हरियाणा

Ambala : प्री-मानसून की जून माह के आखिरी में होने वाली दस्तक

Tara Tandi
4 Jun 2024 10:48 AM GMT
Ambala  :  प्री-मानसून की जून माह के आखिरी में होने वाली दस्तक
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ambala अंबाला। प्री-मानसून की जून माह के आखिरी में होने वाली दस्तक पर अंबाला छावनी टांगरी नदी की जद में बसे सैकड़ों लोगों का तनाव एक बार फिर बढ़ गया है। जबकि सिंचाई विभाग की बात करें तो पिछली तबाही से सबक लेकर अभी तक कोई ठोस कदम नहीं उठाए हैं।
टांगरी में फैलाव और गहराई के अलावा बांध की मजबूती के लिए जो भी कार्य किए जाने थे वो आचार संहिता की भेंट चढ़ गए हैं। इनमें बब्याल, रामपुर सरसहेड़ी में पत्थर का बांध बनाने से लेकर माइनिंग आदि काम शामिल है। यह काम समय रहते सिरे चढ़ते तो टांगरी नदी में सुधार देखने को मिल सकता था और लोगों की टेंशन भी कम हो जाती, लेकिन इनमें से कोई भी काम अभी तक शुरू ही नहीं हो पाया।
जबकि विभागीय अधिकारियों का कहना है कि जल्द ही इन्हें अमली जामा पहनाया जाएगा। उनका कहना है कि सभी कामों की अनुमति मिल चुकी है। दरअसल, पिछली बार टांगरी नदी में पहाड़ों में हुई भारी बरसात के बाद भारी मात्रा में पानी आ गया था। स्थिति यह बन गई थी कि कॉलोनी के जद में बसे सैकड़ों मकान जलमग्न हो गए थे। यहां तक कि परिवार सड़कों पर आ गए थे। लाखों रुपये का नुकसान भी लोगों को उठाना पड़ा था। वो मंजर आज भी टांगरी नदी की जद में बसे कुछ मकानों में आज भी दिखाई दे रहा है, जहां दीवार को मिट्टी चढ़ी हुई है और खराब सामान छतों पर पड़ा है। अभी तक सभी को मुआवजे का भी इंतजार है।
पानी आने के बाद हुए नुकसान के बाद सिंचाई विभाग की तरफ से नदी के कमजोर बांध की सूची तैयार की गई थी। ऐसे में सबसे पहले बब्याल और रामपुर सरसेहड़ी बांध को पत्थर लगाकर मजबूत करना था। इसके तहत रामपुर सरसेहड़ी में 42 सौ फीट तो बब्याल में 76 सौ फीट का बांध तैयार होना था। इसके अलावा माइनिंग का भी काम शुरू किया जाना था। ताकि नदी में ज्यादा से ज्यादा खुदाई होने के बाद पहाड़ों से आने वाला पानी बीच में रही। साथ ही बांध से पार होने के बाद आसपास की कॉलोनियों में मार न कर सके।
नदी के बीच अस्थाई बांध भी खराब
अमर उजाला की टीम ने जब टांगरी नदी में जाकर देखा तो वहां की स्थिति बेहद चिंता जनक दी। विभाग की अधूरी तैयारियों ने आसपास के लोगों के लिए परेशानी बन चुकी है। नदी के बीच विभाग की तरफ से घरों में पानी की मार कम करने के लिए बनाए गए अस्थाई बांध भी जगह-जगह से खराब स्थिति में थे। कहीं से मिट्ठी ढह चुकी थी तो कहीं लोगों ने रास्ता तक बनाया हुआ था। ऐसे में पानी आता है तो वह आसानी से कॉलोनी में मार करेगा। यहां तक कि टांगरी नदी में अभी तक जगह-जगह जंगली पौधों तक की सफाई नहीं की गई है।
वर्जन
आचार संहिता के चलते अभी तक टांगरी नदी से जुड़े कामों के टेंडर नहीं हो पाए है। जल्द ही टेंडर लगाकर इन कामों को शुरू कर दिया जाएगा। बब्याल और रामपुर सरसेहड़ी बांध पर पत्थर लगाने का काम होना है तो वहीं खुदाई का भी काम है। वैसे विभाग पूरी तरह से अलर्ट है।
अमित रघुवंशी, एसई, सिंचाई विभाग अंबाला
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