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एक युवक बंजर जमीन को खेती लायक बनाकर 30 लोगों को दे रहा है रोजगार, जानिए पूरी खबर

Admin Delhi 1
2 July 2022 9:41 AM GMT
एक युवक बंजर जमीन को खेती लायक बनाकर 30 लोगों को दे रहा है रोजगार, जानिए पूरी खबर
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फतेहाबाद न्यूज़: फतेहाबाद के गांव बैजलपुर के एक किसान ने अपनी बिरानी जमीन को खेती की नई तकनीक से उपजाऊ बना दिया। जहां पिछले कुछ वर्षों पहले उपरोक्त जमीन 20 हजार रुपये प्रति एकड़ सालाना भी नहीं दे पाती थी। वह अब दस लाख से भी अधिक की पैदावार दे रही है। बीए पास किसान पवन कुमार सिहाग ने अपने पिता के साथ मेहनत करके बंजर जमीन को उपजाऊ बनाकर नया कीर्तिमान बनाया है। किसान पवन कुमार ने अपनी व अपने पिता विजेंद्र सिहाग की साढ़े दस एकड़ जमीन में गेहूं व नरमा की पारंपारिक खेती को छोड़कर बागवानी को अपना लिया। किसान ने बताया कि उनकी साढ़े 10 एकड़ जमीन बिरानी थी।

उसमें पानी का कोई खास प्रबंध नहीं था। इस कारण खेती में पैदावार नाममात्र हो पाती थी। इसलिए पारंपारिक खेती से आर्थिक रूप से मजबूत होने की बजाय कमजोर हो रहे थे। किसान पवन कुमार ने हिसार यूनिवर्सिटी में खेती-बाड़ी कार्यक्रम में बागवानी से संबंधित कई गुना आमदनी होने के बारे में जानकारी मिली तो उन्होंने पारंपारिक खेती को उसी दिन ही त्याग दिया। किसान ने अपने पिता विजेंद्र सिहाग से आशीर्वाद लेकर दो एकड़ में बाग लगाया।एक वर्ष बाद ही बाग में आय पूर्व की फसलों से दोगुना हुई।

30 लोगों को दिया रोजगार: गांव बैजलपुर के बीए पासSuccess Story : कभी नौकरी के लिए भटकता था यह किसान, अब 30 लोगों को दे रहा रोजगार सिहाग सरकारी नौकरी के लिए कई बार फार्म भरकर परिणाम आने की बाट देखता था। मगर परिणाम में रोल नंबर गायब देखकर मायूस हो जाता था, लेकिन उद्यान विभाग के कार्यक्रम में पवन कुमार की जिंदगी को ही बदल कर रख दिया। जहां पहले पवन कुमार सरकारी नौकरी के लिए भागदौड़ करता था। मगर अब 30 से अधिक लोगों को बागवानी के कार्य में रोजगार दे रहा है। इसके अतिरिक्त अस्थाई तौर पर कई कर्मचारी जरूरत के मुताबिक बाग में कार्य पर आते रहते हैं।

बाग के साथ नर्सरी का कारोबार बढ़ाया: किसान पवन कुमार सिहाग ने बताया कि पिछले चार वर्षों में बागवानी के अतिरिक्त नर्सरी भी तैयार करके लाखों पौधे प्रति वर्ष बेच रहे हैं। पौधों से उन्हें एक करोड़ के लगभग लागत सहित आमदनी हो रही है। किसान ने बताया कि वर्तमान सीजन के लिए दो लाख हिसार सफेदा के कलमी पौधे तैयार किए हैं। उपरोक्त क्वालिटी के पौधे का बाजार भाव 80 रूपये के करीब प्रति पौधा है। अगर दो पौधे बिकते हैं तो एक करोड़ 60 लाख रुपये लागत सहित प्राप्त होंगे। जबकि 60 हजार पौधे आडू के तैयार किए गए हैं। इस पौधे का भी बाजार भाव लगभग 80 रूपये ही है, जिसकी लगभग 48 लाख रुपये खर्चा सहित मिलने की उम्मीद है। किसान पवन सिंह ने बताया कि कलमी पौधा तैयार करने पर बहुत ज्यादा मेहनत करनी पड़ती है। क्योंकि पूरा पौधा उनकी नर्सरी में ही तैयार होता है। जबकि कुछ लोग बाहर से पौधों को खरीद कर बेच रहे हैं। प्रगतिशील किसान ने बताया कि हिसार सफेदा कलमी पौधे की डिमांड बड़े स्तर पर है और किसान लगातार जागरूक होकर बागवानी की तरफ रूझान बढ़ा रहे हैं।

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