हरियाणा

आखिर दुष्यंत में ऐसा क्या जो बीरेन्द्र, हुड्डा, आप व अपने चाचा के निशाने ओर हर वक्त रहते हैं?

Shantanu Roy
3 Oct 2023 10:22 AM GMT
आखिर दुष्यंत में ऐसा क्या जो बीरेन्द्र, हुड्डा, आप व अपने चाचा के निशाने ओर हर वक्त रहते हैं?
x
चंडीगढ़। राजनीति में यह चर्चा बहुत ज्यादा है कि आखिरकार दिग्गज नेताओं के निशाने पर जेजेपी के सीनियर नेता तथा उपमुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला ही के रहते हैं। हरियाणा में नेता प्रतिपक्ष चौधरी भूपेंद्र सिंह हुड्डा, उनके पुत्र दीपेंद्र हुड्डा, भाजपा के वरिष्ठ नेता व पूर्व मंत्री चौधरी वीरेंद्र सिंह, इनेलो के दिग्गज नेता अभय सिंह चौटाला ,आम आदमी पार्टी के हरियाणा के प्रभारी प्रदेश अध्यक्ष डॉक्टर सुशील गुप्ता तथा उपाध्यक्ष अनुराग ढांडा उनके प्रमुख निशाने पर दुष्यंत चौटाला का नाम ही अकसर क्यों रहता है।
राजनीति को समझने वाले लोग तो अब यह भी कह रहे हैं कि चौधरी वीरेंद्र सिंह जैसे कद्दावर नेता जिनके राजनीति के 51 साल पूरे हो चुके हैं। वीरेंद्र सिंह ने 51 साल के राजनीतिक अनुभव रखने के बावजूद 35 वर्ष के युवा दुष्यंत चौटाला जो उनके अनुभव से भी जीवन में बहुत छोटे हैं उनको निशाने पर लेकर भाजपा को सीधा निशाने पर ले लिया। जिस प्रकार चौधरी वीरेंद्र सिंह ने सार्वजनिक वंश से राजीव गांधी की तारीफ की। कांग्रेस तथा सोनिया गांधी के खिलाफ आज तक कोई भी व्यकतव्य ना देने पर जींद की रैली में सार्वजनिक रूप से टिप्पणी की। मगर भाजपा को सीधी चेतावनी परिभाषा उनकी नजर आई। चेतावनी भारी भाषा में जेजेपी से अलग होने की बात तथा दूरी बनाने की बात उन्होंने कही।
अगर राजनीतिक विशेषज्ञों की मानी जाए तो चौधरी बीरेंद्र सिंह वह अन्य कदवार नेताओं के निशाने पर रहने वाले दुष्यंत चौटाला को उनके बयानों से मजबूती मिलती है। क्योंकि कहीं ना कहीं यह लोग जब दुष्यंत के खिलाफ बोलते हैं तो उसमें ऐसा लगता है कि यह दुष्यंत चौटाला का लोहा मानते हैं। से अलग होने के बाद जिस प्रकार से दुष्यंत चौटाला और दिग्विजय चौटाला ने अपने पिता अजय सिंह चौटाला के मार्गदर्शन में जेजेपी को खड़ा किया और हरियाणा के अंदर 10 सीटें विधानसभा में लेकर सत्ता में भागीदारी पाई। निसंदेह छोटी उम्र में दुष्यंत दिग विजय को मिली इस सफलता से कई बड़े चोटी के नेता आहत है।
भजपा के कई नेता और हैं जो जे जेजेपी से भजपा के गठबंधन को लेकर ज्यादा खुश नहीं है।जेजेपी नेता निशान सिंह,दिग विजय चौटाला, सुप्रीमो अजय चौटाला भी व्रिद्ध अवस्था पेंशन अपने चुनावी एजेण्डे के तहत 5100 रुपए करवाने को लेकर समय समय पर बयान दे कि अगले चुनावो में जेजेपी को पूर्ण बहुमत मिलने दुष्यंत के सी एम बनने पर यह संभव है।अपनी राजनैतिक महत्वाकांक्षा कई बार जग जाहिर कर चुके हैं।जेजेपी कि टीम सी एम आया, सी एम आया के नारे एक बार फिर से जगह-जगह लगाने लगे है।ठीक ऐसे ही नारे पिछले चुनावों से पूर्व जेजेपी के गठन के बाद लगने लगे थे।
आखिर दुष्यंत में ऐसा क्या जो बीरेन्द्र,हुड्डा,आप व अपने चाचा के निशाने ओर हर वक्त रहते हैं?हरियाणा की राजनीति को जानने वाले कहते हैं कि हरियाणा में जाट व नान जाट की राजनैतिक शतरंज की बिसात हरियाणा गठन के बाद से लगातार बिछती आ रही है।देवीलाल व छोटुराम के नाम पर बहुत लोग समर्थक है।देवीलाल परिवार की राजनैतिक विरासत की संभालने का व एकाधिकार साबित करने के लिए इनेलो व जेजेपी में जो संघर्ष चल रहा है उसको लेकर पारिवारिक संघर्ष है।दुष्यंत चौटाला द्वारा छोटी उम्र में ज्यादा उपलब्धियों के प्रारंभिक दौर में मिलने से बड़े नेतायों के यह निशाने पर हैं।
दुष्यंत चौटाला से भजपा के कई नेतायों ने कई बार गठबन्धन तोड़ने के लिए बयान दिए,मगर मुख्यमंत्री मनोहरलाल से पूरा तालमेल होने के कारण ऐसे बयान हवा-हवाई हो गए।पिछले दिनों तो हरियाणा भजपा प्रभारी के बयानों ने गठबन्धन तोड़ने की वकालत करने वालो के चेहरे पर रौनक ला दी थी।जो ज्यादा लंबा नही चली।दुष्यंत चौटाला का भजपा केंद्रीय नेतृत्व में तालमेल भी किसी से छुपा नही है।समय समय पर केंद्रिय मंत्री अनुराग ठाकुर, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह व अन्य नेतायों से इनका मिलना किसी से छुपा नही है। दुष्यंत चौटाला व दिग्विजयसिंह चौटाला की सोशल मीडिया पर जेजेपी की कुशल टीम ने जिस प्रकार कड़ी मेहनत व मोनिटरिंग रखी हुई है,उससे भी अन्य नेतायों को समय समय पर चुनोती मिलती रहती है।अन्य लोग इनका सोशल मीडिया पर मुकाबला करने में पिछड़ते नजर आते है।
Next Story