हरियाणा में जींद जिले की जनंसख्या बहुत तेजी से बढ़ रही है लेकिन उस हिसाब से सुविधाएं नहीं बढ़ रही हैं। जिले में जनसंख्या के हिसाब से सबसे अधिक शिक्षा व स्वास्थ्य के सुधार की जरूरत है। 1966 में जब जींद जिला बना उस समय जिले की जनसंख्या तीन लाख 70 हजार थी लेकिन अब आबादी 15 लाख को पार कर गई है। कभी जींद शहर में तांगा चौक के नाम से 10 दुकानों में ही पूरा बाजार था लेकिन आज रेलवे स्टेशन से लेकर पिंडारा गांव तक लगभग 12 किलोमीटर तक फैल गया है।
बढ़ती जनसंख्या के अनुसार सुविधाएं नहीं मिल रही हैं। शहर में सीवरेज की समस्या बड़ी गंभीर है। स्कूलों में सीट तो अस्पतालों में चिकित्सक नहीं हैं। जिस हिसाब से आबादी बढ़ी है, उस हिसाब से जिला पूरी तरह तैयार नहीं किया जा रहा है। शहर में पार्किंग की कोई सुविधा नहीं है।
बाजारों में भीड़ इतनी ज्यादा बढ़ गई है कि यहां से व्यक्ति बाइक पर नहीं निकल सकता। पैदल भी बड़ी मुश्किल से निकला जा सकता है। जिस समय जिला अलग बना था, उस समय लोग तांगा या रिक्शा में चलते थे लेकिन आज शहर से तांगा व रिक्शा पूरी तरह से गायब हो गए हैं। इनके स्थान पर ई-रिक्शा व ऑटो चल पड़े हैं। शहर में ऐसी कोई सड़क नहीं जहां पर एक मिनट में 100 से अधिक वाहन नहीं निकलते हों। पटियाला चौक तथा गोहाना रोड पर तो यह संख्या 500 के पार है।
भविष्य के लिए चुनौतियां
शहर में कुल आपूर्ति का 20 से 25 प्रतिशत पानी लीकेज और चोरी के चलते बर्बाद हो रहा है। इसके अलावा भूजल कई गांवों में तो 100 मीटर को भी पार कर गया है। जिला प्रशासन ने ऐसे 22 गांवों का चयन किया है, जहां भूजल काफी नीचे हैं। यहां किसानों को टपका सिंचाई पर शतप्रतिशत सब्सिडी देने का प्रावधान किया है।
तेजी से बढ़ रही गाडिय़ां
शहर में जहां पहले तांगे व रिक्शा थी, अब महंगी-महंगी गाडिय़ां सड़क पर दौड़ती नजर आती हैं। जनसंख्या बढने के साथ-साथ गाड़ियों की संख्या भी बढ़ गई है। जिले में एक हजार लोगों पर 380 गाडिय़ां हैं। शहर में यह संख्या 700 के पार है।
जींद में जनसंख्या के हिसाब से धर्म
धर्म का नाम जनसंख्या प्रतिशत
हिंदू 95.69
मुस्लिम 1.73
ईसाई 0.07
सिख 2.18
बौद्ध 0.01
जैन 0.19
अघोषित 0.12
भाषा
जिले में 99 प्रतिशत लोग हिंदी भाषा का प्रयोग करते हैं जबकि एक प्रतिशत लोग पंजाबी भाषा बोलते हैं।
जिले में पहले व अब की स्थिति
1966 2022
क्षेत्रफल 2691 वर्ग किलोमीटर 2702 वर्ग किलोमीटर
आबादी 370010 15 लाख पार
गांव 301 299
नगरपरिषद/पालिका 05 05
उपमंडल 02 04
पुलिस थाना 05 13
साक्षरता दर 18.51 75.7
1971 1981 1991 2001 2011 2022
369610 636428 797560 1189827 1334152 15 लाख पार
