भ्रष्ट अफसरों की गिरफ्तारी के लिए मंजूरी की ज़रूरत नही, मुख्य सचिव ने जारी किए निर्देश
सिटी न्यूज़: हरियाणा सरकार ने भ्रष्ट अधिकारियों और कर्मचारियों पर शिकंजा कस दिया है। विजिलेंस ब्यूरो में सीबीआई के सेवानिवृत्त अधिकारियों की तैनाती के बाद अब सरकार ने निर्देश जारी किए हैं कि किसी भी विभाग के भ्रष्ट अधिकारी या कर्मचारी को गिरफ्तार करने के लिए विभाग की अनुमति जरूरी नहीं होगी। मुख्य सचिव संजीव कौशल ने रिश्वतखोर अधिकारियों-कर्मचारियों के संबंध में सभी विभागों के प्रशासनिक सचिवों, पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट के रजिस्ट्रार, सभी जिला एवं सत्र न्यायाधीश, सभी मंडलायुक्तों, बोर्ड-निगमों के प्रबंध निदेशकों, डीसी, एसडीएम तथा सभी विश्वविद्यालयों के रजिस्ट्रार को पत्र जारी किया है। उल्लेखनीय है कि केंद्र सरकार ने भ्रष्टाचार उन्मूलन अधिनियम-1988 में वर्ष 2018 में संशोधन करके उसमें धारा-17ए जोड़ी है।
नए नियम-17ए के लागू होने के बाद अब किसी भी अधिकारी या कर्मचारी को अनावश्यक लाभ लेने अथवा स्वीकार करने का प्रयास करने पर मौके पर गिरफ्तार करने के लिए सरकार या सक्षम अधिकारी से पूर्व अनुमति की जरूरत नहीं है। इस बारे में सरकार 7 जनवरी, 2022 को विस्तृत मानक संचालन प्रक्रिया (स्टैंडर्ड ऑपरेटिंग प्रोसिजर) जारी कर चुकी है। मुख्य सचिव ने सभी संबंधित अधिकारियों से कहा है कि नई व्यवस्था लागू होने के बाद मौके पर गिरफ्तारी के लिए अब किसी परमिशन की जरूरत नहीं है।