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कृषि विभाग ने जारी की एडवाइजरी: प्रत्येक गांव में मुनादी करवाने का फैसला लिया गया

Admin Delhi 1
6 Aug 2022 11:00 AM GMT
कृषि विभाग ने जारी की एडवाइजरी: प्रत्येक गांव में मुनादी करवाने का फैसला लिया गया
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सोनीपत न्यूज़: जिले में जुलाई-अगस्त माह में हो रही बारिश धरती-पुत्रों के लिए आफत बनती जा रही हैं। बारिश ने धान की खेती को छोड़कर कपास की खेती करने वाले किसानों की परेशानी बढ़ा दी हैं। बरसात की वजह से बने हालातों के कारण कपास सफेद मक्खी व गुलाबी सुंडी रोग के प्रकोप का खतरा कई गुणा बढ़ गया है। जिसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि मुख्यालय द्वारा कृषि विभाग को कपास की फसल में सफेद मक्खी व गुलाबी सुंडी रोग से होने वाले नुकसान को रोकने के लिए किसानों को सतर्क करने के निर्देश दिए है। जिसके बाद कृषि विभाग ने प्रत्येक गांव में मुनादी करवाने का फैसला किया है। इसके अतिरिक्त कृषि विभाग की टीमें कपास में रोगों की मॉनिटरिंग करने के लिए भी तैनात की गई है। ताकि किसानों को समय पर छिड़काव व अन्य गाइड लाइन दी जा सके। बता दें कि जिले में मानसून पूरी तरह से सक्रिय है। लगभग हर रोज बरसात हो रही है। बरसात के कारण कीटों के अनुकूल मौसम हो गया है। ऐसे में कपास की खेती में सफेद मक्खी और गुलाबी सुंडी रोग के फैलने का खतरा भी कई गुणा बढ़ गया है। प्रदेश के कुछ हिस्सों में सफेद मक्खी का प्रकोप भी दिखाई दिया है। जिसके बाद कृषि विभाग पूरी तरह से सतर्क हो गया है।

प्रदेश के 15 जिलों में अलर्ट हुआ जारी, कृषि एक-एक पहलू पर रख रहे नजर: कृषि विभाग की तरफ से प्रदेश के पानीपत, रोहतक, झज्जर, भिवानी, पलवल, गुरुग्राम, फतेहाबाद, हिसार, सिरसा आदि जिले में किसानों व कृषि अधिकारियों को अलर्ट रहने के दिशा-निर्देश दिए हैं। कृषि उपनिदेशकों को निर्देश जारी किए गए है कि वे विशेष जागरूकता कैंपों का भी आयोजन करे, ताकि किसान रोगों के प्रति पूरी तरह से सतर्क रह सके। सोनीपत जिले में करीब 6 हजार हैक्टेयर भूमि में कपास की बिजाई किसानों ने की है। पिछले साल कपास का उत्पादन कम होने से किसानों को काफी आर्थिक नुकसान झेलना पड़ा था। इस बार भी लगातार बरसात होने की वजह से कपास के खेतों में जल भराव का संकट भी मंडरा रहा है। कृषि विभाग ने किसानों का आह्वान किया है कि वे कपास की फसल में जल भराव न होने दे।

जमकर हुई बारिश: अगस्त माह में भी मानसून जिले में पूरी तरह से सक्रिय बना हुआ है। शुक्रवार को भी मानसून के सक्रिय होने के कारण जिले के अधिकतर क्षेत्रों में झमाझम बरसात हुई है। जिसके कारण कपास व बाजरा उत्पादक किसानों की चिंता बढ़ गई है, लेकिन धान उत्पादक किसानों को बड़ी राहत मिली है। जिले में 90 हजार हेक्टेयर भूमि में धान की रोपाई की गई है। धान के अतिरिक्त हरे चारे की फसलों को भी फायदा पहुंचा है। बरसात से किसानों का सिंचाई का खर्च काफी कम हो गया है।

बारिश के दिनों में सबसे ज्यादा कीट पैदा होते हैं। जोकि फसलों को नुकसान पहुंचाने का काम करते हैं। कपास फसल में भी सफेद मक्खी व गुलाबी सुंडी रोग के फैसने की सम्भावना बढ़ जाती है। ऐसे में कृषि विभाग ने किसानों को विशेष तौर पर जागरूक करने का फैसला किया है। किसानों का आह्वान किया गया है कि वे हर रोज खेत का निरीक्षण करे। विभाग की टीमें भी ब्लाक स्तर पर फसलों की ग्रौथ पर नजर बनाए हुए है। अनिल सहरावत, जिला कृषि अधिकारी।

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