जिले की जनंसख्या तेजी से बढ़ती जा रही है। इसको नियंत्रित करने के लिए स्वास्थ्य विभाग द्वारा परिवार नियोजन के कार्यक्रम चलाए जा रहे हैं। जनसंख्या पर नियंत्रण करना बहुत जरूरी है। -डॉ. मंजू कादियान, सिविल सर्जन
आबादी का सीधा असर पर्यावरण और संसाधन पर पड़ता है। जनसंख्या दबाव के कारण पर्यावरण प्रदूषण बढ़ता है। जनसंख्या वृद्धि से वायु, जल और मृदा प्रदूषण के स्तर में तेजी से इजाफा हो रहा है। -किताब सिंह भनवाला, रिटायर्ड बीईओ
शहर जनसंख्या का दबाव झेल रहा है। लगातार बढ़ती जनसंख्या का असर संसाधनों पर हो रहा है। युवा बाहर की तरफ जा रहे हैं। आने वाले समय में जनंसख्या में बढ़ोतरी के कारण पढ़ाई, दवाई और कमाई के साधन पर गहरा असर पड़ेगा। अस्पताल, स्कूल और कॉलेज कम पड़ जाएंगे। -डॉ. सुनील फौगाट, अर्थशास्त्री
पिछले कुछ समय से गांव और शहर में आबादी काफी तेजी से बढ़ रही है। इसकी वजह से शहर पर दबाव बढ़ता जा रहा है। शहर में जरूरत के अनुसार सुविधाएं मुहैया करवाई जा रही है। कोशिश रहती है कि शहर में किसी भी व्यक्ति को मूलभूत सुविधाओं के लिए परेशानी नहीं उठानी पड़ी। जनसंख्या नियंत्रण की सख्त जरूरत है। -डॉ. अनुराधा सैनी, चेयरपर्सन नगर परिषद
जनसंख्या बढने से शहर में ट्रैफिक बढ़ा है। खुला वातावरण कम हो गया है। इमारत, स्कूल, कॉलेज, अस्पताल बन गए हैं लेकिन सुविधाएं कम होती जा रही हैं। इनको और बढ़ाने की जरूरत है। शहर में सबसे बड़ी संख्या सीवरेज ओवरफ्लो तथा सड़कों की हालत की है। यह व्यवस्था बहुत खराब है। इसके अलावा पॉश कॉलोनियों की हालत गांवों जैसी है। सुविधाएं बढ़ाने की बहुत जरूरत है। -टेकराम कंडेला, खाप नेता
जिस प्रकार से शहर व गांवों की आबादी बढ़ रही है, उस हिसाब से सुविधाएं नहीं बढ़ रही हैं। जिले में स्वास्थ्य और शिक्षा को मजबूत करने की जरूरत है। नागरिक अस्पताल में चिकित्सकों की कमी के कारण बीमार लोगों को दूसरे शहरों में जाना पड़ता है। सरकार को जनसंख्या के हिसाब से सुविधाएं भी बढ़ानी चाहिएं। चौधरी रणबीर सिंह विश्वविद्यालय में भी काफी सुविधाएं बढ़ाने की जरूरत है। -परमेंद्र सिंह ढुल, पूर्व विधायक।
शहर की जनसंख्या बढने से ट्रेफिक, ड्रेनेज सिस्टम पर दबाव बढ़ा है, लेकिन भविष्य को बेहतर बनाने के लिए सरकार की तरफ से हर संभव कदम उठाए जा रहे हैं। शहर में जाम नहीं लगे इसके लिए हांसी रोड, पटियाला चौक, रोहतक रोड, भिवानी रोड, पिंडारा गांव, गोहाना रोड पर आओबी बनाए गए हैं। स्वास्थ्य सुविधाओं को बेहतर करने के लिए जींद में मेडिकल कॉलेज का निर्माण चल रहा है। पुराने बस स्टैंड को नए बस स्टैंड पर खुली जगह में शिफ्ट किया गया है। शिक्षा के क्षेत्र में जिले में विश्वविद्यालय खोला गया है। समय के अनुसार और जरूरत के अनुसार विकास किया जा रहा है। -डॉ. कृष्ण मिड्ढा, विधायक जींद।