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हरियाणा न्यूज
पानीपत : पानीपत रिफाइनरी में ठेकेदारी करने वाले एक व्यक्ति ने दम्पति सहित एक ही परिवार के 4 सदस्यों व कई अन्य पर उसके साथ धोखाधड़ी कर फर्जी हस्ताक्षर करके 4.75 करोड़ रुपए हड़पने व फर्जी जी.एस.टी. बिलों के सहारे सरकार को 15 करोड़ का चूना लगाने बारे एक लिखित शिकायत प्रदेश के गृह मंत्री अनिल विज को दी है जिस पर गृह मंत्री ने पुलिस को मामला दर्ज करके 20 दिन में रिपोर्ट तलब की है।
गृहमंत्री अनिल विज को दी शिकायत में कर्मबीर भारद्वाज पुत्र श्री खुशीराम भारद्वाज ने बताया कि उसकी भारद्वाज कंस्ट्रक्शन कम्पनी के नाम से फर्म है जिसका दफ्तर आई.ओ.सी.एल. बोहली थाना सदर पानीपत में है। वह करीब पिछले 15 साल से ठेकेदारी की काम कर रहा है। उसने 2015 में संजीव, उसकी पत्नी सीमा, भाई दीपक निवासी माडल टाऊन पानीपत की फर्म एस.एन.एस. कंस्ट्रक्शन प्राइवेट लिमिटेड के साथ मिलकर एच.एस.आई.आई.डी.सी. दीपक फर्टिलाइजर में कंस्ट्रक्शन का कार्य किया था।
इसके बाद वर्ष 2016 में संजीव ने उससे कहा कि आप मेरे साथ मेरी कम्पनी में काम करो और मैं तुम्हें कम्पनी में डायरैक्टर बना दूंगा व सांझा बैंक खाता खुलवा दूंगा। इस संबंध में हमारा मेरे आफिस पर कच्चे कागजों में एग्रीमैंट हुआ और हमने आई.ओ.सी.एल. पानीपत रिफाइनरी में कार्य शुरू कर दिए व इसके बाद हमारा शपथ पत्र पर पक्का एग्रीमैंट हुआ।
मैंने अपनी हिस्सेदारी में जय कुमार पुत्र रुलिया राम निवासी गांव सिठाना जिला पानीपत हरियाणा को अपना हिस्सेदार बना लिया। मैंने संजीव व उसके भाई को कहा कि आपने मुझे कम्पनी में डायरैक्टर बना दिया है परन्तु आपने किसी कागज पर मेरे हस्ताक्षर नहीं करवाए हैं और न ही आपने सांझा बैंक खाता खुलवाया है। इस बात पर संजीव ने कहा कि आजकल ऑनलाइन डायरैक्टर बनाए जाते हैं, कहीं पर भी हस्ताक्षर करने की जरूरत नहीं पड़ती।
इसके बाद हम दोनों ने आई.ओ.सी.एल. पानीपत रिफाइनरी में काम शुरू कर दिया और मैंने साइट पर काम शुरू करने के लिए अपने हिस्से के पैसे संजीव की कम्पनी एस.एन.एस. प्राइवेट लिमिटेड में पैसे देने शुरू कर दिए। मैंने 1,21,10,170 रुपए संजीव की कम्पनी के खाते में अलग-अलग तारीखों में डाले व 31,85,000 रुपए जो मेरा व संजीव के पहले सांझे ठेके एच.एस.आई.आई.डी.सी. दीपक फर्टिलाइजर खाते में पड़े थे उनको इसी काम में लगा दिया। इसके अलावा मैंने 74,22,000 रुपए रुपए नकद अलग-अलग तिथि में संजीव को दिए हैं। मेरे हिस्सेदार जयकुमार ने भी संजीव की कम्पनी के खाते में 24,80,000 रुपए डाले व 31,85,000 रुपए जो जयकुमार व संजीव के पहले सांझे ठेके एच.एस.आई.आई.डी.सी. दीपक फर्टिलाइजर जो पहले ही संजीव के कम्पनी अकाऊंट में पड़े थे उनको भी इसी काम में लगा दिया और 70 लाख रुपए जयकुमार ने नकद अलग-अलग तिथि में संजीव को दिए।
इसके बाद मैंने अपने तौर पर पता किया तो आर.टी.आई. के माध्यम से आर.ओ.सी. से पता चला कि संजीव, दीपक व सीमा ने मिलकर कम्पनी में डायरैक्टर बनाने वाले कागजों पर मेरे फर्जी हस्ताक्षर किए हैं और कम्पनी में डायरैक्टर व हिस्सेदार बनाने का आश्वासन देकर धोखाधड़ी से मेरे व मेरे हिस्सेदार के पैसे हड़प लिए हैं। इसके अलावा इन्होंने अपनी फर्म के फर्जी बिल बनाकर लगभग 15 करोड़ की जी.एस.टी. टैक्स की चोरी की है।
source: panjab kesari
Gulabi Jagat
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