कि अब किसानों को अपनी उपज बेचने के लिए मंडियों में रात नहीं गुजारनी पड़ेगी. पोर्टल पर पंजीकृत किसानों की फसलों का एक-एक दाना खरीदा जाएगा और उनका भुगतान जल्द से जल्द किया जाएगा. ऑनलाइन प्रणाली के माध्यम से खरीद प्रक्रिया में और तेजी लाई जाएगी.
दुष्यंत ने कहा कि गेहूं और सरसों की खरीद के लिए नए खरीद केंद्र भी स्थापित किए जा रहे हैं ताकि किसानों को अपने उत्पाद बेचने में कोई परेशानी न हो. राज्य में 28 मार्च से सरसों की न्यूनतम समर्थन मूल्य पर खरीद शुरू होगी. केंद्र सरकार ने इस बार सरसों का 5050 रुपए प्रति क्विंटल समर्थन मूल्य तय किया है. पिछले साल के मुकाबले एमएसपी में 400 रुपए की बढ़ोतरी हुई है.
14 हजार तालाबों का किया जाएगा नवीवीकरण
डिप्टी सीएम ने कहा कि किसानों को पर्याप्त मात्रा में सिंचित पानी उपलब्ध कराने के लिए नहरों के पुनर्निर्माण का कार्य प्रगति पर है. राज्य के सभी तालाबों के जीर्णोद्धार के लिए सरकार ने 600 करोड़ रुपए की राशि जारी की है. आधुनिक तकनीक से प्रदेश के सभी 14000 तालाबों का दो चरणों में नवीनीकरण किया जाएगा. ऐसी व्यवस्था बनाई जाएगी, जिससे पुराने पानी का इस्तेमाल खेती में होता रहे और नया पानी तालाब में आता रहे.


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