हरियाणा
57 वर्ष के सियासी इतिहास में हरियाणा को भिवानी ने दिए सर्वाधिक 3 मुख्यमंत्री
Shantanu Roy
2 Oct 2023 10:59 AM GMT
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चंडीगढ़। हरियाणा के अब तक के करीब 57 वर्षों के सियासी इतिहास में 10 नेता 24 बार मुख्यमंत्री बने हैं। विशेष बात यह है कि सबसे अधिक 3 मुख्यमंत्री भिवानी जिला से बने हैं। पुराने भिवानी जिला से ताल्लुक रखने वाले चौ. बंसीलाल 4 बार, बनारसी दास गुप्ता 2 बार तो मास्टर हुकम सिंह 1 बार मुख्यमंत्री की कुर्सी तक पहुंचे। इसके अलावा सिरसा भी एक ऐसा जिला है जहां से चौ. देवीलाल एवं उनके बेटे चौ. ओमप्रकाश चौटाला को 7 बार मुख्यमंत्री बनने का अवसर मिला है। गौरतलब है कि हरियाणा गठन के बाद पंडित भगवत दयाल शर्मा पहले मुख्यमंत्री बने। हरियाणा के पहले मुख्यमंत्री भगवत दयाल शर्मा मूल रूप से झज्जर जिला के रहने वाले थे। इसी प्रकार से राव बीरेंद्र ङ्क्षसह गुडग़ांव के पटौदी से जबकि चौधरी बंसीलाल, बनारसी दास एवं मास्टर हुकम सिंह भिवानी से ताल्लुक रखते थे। भजनलाल मूल रूप से हिसार जिला के रहने वाले थे तो चौधरी देवीलाल और ओमप्रकाश सिरसा से ताल्लुक रखते हैं। मास्टर हुकम ङ्क्षसह भिवानी से तो भूपेंद्र ङ्क्षसह हुड्डा रोहतक व मनोहर लाल भी रोहतक जिला से ताल्लुक रखते हैं। हरियाणा में अब तक कुल 10 मुख्यमंत्री हुए हैं। इनमें चौटाला 5 बार, बंसीलाल 4, बार, भजनलाल 3 बार, पंडित भगवत दयाल शर्मा, बनारसी दास गुप्ता, भूपेंद्र ङ्क्षसह हुड्डा व मनोहर लाल 2-2 बार, राव बीरेंद्र ङ्क्षसह, मास्टर हुकम ङ्क्षसह 1-1 बार मुख्यमंत्री बने हैं। अगर क्षेत्र अनुसार बात की जाए तो कुल मिलाकर रोहतक जिले से भूपेंद्र ङ्क्षसह हुड्डा और मनोहर लाल मुख्यमंत्री बने। सिरसा से चौधरी देवीलाल और ओमप्रकाश चौटाला मुख्यमंत्री की कुर्सी तक पहुंचे। भिवानी से चौधरी बंसीलाल, बनारसी दास गुप्ता व मा. हुकम सिंह सी.एम. रहे। फतेहाबाद के मोहम्मपुर रोही से ताल्लुक रखने और बाद में हिसार में बसने वाले भजनलाल मुख्यमंत्री रहे तो गुडग़ांव जिला से ताल्लुक रखने वाले राव बीरेंद्र सिंह और झज्जर के भगवत दयाल शर्मा भी हरियाणा के मुख्यमंत्री बने। ऐसे में हरियाणा के 22 जिलों में से अब तक रोहतक, सिरसा, भिवानी, हिसार, गुडग़ांव, झज्जर जिले ही ऐसे रहे हैं जहां से इस प्रदेश के मुख्यमंत्री बने हैं। हरियाणा के तीसरे मुख्यमंत्री चौ. बंसीलाल एक ऐसा राजनेता रहे जिन्हें सबसे कम उम्र में मुख्यमंत्री बनने का अवसर मिला। वे केवल 41 साल की उम्र में ही साल 1968 में मुख्यमंत्री बन गए थे। चौ. बंसीलाल का जन्म गांव गोलागढ़ में एक किसान परिवार में हुआ। उनके पिता लोहारु में आढ़त का कारोबार भी करते थे। 1946 में उन्होंने दसवीं की। 1950 में प्रभाकर और 1952 में ग्रेजुएशन किया। बाद में उन्होंने लॉ की डिग्री भी हासिल की। कुछ समय तक उन्होंने भिवानी कोर्ट में वकालत भी की। 1958 में वे राजनीति में आ गए। सबसे पहले पंजाब प्रदेश कांग्रेस के सदस्य बने।
