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सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद हजारों लोगों को सताने लगा मकान खोने का डर, जानिए पूरी खबर

Admin Delhi 1
23 July 2022 11:57 AM GMT
सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद हजारों लोगों को सताने लगा मकान खोने का डर, जानिए पूरी खबर
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बाढड़ा न्यूज़: बाढड़ा कस्बा आधे से अधिक शामलात देह व जुमला मुश्तरका मालकान की जमीन पर बसा हुआ है। जिसके चलते अपनी कष्ट कमाई की जमा पूंजी से यहां दुकान मकान खरीदने वाले लोगों के लिए बड़ी परेशानी खड़ी हो गई है। सुप्रिम कोर्ट द्वारा प्रदेश में शामलात दे जमीन का मालिकाना हक संबंधित ग्राम पंचायतों व नगर पालिका के नाम करने के आदेश जारी किए है। बाढड़ा में करीब दो दर्जन खेवट ऐसी है जिनकी कई एकड़ जमीन शामलात की है जिससे हजारों लोगों को अपनी दुकान व मकान का मालिकाना हक खोने का डर सताने लगा है। सुप्रीम कोर्ट द्वारा शामलात देह व जुमला मुश्तरका मालकान हक ग्राम पंचायतों व नगर पालिकाओं के नाम करने के आदेश दिए गए है। जिसके बाद सरकार द्वारा जिला उपायुक्तों को आदेशों की पालना के लिए लिखा गया है। इसी कड़ी में दादरी जिला प्रशासन द्वारा बाढड़ा प्रशासन को पत्र भेजकर इस की पालना के लिए सख्त आदेश दिए गए हैं। वहीं नियमों की पालना नहीं होने पर रिमाइंडर भी भेजा गया है ताकि शीघ्र इस पर कार्रवाई की जा सके। आदेशों के बाद बाढड़ा भू.राजस्व विभाग ने तो शामलात दे जमीन के आंकड़े एकत्रित करने भी शुरू कर दिए हैं। वहीं दूसरी ओर भू.मालिकों पर उनकी प्रोपर्टी खोने का डर सताने लगा है। जिससे उनकी चिंता की लकीरें बढ़ी हुई है।

ये है मामला: चकबंदी के दौरान शामलात देह व जुमला मुश्तरका मालकान की जमीन पर कब्जा धारकों को साथ में मालिकाना हक दे दिया गया। लेकिन वर्ष 2013 में सरकार ने इससे संबंधित जो खेवटें थी उनकी खरीद.फरोख्त पर रोक लगाने के लिए रजिस्ट्रियां बंद कर दी थी। इसके बावजूद भी लोगों को उम्मीद थी कि इस जमीन की रजिस्ट्री कुछ समय बाद खुल जाएंगी। जिसके चलते ए्ग्रीमेंट पर जमीन पर खरीद.फरोख्त जारी रही। अब तक यह जमीन कई बार एक मालिक से दूसरे मालिक को बेची जा चुकी है। लोगों द्वारा स्टांप फीस सहित दूसरी कागजी प्रक्रिया के बाद महंगे रेटों पर जमीन खरीद कर अपने सपनों के घर खड़े किए हैं। लेकिन कोर्ट के आदेशों के बाद उन्हें बेघर होने का डर सताने लगा है।

हजारों लोग होंगे प्रभावित: यदि कोर्ट के आदेशों की पालना के अनुसार शामलात देह व जुमला मुश्तरका मालकान जमीन पर काबिज मालिकों से कब्जा छुड़वाकर इस जमीन को पंचायत या नगर पालिका के नाम किया जाता है तो संभवतरू इससे हजारों लोगों के दुकान.मकान तोड़े जाएंगे। प्राप्त जानकारी के अनुसार करीब 70 प्रतिशत बाढड़ा बाजार शामलात देह की जमीन पर आबाद है।

गांवों में भी हैं यही हाल: बाढड़ा उपमंडल के कई गांवों में भी यहीं हाल है कि वहां भी शामलात दे की जमीन पर लोगों के मकान बने हुए हैं। कोर्ट द्वारा जो आदेश जारी किए गए है वो शहरो के साथ.साथ गांवों की भी शामलात दे की जमीन पंचायत के नाम करने के लिए हैं। उस के तहत गांवों में भी इस प्रकार के जो मामले हैं वहां लोगों का प्रभावित होना लाजमी है।

डाटा एकत्रित किए जा रहे हैं : तहसीलदार

बाढड़ा तहसीलदार बंसीलाल ने कहा कि शामलात देह व जुमला मुश्तरका मालकान जमीन का मालिकाना हक ग्राम पंचायतों व नगरपालिका के नाम करवाने से संबंधित पत्र उन्हें मिल चुका है। उन्होंने संबंधित पटवारियों को शामलात भूमि का डाटा एकत्रित करने के निर्देश दे दिए हैं। उन्होंने कहा कि बाढड़ा कस्बे के अलावा दर्जनों गांवों में भी शामलात देह की जमीन पर लोगों का कब्जा है। जिसके लिए विवरण तैयार किया जा रहा है।

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