नूंह: हरियाणा के नूंह जिले के नगीना खंड 52 गांवों के लोगों की पेयजल की समस्या पूरी तरह दूर होने जा रही है. सभी गांवों को पर्याप्त मात्रा में शुद्ध और पर्याप्त पेयजल उपलब्ध कराने के लिए जन स्वास्थ्य एवं अभियांत्रिकी विभाग (Public Health and Engineering Department Nuh) द्वारा तकरीबन 228 करोड़ रुपये खर्च किए जा रहे हैं. यमुना किनारे सुल्तानपुर गांव से आठ बोरवेल लगाकर आठ सौ एमएम की करीब 65 किलोमीटर लंबी पाइप लाइन बिछाकर गांवों को पीने का पानी राज्य सरकार द्वारा उपलब्ध कराया जा रहा है.
विधायक मामन खान ने कहा कि विधानसभा चुनाव के दौरान जनता से जो वादा किया था वह अब पूरा होने जा रहा है. उन्होंने बताया कि 52 गांव में पेयजल की भारी किल्लत थी. जब उन्होंने चुनाव लड़ा था तो महिलाओं ने उनके सामने इस समस्या को गंभीरता से रखा. उन्होंने वायदा किया था कि अगर क्षेत्र की जनता ने विधायक बनाया तो यह समस्या दूर होगी.मामन खान इंजीनियर ने कहा कि तकरीबन 228 करोड़ रुपये की लागत से यमुना किनारे बसे सुल्तानपुर गांव से पानी इन गांवों में पहुंचाया जा रहा है. जिनमें भादस, उमरा, खानपुर घाटी, जलालपुर इत्यादि गांव शामिल हैं. उन्होंने बताया कि सुल्तापुर, भादस तथा उटावड़ में 50 लाख लीटर क्षमता के 3 मैन बूस्टिंग स्टेशन बनाए जा रहे हैं. इसके अलावा 5 लाख लीटर क्षमता के टैंक भादस, उमरा, खानपुर घाटी, नगीना तथा जलालपुर गांव में बनाए जा रहे हैं. इसके अलावा दो दर्जन गांव ऐसे हैं, जहां पहले बूस्टिंग स्टेशन ही नहीं थे. उन सभी गांवों में सब बूस्टिंग स्टेशन बनाए गए हैं.
विधायक मामन खान इंजीनियर ने पत्रकारों से बातचीत के दौरान कहा कि साल 2021 में इस परियोजना को मंजूर किया गया था जिस पर 2022 में काम शुरू हुआ है. उन्होंने कहा कि हरियाणा सरकार ने लिखित में आश्वासन दिया है कि 2023 के अंत तक इन सभी गांवों में हर घर में पर्याप्त मात्रा में पीने का पानी उपलब्ध कराया जाएगा. विधायक ने कहा कि पाइप लाइन दबाने का काम पूरा हो चुका है. तेज गति से काम चल रहा है.बता दें कि नूंह के इन 52 गांव में सिंचाई का पानी बिल्कुल भी नहीं है. इन गांवों में भूजल गहरा व खारा है. प्रत्येक परिवार को हर माह 4 - 5 हजार रुपए का पानी हर माह खरीदकर पीना पड़ रहा है. एक टैंकर हजार रुपये का आता है. उसी से पीने, कपड़ा धोने सहित अन्य काम किए जाते हैं. पीने के पानी के साथ-साथ गांवों में सिंचाई के पानी की भी व्यवस्था नहीं है. मवेशियों को भी पीने का पानी की खासी दिक्कत है. इसके अलावा फिरोजपुर झिरका खंड के 80 गांवों को पानी देने के लिए 263 करोड़ रुपये की परियोजना पर पहले ही काम चल रहा है जिसे 2022 के अंत तक पूरा कर दिया जाएगा. कुल मिलाकर हरियाणा की फिरोजपुर झिरका विधानसभा उन विधानसभाओं में शामिल है, जिनमें पेयजल की सबसे बड़ी समस्या है. हरियाणा सरकार जल जीवन मिशन (Jal Jeevan Mission Yojna Haryana) के तहत यहां के लोगों को बड़ी सौगात देने जा रही है.