हरियाणा
भजन लाल परिवार के सबसे छोटी उम्र के सदस्य के रूप में 'भाग्य' आजमा रहे भव्य!
Shantanu Roy
13 Oct 2022 5:35 PM GMT

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बड़ी खबर
चंडीगढ़। हिसार संसदीय क्षेत्र के अंतर्गत आने वाले आदमपुर विधानसभा क्षेत्र में अब उपचुनाव को लेकर जहां सियासी पारा उफान पर चढऩे लगा है तो वहीं राजनीतिक दलों द्वारा अपने अपने 'महारथियों' को भी मैदान में उतारने का सिलसिला तेज कर दिया है। हालांकि अभी तक भाजपा, आम आदमी पार्टी और कांग्रेस की ओर से उम्मीदवारों की घोषणा की जा चुकी है और इनैलो की ओर से कयास लगाए जा रहे हैं कि संभवत: चौ. ओमप्रकाश चौटाला के परिवार से ही किसी सदस्य को उम्मीदवार बनाया जा सकता है।
इस उपचुनाव को लेकर जहां राजनीतिक दलों के दिग्गजों के साथ साथ राजनीतिक पर्यवेक्षकों व लोगों में रोचकता का माहौल है तो वहीं इस उपचुनाव में एक रोचक पहलू ये भी जुड़ गया है कि 3 नवम्बर को होने वाले आदमपुर के उपचुनाव में जहां पूर्व मुख्यमंत्री स्व. चौ. भजन लाल के परिवार से भव्य बिश्नोई तीसरी पीढ़ी के रूप में अपना भाग्य आजमा रहे हैं तो वहीं खास बात ये भी है कि भव्य बिश्नोई अपने परिवार में सबसे कम उम्र में आदमपुर विधानसभा क्षेत्र से चुनाव लडऩे वाले उम्मीदवार भी हैं।
भव्य के दादा चौ. भजन लाल ने जब पहली बार 1968 में आदमपुर विधानसभा सीट से चुनाव लड़ा था तो उस वक्त उनकी आयु 38 साल थी और वे पहली बार विधायक बने थे, जबकि भव्य बिश्नोई इस बार के उपचुनाव में भाजपा की टिकट पर चुनावी मैदान में उतरे हैं तो इस वक्त वे 29 साल के हैं। यह बात अलग है कि इससे पहले जब 2019 के संसदीय चुनाव में भव्य बिश्नोई ने कांग्रेस प्रत्याशी के तौर पर हिसार लोकसभा सीट से पहली बार चुनाव लड़ा था तो वे 26 वर्ष के थे। इस प्रकार पूरे परिवार में वे पहले ऐसे सदस्य हैं जिन्होंने सबसे कम उम्र में चुनावी सियासत में अपना कदम रखा था।
भजन लाल 38 साल की उम्र में बने थे विधायक
गौरतलब है कि आदमपुर विधानसभा सीट एक ऐसी सीट है जहां से भजन लाल परिवार में जीत का जो सिलसिला 1968 में शुरू हुआ था वह लगातार 2019 तक जारी रहा है और इस सफर के दौरान स्वयं चौ. भजन लाल के अलावा उनकी धर्मपत्नी जसमा देवी, पुत्र कुलदीप बिश्नोई व पुत्रवधू रेणुका बिश्नोई यहां से विधायक चुने जा चुके हैं। 6 अक्तूबर 1930 को जन्मे चौ. भजन लाल पहली बार 38 साल की उम्र में 1968 में विधायक चुने गए थे और उन्होंने 9 बार इस विधानसभा क्षेत्र का प्रतिनिधित्व किया। उनके अलावा जब 1987 में उनकी पत्नी जसमा देवी यहां से विधानसभा चुनाव जीत कर पहली बार विधायक बनी तो उस समय उनकी उम्र भी 41 वर्ष थी। भजन लाल बेटे कुलदीप बिश्नोई ने 1998 में पहली बार आदमपुर सीट पर हुए उपचुनाव में जब जीत दर्ज की थी तो वे महज 30 वर्ष के थे, जबकि कुलदीप बिश्नोई की पत्नी रेणुका बिश्नोई भी उन्हीं की तरह 2011 में 38 वर्ष की उम्र में आदमपुर में उपचुनाव जीत कर विधायक निर्वाचित हुईं थी। इस प्रकार प्रदेश के इस बड़े सियासी घराने के 5वें सदस्य के रूप में आदमपुर से अपनी किस्मत आजमा रहे 29 वर्षीय भव्य बिश्नोई परिवार में सबसे छोटी उम्र के सदस्य हैं जो आदमपुर से विधायक बनने का सपना संजोए हुए हैं और यदि वे इस उपचुनाव में जीतते हैं तो आदमपुर सीट से विधायक बनने वाले अपने परिवार के सबसे छोटी उम्र के सदस्य होंगे।
परिवार में छोटी उम्र में विधायक बनने का चंद्रमोहन के नाम है रिकार्ड
पूर्व मुख्यमंत्री स्व. चौ. भजन लाल परिवार के सियासी इतिहास पर नजर दौड़ाएं तो चौ. भजन लाल के बड़े बेटे एवं प्रदेश के पूर्व उपमुख्यमंत्री चंद्रमोहन बिश्नोई ने भले ही आदमपुर से कभी चुनाव नहीं लड़ा मगर वे भी छोटी उम्र में ही चुनावी सियासत में सक्रिय हो गए थे और वे पहली बार 1993 में कालका सीट पर हुए उपचुनाव में कांग्रेस की टिकट पर जीत कर विधायक बने थे। उस वक्त उनकी उम्र मात्र 28 साल थी। इस प्रकार परिवार में सबसे छोटी उम्र में विधायक बनने का रिकार्ड चंद्रमोहन के नाम दर्ज है। चंद्रमोहन ने अपनी चुनावी सियासत कालका से शुरू करते हुए पहला चुनाव 1993 में जीता और उसके बाद वे लगातार 3 चुनाव जीते और 2005 में चौ. भूपेंद्र सिंह हुड्डा की सरकार में उपमुख्यमंत्री भी रहे। इस परिवार के मुखिया चौ. भजन लाल केंद्रीय मंत्री रहने के साथ साथ 3 बार प्रदेश के मुख्यमंत्री भी रहे और उनके छोटे बेटे कुलदीप बिश्नोई 4 बार विधायक रहने के साथ साथ 2 बार हिसार व भिवानी से सांसद भी निर्वाचित हुए।
भजन लाल परिवार के 5 में से 4 सदस्य उपचुनाव में बने हैं विधायक
खास बात यह भी है कि पूर्व मुख्यमंत्री चौ. भजनलाल परिवार के जिन 5 सदस्यों को अब तक विधानसभा में पहुंचने का अवसर मिला है, उनमें से 4 सदस्य उपचुनाव जीत कर विधायक बने हैं । इनमें स्वयं भजनलाल, उनके दोनों पुत्र चंद्रमोहन बिश्नोई व कुलदीप बिश्नोई तथा पुत्रवधु रेणुका बिश्नोई शामिल हैं । भजन लाल 2008 में आदमपुर में हुए उपचुनाव में हजकां टिकट पर विजयी हुए थे और उनके ब?े बेटे चंद्रमोहन 1993 में कालका सीट से कांग्रेस टिकट पर तो उनके छोटे बेटे कुलदीप बिश्नोई 1998 में कांग्रेस टिकट पर आदमपुर से उपचुनाव जीते थे ।
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