चौ. बंसीलाल की छवि एक सख्त प्रशासक की रही। उनके बारे में यह आम माना जाता है कि वे रात को 12 बजे के बाद भी अफसरों को फोन मिला देते थे। वे एक महीने में 25 दिन हरियाणा के दौरे पर रहते थे। हरियाणा में टूरिस्ट काम्पलैक्स बनाने, घर-घर बिजली पहुंचाने, सडक़ व नहरों का निर्माण करने, घंटाघरों को तुड़वाने जैसे किस्से उनसे जुड़े हैं। बंसीलाल 1968 से लेकर 1972, 1972 से लेकर 1975, 1986 से लेकर 1987 और 1996 से लेकर 1999 तक चार बार हरियाणा के मुख्यमंत्री रहे। वे अपने जीवन में साल 1977 में चंद्रावती के सामने भिवानी संसदीय सीट से चुनाव हारे और 1987 में तोशाम विधानसभा क्षेत्र से उन्हें लोकदल के धर्मबीर ङ्क्षसह ने हराया। बाद में अदालत के आदेश पर फैसला बंसीलाल के हक में आया था। रोचक तथ्य यह है कि राज्य के 5 पूर्व मुख्यमंत्री भी उपचुनाव के रण में विजय प्राप्त कर चुके हैं। 1985 में देवीलाल ने महम से उपचुनाव में जीत हासिल की। जबकि वे इससे पहले वे मुख्यमंत्री बन चुके थे। 1986 में बंसीलाल ने तोशाम उपचुनाव में जीत हासिल की और उस समय में वे केंद्र में मंत्री थे और उन्हें कांग्रेस हाईकमान द्वारा भजनलाल की जगह हरियाणा का मुख्यमंत्री बना दिया गया था। जिस पर उन्होंने तोशाम से उपचुनाव लडक़र विजय प्राप्त की। वर्ष 1993 में ओमप्रकाश चौटाला ने नरवाना से जीत दर्ज की और वे भी इससे पहले मुख्यमंत्री बन चुके थे। वर्ष 2005 में भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने किलोई से जीत हासिल की थी और तब वे भी मुख्यमंत्री बन गए थे और रोहतक से सांसद थे। बाद में वे किलोई से उपचुनाव जीतकर विधायक बने। साल 2008 में भजनलाल ने आदमपुर से उपचुनाव जीता था और इससे पहले वे भीतीन बार मुख्यमंत्री बन चुके थे। हरियाणा के 57 वर्षों के सियासी इतिहास में अभी तक 10 नेता मुख्यमंत्री बने हैं। इनमें से तीन राजनेता ऐसे थे जब वे मुख्यमंत्री बने वे विधानसभा के सदस्य भी नहीं थे और मुख्यमंत्री बनने के बाद विधानसभा उपचुनाव जीतकर विधानसभा में पहुंचे। इन नेताओं में चौ. बंसीलाल, चौ. ओमप्रकाश चौटाला व चौ. भूपेंद्र सिंह हुड्डा शामिल हैं। विशेष बात यह है कि जब उक्त तीनों नेता मुख्यमंत्री बने, तब वे तीनों ही सांसद थे। चौ. बंसीलाल व चौ. भूपेंद्र सिंह हुड्डा भिवानी व रोहतक से लोकसभा के सदस्य थे जबकि चौ. ओमप्रकाश चौटाला राज्यसभा के सदस्य थे। इनमें से चौटाला 5 बार, बंसीलाल 4 बार व हुड्डा 2 बार राज्य के मुख्यमंत्री रहे। चौ. ओमप्रकाश चौटाला 2 दिसंबर 1989 को पहली बार मुख्यमंत्री बने और उस समय वे विधायक नहीं थे। इसी तरह से साल 1986 में चौ. बंसीलाल मुख्यमंत्री बने और उस समय वे लोकसभा के सदस्य थे जबकि 2005 में पहली बार चौ. भूपेंद्र सिंह हुड्डा मुख्यमंत्री बने और उस समय वे रोहतक से लोकसभा के सदस्य थे।
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