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हरियाणा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को पुलिस प्रौद्योगिकी मिशन पर जोर दिया जिससे सभी राज्यों को अपराध की रोकथाम के लिए सबसे अच्छी साझा प्रौद्योगिकी और आपसी सहयोग मिल सके. आंतरिक सुरक्षा के मुद्दों पर विचार-विमर्श के लिए राज्यों के गृह मंत्रियों की एक बैठक चिंतन शिविर को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि सर्वोत्तम तकनीक सुनिश्चित करते हुए राज्यों को किसी भी बजटीय बाधाओं से बचना चाहिए जो तकनीकी प्रगति को अपनाने के रास्ते में आ सकती हैं. प्रधानमंत्री ने कहा कि आपराधिक दुनिया का वैश्वीकरण हो गया है और जोर दिया कि हमें उनसे (अपराधियों) दस कदम आगे रहने की जरूरत है.
प्रधानमंत्री ने कहा कि अपराध अब स्थानीयकृत नहीं है और अंतरराज्यीय, अंतरराष्ट्रीय अपराध के मामले बढ़ रहे हैं. मोदी ने कहा कि इसीलिए राज्य एजेंसियों के बीच तथा केंद्र और राज्य एजेंसियों में आपसी सहयोग महत्वपूर्ण होता जा रहा है. उन्होंने कहा कि चाहे साइबर अपराध हो या हथियारों या नशीले पदार्थों की तस्करी के लिए ड्रोन तकनीकों का इस्तेमाल, सरकार को इस खतरे से निपटने के लिए नयी तकनीकों की दिशा में काम करते रहने की जरूरत है. प्रधानमंत्री ने कहा कि स्मार्ट तकनीक की मदद से कानून-व्यवस्था को बेहतर बनाया जा सकता है.
उन्होंने कहा कि 5जी तकनीक अपने फायदों के साथ उच्च सतर्कता की जरूरत भी रेखांकित करती है. मोदी ने कहा कि 5जी की मदद से चेहरा पहचान तकनीक, ऑटोमैटिक नंबर प्लेट पहचान प्रौद्योगिकी, ड्रोन और सीसीटीवी से जुड़ी तकनीक के प्रदर्शन में कई गुना सुधार होने जा रहा है. उन्होंने कहा कि लेकिन, जिस गति से हम आगे बढ़ रहे हैं, अपराध करने वाली दुनिया भी वैश्वीकृत हो गई है और वे अंतरराज्यीय भी हो गए हैं. प्रधानमंत्री ने कहा कि वे प्रौद्योगिकी में भी आगे हो गए हैं, जिसका अर्थ है कि हमें उनसे दस कदम आगे रहने की जरूरत है.
उन्होंने मुख्यमंत्रियों और गृह मंत्रियों से बजट की बाधाओं से परे जाकर प्रौद्योगिकी की आवश्यकता का गंभीरता से आकलन करने का अनुरोध किया क्योंकि यह तकनीक आम नागरिकों के बीच सुरक्षा को लेकर विश्वास को जगाएगी. मोदी ने अपने संबोधन में कहा कि हमें अपनी कानून-व्यवस्था को स्मार्ट बनाने की जरूरत है.मेरा अनुरोध है कि कृपया तकनीक को बजटीय (बाधाओं) से न तौलें.
प्रधानमंत्री ने केंद्र सरकार के पुलिस प्रौद्योगिकी मिशन का उल्लेख किया और एक साझा मंच की आवश्यकता पर जोर दिया क्योंकि विभिन्न राज्यों की अलग-अलग प्रौद्योगिकियों का एक-दूसरे से जुड़ाव नहीं है. मोदी ने कहा कि कई राज्य अपनी क्षमताओं में इस पर (तकनीकी उन्नयन) काम कर रहे हैं. लेकिन जो बात सामने आई है वह यह है कि हमारी प्रौद्योगिकियां का एक-दूसरे से जुड़ाव नहीं है, इसलिए हमारी ऊर्जा बर्बाद हो जाती है. उन्होंने राज्यों से एक साझा मंच के बारे में खुले मन से सोचने के लिए कहा. मोदी ने कहा कि हमारे पास एक अखिल भारतीय दृष्टिकोण होना चाहिए, हमारी सभी सर्वोत्तम प्रथाएं साझा करने योग्य होनी चाहिए और एक समान जुड़ाव होना चाहिए.
Admin4
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