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करनाल। एंटी करप्शन ब्यूरो करनाल की टीम ने निसिंग सीएससी केंद्र में कार्यरत एक डॉक्टर को रिश्वत लेने के आरोप में रंगे हाथों गिरफ्तार किया है। आरोपी डॉक्टर विकास गर्ग एमएलआर में झूठा फ्रैक्चर और फर्जी मेडिकल बनाने के एवज में रिश्वतखोरी कर रहा था। उसके पास से 28000 रुपए की नकदी बरामद हुई है। उसने शिकायतकर्ता से 30 हजार की डिमांड की थी। फिलहाल उससे पूछताछ की जा रही है। जिसके बाद आगामी कार्रवाई अमल में लाई जाएगी।
इस मामले की जानकारी देते हुए एंटी करप्शन ब्यूरो करनाल के इंस्पेक्टर सचिन कुमार ने बताया कि टीम को शिकायत मिली थी कि शिकायतकर्ता का उनके ही गांव में किसी के साथ आपसी मामूली विवाद हुआ था। जिनके साथ झगड़ा हुआ था तो उन्होंने मेडिकल बनवाकर उनके ऊपर आईपीसी की धारा 326 में मामला दर्ज करवा दिया, जिसे लेकर वह डॉक्टर से मुलाकात करने सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में जाते हैं तो डॉक्टर से जानकारी हासिल करते हैं कि उनका इतना झगड़ा नहीं हुआ था। जितना कि मेडिकल रिपोर्ट में दिखाया गया है।
इस पर निसिंग के सीएससी सेंटर में कार्यरत डॉ विकास गर्ग ने कहा कि अगर आपको भी इस प्रकार का मेडिकल बनवाना है तो मेडिकल आपका भी बन जाएगा। जिसमें जो चोट दिखाई जाएंगी। उनके अनुसार 326 का मामला दूसरे पक्ष पर दर्ज हो जाएगा। इस रिपोर्ट में फ्रैक्चर दिखा देंगे जिससे मामला बराबर हो जाएगा और इससे आपका आपसी विवाद खत्म हो जाएगा। जिसे लेकर आरोपी डॉक्टर ने 30 हजार की मांग की थी और मामला 28 हजार में तय हो गया। जिसके बाद शिकायतकर्ता एंटी करप्शन टीम के कार्यालय में पहुंचे और उन्होंने आरोपी डॉक्टर के खिलाफ शिकायत दी। जिस पर कार्रवाई करते हुए एंटी करपश्न की टीम ने निसिंग सीएससी सेंटर में कार्यरत आरोपी डॉक्टर विकास गर्ग रणनीति बनाकर आज गिरफ्तार कर लिया गया है। इस आरोपी डॉक्टर को कोर्ट में पेश किया जाएगा। साथ ही पता लगाया जाएगा कि इससे पहले और कितने लोगों से रिश्वत ली है।
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