हरियाणा
पूर्व सरपंच पवन हत्याकांड में अंकित और सचिन दोषी करार, चार को किया आरोप मुक्त
Tara Tandi
30 Aug 2023 11:05 AM GMT
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भिवानी में अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश (प्रथम) अश्वनी गोयल की अदालत ने बड़ेसरा गांव के पूर्व सरपंच पवन हत्याकांड में दो अभियुक्तों अंकित और सचिन को दोषी करार दिया है। अदालत ने चार नामजद आरोपियों आनंद उर्फ बबलू, उसकी पत्नी सुदेश, विकास उर्फ पिल्लू और राजेश उर्फ राजा को आरोप मुक्त कर दिया है। बुधवार को दोनों अभियुक्तों को सजा सुनाई जाएगी।14 अक्तूबर 2019 की शाम को बुलेट सवार दो युवकों ने घर के आगे ही गोली मारकर पवन की हत्या कर दी थी। हत्या में 11 नामजद लोगों के खिलाफ बवानीखेड़ा पुलिस थाना में साजिश के तहत हत्या सहित संबंधित धाराओं के तहत केस दर्ज हुआ था।
पुलिस की ओर से न्यायालय में पेश किए गए चालान और एफआईआर के अनुसार गांव बड़ेसरा निवासी राजकुमार ने बवानीखेड़ा पुलिस थाना में शिकायत दी थी। इसमें उसने बताया था कि 14 अक्तूबर 2019 की शाम सात बजे वह अपने चचेरे भाई पवन कुमार के साथ सीसर रोड पर बने बालाजी मंदिर से अपनी-अपनी बाइक से घर लौट रहे थे।
गांव बड़ेसरा बस स्टैंड से एक बुलेट सवारों ने पवन की बाइक का पीछा करना शुरू किया। पवन अपने घर के समीप पहुंचा। इस बीच मौका पाकर बुलेट सवार दो युवकों ने पवन की बाइक का रास्ता रोक कर उस पर ताबड़तोड़ गोलियां बरसा दीं। इससे पवन बाइक सहित नीचे गिर गया और उसकी मौके पर ही मौत हो गई।
इन युवकों ने कहा कि बलजीत व भल्लेराम को पहले मार दिया था अब तीसरा भी मार दिया। 2017 में हुए बलजीत और भल्लेराम हत्याकांड के मामले में पवन मुख्य गवाह था। इसी रंजिश में आरोपियों ने केस में समझौते का दबाव बनाने और फिर केस में गवाही देने पर जान से मारने की धमकी भी दी थी। पवन की हत्या के मामले में बवानीखेड़ा पुलिस ने 11 नामजद के खिलाफ एफआईआर दर्ज की थी।
इसी माह बलजीत व भल्लेराम हत्याकांड में आया था कोर्ट का फैसला
बड़ेसरा के बहुचर्चित बलजीत और उसके चाचा भल्लेराम की हत्या मामले में 14 अगस्त को भिवानी न्यायालय ने 18 लोगों को दोषी करार देते उम्रकैद की सजा सुनाई थी। बड़ेसरा हत्याकांड में बबलू पक्ष के पांच और बलजीत पक्ष के एक व्यक्ति की हत्या हो चुकी है।
18 को हो चुकी है बलजीत हत्याकांड में उम्रकैद
16 अगस्त को बड़ेसरा हत्याकांड में आनंद उर्फ बबलू सहित 18 अभियुक्तों को उम्रकैद सजा सुनाई जा चुकी है। इनमें गांव बड़ेसरा निवासी आनंद उर्फ बबलू पूर्व सरपंच, पवन उर्फ भोलू, कपूर, वजीर, जगवंत, बलवान, प्रमोद उर्फ मोनी, पवन, रवींद्र, सबीर, अजीत उर्फ जीता, कर्मवीर, आनंद उर्फ बबलू का भाई लेहणा, सोनू, नरेश, सुधीर शामिल हैं।
अब तक दोनों पक्षों से छह लोगों की हो चुकी हैं हत्या
गांव बड़ेसरा निवासी बलजीत ने 2017 में गांव की सरपंच सुदेश के खिलाफ आरटीआई लगाई थी। उसमें सुदेश की दसवीं कक्षा की मार्कशीट फर्जी पाई गई थी। इसके बाद से दोनों पक्षों में रंजिश हो गई थी। इसी रंजिश में बलजीत और उसके परिवार के पांच लोगों की हत्या की जा चुकी है। वर्ष 2017 में बलजीत व उसके चाचा भल्लेराम और ताऊ महेंद्र की गोली मारकर हत्या कर दी थी। 14 अक्तूबर 2019 को गवाह पूर्व सरपंच पवन की भी हत्या कर दी गई थी। 2020 में बलजीत के ताऊ की घर के सामने ही तीन गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। इसके अलावा परिवार के कई लोगों पर जानलेवा हमला हो चुका था। वहीं, बबलू पक्ष के 50 वर्षीय महेंद्र की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। इस हमले में मास्टर अजीत उर्फ बालिया गंभीर रूप से घायल हो गए थे।
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