हरियाणा
सोनीपत-कुंडली बॉर्डर पर पंजाब की 32 जत्थेबंदियों की बैठक का आयोजन किया गया
Shantanu Roy
29 Nov 2021 10:06 AM GMT
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कृषि कानूनों के विरोध में किसान लगातार 1 साल से दिल्ली के बॉर्डरों पर प्रदर्शन कर रहे हैं. जिसमें आखिरकार किसानों को सफलता मिल ही गई है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की घोषणा के बाद सोमवार को लोकसभा में तीनों कृषि कानून वापसी बिल (farm laws repealed bill parliament) पास हो गया है.
जनता से रिश्ता। कृषि कानूनों के विरोध में किसान लगातार 1 साल से दिल्ली के बॉर्डरों पर प्रदर्शन कर रहे हैं. जिसमें आखिरकार किसानों को सफलता मिल ही गई है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की घोषणा के बाद सोमवार को लोकसभा में तीनों कृषि कानून वापसी बिल (farm laws repealed bill parliament) पास हो गया है. वहीं सोमवार को ही सोनीपत-कुंडली बॉर्डर पर सोमवार को पंजाब की 32 जत्थेबंदियों की बैठक (punjab farmers union meeting) का आयोजन हुआ. इस बैठक में आंदोलन की अन्य मांगों को लेकर चर्चा की जा रही है.
पंजाब की जत्थेबंदियां अभी एमएसपी की गारंटी कानून और अन्य मांगों को लेकर आंदोलन जारी रखने के मूड में हैं. हालांकि ये माना जा रहा है कि 4 दिसंबर को होने वाली संयुक्त किसान मोर्चा की बैठक में यह तय हो जाएगा कि आंदोलन किस दिशा में जाएगा. बता दें कि तीनों कृषि कानूनों को वापस लेने के बाद किसान नेताओं की बैठकों का दौर जारी है. 27 नवंबर को भी संयुक्त किसान मोर्चा ने एक अहम बैठक कर 29 नवंबर का संसद कूच टाल दिया था. 4 दिसंबर को एक बार फिर अन्य मुद्दों को लेकर संयुक्त किसान मोर्चा की अहम बैठक होने वाली है.
पंजाब की जत्थेबंदियां की बैठक के दौरान किसान नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल ने कहा कि सरकार ने लोकसभा में तीनों कृषि कानूनों को आज वापस ले लिया है, किसानों की यह बड़ी जीत है. हम सभी किसान संगठन के नेताओं और किसानों को इसकी बधाई देते हैं कि उन्होंने आखिरकार लंबे समय चले इस आंदोलन को जीत लिया. हमने सरकार को खुली चिट्ठी लिखी है कि एमएसपी की गारंटी का कानून बनाया जाए, किसान आंदोलन के दौरान किसानों पर हुए मुकदमे वापस लिए जाएं, लखीमपुर खीरी की घटना में शामिल केंद्रीय गृह राज्य मंत्री को बर्खास्त किया जाए और अन्य जो हमारी छोटी मोटी मांगे हैं उनको जल्द से जल्द पूरा किया जाए. जिससे हमारा आंदोलन खत्म हो और हम अपने घरों को वापस लौट सकें.
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