हरियाणा
मेरी फसल मेरा ब्यौरा के नाम पर बड़ा फर्जीवाड़ा, किसानों की सूझबूझ से टल गया फ्रॉड
Shantanu Roy
4 Aug 2022 6:03 PM GMT

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फतेहाबाद। हरियाणा के फतेहाबाद में मेरी फसल मेरा ब्योरा पोर्टल के नाम पर एक बड़ा फर्जीवाड़े सामने आया है। किसानों को मिलने वाले लाभ को हथियाना के लिए किसानों की करीब 100 एकड़ भूमि पर किसी अन्य व्यक्ति ने पंजीकरण करवा लिया। पीड़ित किसान मामले की शिकायत फतेहाबाद के जिला उपायुक्त और एसपी के पास पहुंचे और मामले में कार्रवाई करने की मांग की है। डीसी ने जांच करवाने और जांच में दोषी पाए जाने पर धोखाधड़ी का मामला दर्ज करने का आश्वासन दिया है।
सरकार की तरफ से किसानों को दी जाने वाली राशि को हड़पने की फिराक में थे आरोपी
मामला फतेहाबाद के भुना ब्लॉक का है, जहां मेरी फसल मेरा ब्यौरा पोर्टल पर एक नए तरह के फ्रॉड का पर्दाफाश हुआ है। किसान संघर्ष समिति के बैनर तले किसान गुरुवार को डीसी से मिलने पहुंचे और बताया कि तीन लोगों ने कई किसानों की करीब 100 एकड़ भूमि का फर्जी तरीके से पोर्टल पर फसल बिजाई का रजिस्ट्रेशन करवा लिया है। अब सरकार की तरफ से बुवाई पर मिलने वाले अनुदान व पराली की गांठ की राशि सहित प्रत्येक एकड़ पर 11 हजार रुपए का यह फ्रॉड है। किसानों का कहना है कि 100 एकड़ के हिसाब से एक बड़ी राशि का फर्जीवाड़ा होने वाला था, जो किसानों को पता चलने से टल गया है। किसानों ने इस मामले में पुलिस को भी शिकायत दी है।
फर्जीवाड़े के पीछे बड़े गैंग का हाथ होना का है शक
किसानों ने चेतावनी देते हुए कहा कि यदि कार्रवाई न हुई तो किसान आंदोलन करने से पीछे नहीं हटेंगे। किसानों ने बताया कि भूना इलाके के गांव दिगोई, धोलू व घोटडू के किसानों की करीब 100 एकड़ जमीन पर धान बुवाई का तीन लोगों द्वारा मेरी फसल मेरा ब्यौरा पोर्टल पर फर्जी पंजीकरण करवा दिया गया। अब किसानों को पता चला तो उन्होंने फोन बंद कर लिए और पंजीकरण भी रद्द करवा दिया। उन्होंने बताया कि बिजाई के लिए सरकार 4 हजार रुपये प्रति एकड़ देती है, तो वहीं पंजीकरण करवाने वाले को 200 रुपये प्रति क्विंटल मिलर्स से मिलते हैं। इसके हिसाब से प्रति एकड़ 6 हजार की राशि बनती है। इसके अलावा सरकार द्वारा किसानों को 1 हजार रुपये पराली गांठ पर दिए जाते है। कुल मिलाकर आरोपी प्रति एकड़ पर 11 हजार रुपये का फ्रॉड करने की तैयारी में थे। उन्होंने चिल्लेवाल निवासी अनूप, म्योंद कलां निवासी परविंद्र व लाली निवासी करण पर आरोप जड़े हैं। किसानों को आशंका है कि तीन नामजद आरोपियों के साथ ही इस फर्जीवाड़े के पीछे कोई बड़ा गैंग है, जो इस तरह के काम कर रहा है।
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