हरियाणा

अपने आप को जिन्दा बताने के लिए एक युवक सरकारी कार्यालय के चक्कर काट रहा है लेकिन कोई सुनवाई नहीं ,जाने पूरा मामला क्या ?

Teja
7 July 2022 2:26 PM GMT
अपने आप को जिन्दा बताने के लिए एक युवक सरकारी कार्यालय के चक्कर काट रहा है लेकिन कोई सुनवाई नहीं ,जाने पूरा मामला क्या ?
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बड़ा अजीबो गरीब मामला

हिसार। अपने आप को जिन्दा बताने के लिए हिसार के नारनौंद के गांव खेड़ा रांगरान का एक युवक सरकारी कार्यालय के चक्कर काट रहा है लेकिन कोई सुनवाई नहीं हो रही। आखिर में परेशान होकर युवक ने तख्ती पर लिखा 'मै जिंदा हूं' तब जाकर प्रशासन ने केवल आश्वासन दिया है कि उसे जिन्दा मान कर त्रुटि को सही किया जायेगा। दरअसल विभाग ने फैमिली आईडी में युवक को मृतक दिखाया हुआ है। वह अब जिंदा होने के लिए सरकारी कार्यालय के चक्कर काट रहा है कि वह जिंदा है। उसका कहना है कि प्रमाण पत्र बनाया जाए ताकि वह अपना प्रमाण पत्र बनवा कर अपना कैरियर बना सके।

खेड़ा रांगरान निवासी पंकज नागर ने बताया कि करीब दो वर्ष पहले उन्होंने फैमिली आइडी बनवाई थी। जिसमें परिवार के पांच सदस्य दर्शाए गए थे और सबसे पहले उसका नाम दर्ज था। इसी सत्र में 12वीं कक्षा पास की है और दाखिले के लिए अनुसूचित जाति का प्रमाण पत्र बनवाने के लिए पटवारी व तहसीलदार की रिपोर्ट भी बनवा ली गई थी। जब सीएससी सेंटर में जाकर फार्म अप्लाई किया तो उसमें दिखाया कि फैमिली आईडी में उसको मृत घोषित कर रखा है।
फैमिली आईडी में सिर्फ उसके परिवार के चार सदस्यों का नाम ही दर्शाया गया है। ऐसे में पंकज का प्रमाण पत्र नहीं बन सकता। यह सुनकर एकदम भारी धक्का लगा पूरी घटना अपने परिजनों को बताई। अधिकारियों से बातचीत की और सीएम विंडो भी लगा दी गई। अधिकारियों ने आश्वासन दिया है कि प्रशासन की तरफ से कहीं पर जो गलती हुई है। उसको ठीक करवा दिया जाएगा। लेकिन इसमें काफी समय लगेगा।
ऐसे में मुझे फार्म जमा करवाना था और उसकी अंतिम तिथि आठ जुलाई हैं। वह यह फार्म भरने से वंचित रह गया। पंकज के चचेरे भाई सुशील ने बताया कि वह पिछले दो दिनों से सरकारी कार्यालयों के चक्कर काट रहे हैं। लेकिन अभी तक उनको कोई संतुष्ट जवाब नहीं मिल पाया। पंकज नागर के पिता करतार सिंह ने बताया कि विभाग की तरफ से इतनी बड़ी गलती की गई है। कहीं ना कहीं सिस्टम में भारी कमी है। इसको सुधारना चाहिए और उनके बेटे का जो प्रमाण पत्र नहीं बन पाया इसका खामियाजा भी सरकार को देना चाहिए। क्योंकि इस पूरे प्रकरण में उनकी कोई गलती नहीं है। इस संबंध में एसडीएम विकास यादव ने बताया कि फैमिली आईडी में यह गलत हुआ है। जिस भी कर्मचारी की वजह से यह कमी हुई है। उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।



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