हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री और नेता प्रतिपक्ष भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने एसएसएससी (HSSC) भर्ती घोटाले में हुए ताजा खुलासे को लेकर प्रतिक्रिया दी है. उनका कहना है कि सरकार को समर्थन देने वाले निर्दलीय विधायक, उनके बेटे और हरियाणा स्टाफ सिलेक्शन कमीशन सदस्य का नाम भर्तियों की खरीद-फरोख्त में उजागर हुआ है. मीडिया रिपोर्ट और ऑडियो रिकॉर्डिंग ने एक बार फिर विपक्ष के आरोपों पर मुहर लगा दी है. स्पष्ट है कि प्रदेश में कॉन्स्टेबल से लेकर एसआई तक की भर्ती में कैंडिडेट्स से 5 लाख से लेकर 50 लाख रुपये तक की वसूली हो रही थी.
उन्होंने कहा कि इससे पहले भी ग्रुप-डी, क्लर्क से लेकर नायब तहसीलदार, डेंटल सर्जन और एचसीएस (HCS) तक की नौकरियों में भ्रष्टाचार के सबूत सार्वजनिक हो चुके हैं. पेपर लीक और कैश फॉर जॉब (Cash For Job) के एक के बाद एक दर्जनों मामले सामने आए हैं, लेकिन विपक्ष द्वारा सड़क से लेकर विधानसभा तक में मुद्दा उठाए जाने के बावजूद सरकार ने किसी भी मामले की निष्पक्ष जांच नहीं करवाई.
भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने कहा कि हरियाणा के युवा देश में सबसे ज्यादा बेरोजगारी और भर्तियों के नाम पर सबसे ज्यादा भ्रष्टाचार झेल रहे हैं. बीजेपी और बीजेपी-जेजेपी सरकार के दौरान 8 साल में शायद ही ऐसी कोई भर्ती हुई हो, जिसमें भ्रष्टाचार न हुआ हो, लेकिन आज तक किसी भी मामले में उच्च पद पर बैठे हुए व्यक्ति पर कोई कार्रवाई नहीं हुई. इससे स्पष्ट है कि सरकार खुद भर्ती माफिया को संरक्षण दे रही है. इस तरह यह सरकार प्रदेश के 25 लाख बेरोजगारों को धोखा दे रही है.
हुड्डा ने याद दिलाया कि इससे पहले एचपीएससी के उपसचिव अपने दफ्तर में 90 लाख रुपये के साथ रंगे हाथों पकड़े गए थे. आरोपी ने डेंटल सर्जन से लेकर एचसीएस भर्ती में धांधली की बात कबूली थी. अब एचएसएसपी के एक सदस्य पर भी इसी तरह के आरोप लगे हैं यानी भर्ती माफिया भर्ती संस्थाओं में बैठकर बेरोजगार युवाओं से वसूली का रैकेट चला रहा है. पंसारी की दुकान पर सामान की तरह नौकरियां बेची जा रही हैं.
भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने कहा कि इस सरकार में डेंटल सर्जन, एचसीएस भर्ती, एसआई भर्ती, पुलिस कांस्टेबल, ग्राम सचिव, क्लर्क, क्लर्क (बिजली विभाग), एक्साइज इंस्पेक्टर, एग्रीकल्चर इंस्पेक्टर, कंडक्टर भर्ती, आईटीआई इंस्ट्रक्टर, एचटेट पेपर, आबकारी इंस्पेक्टर, नायब तहसीलदार, पीटीआई से लेकर एसिस्टेंट प्रोफेसर तक की भर्ती में पेपर लीक, कैश फॉर जॉब और इंटरव्यू में धांधली जैसे गंभीर मामले सामने आ चुके हैं। बावजूद इसके सरकार उच्चस्तरीय निष्पक्ष जांच से बच रही है. कांग्रेस की मांग है कि दोनों भर्ती कमीशन (HSSC और HPSC) को बर्खास्त कर हाईकोर्ट के सिटिंग जज की निगरानी में तमाम भर्तियों की सीबीआई द्वारा जांच करवाई जाए.