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45 गांव जलमग्न, हिसार में 27 साल बाद भारी बारिश से बाढ़ जैसे हालात

Admin4
1 Aug 2022 6:49 PM GMT
45 गांव जलमग्न, हिसार में 27 साल बाद भारी बारिश से बाढ़ जैसे हालात
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हिसार: हरियाणा में इस मानसून भयानक बारिश हो रही है. इस सीजन में जमकर हुई बरसात हिसार जिले के कई गांवों के लोगों के लिए आफत बन गयी है. नारनौंद हलके के गांव राखी खास और हांसी हल्के के गांव गुराना में हालात बेहद खराब हैं. गांव में चार से पांच फीट तक पानी भर गया है. सड़कें और गलियां पानी की वजह से दिखाई नहीं दे रही हैं. लोग पानी से परेशान हैं और मवेशियों के लिए चारे की दिक्कत हो रही है.

45 गांवों में जलभराव- हिसार के करीब 45 गांव में जलभराव के चलते बाढ़ (flood after rain in hisar) जैसे हालात पैदा हो गये हैं. सबसे ज्यादा राखी खास और गुराना में हालात खराब हैं क्योंकि इन दोनों गांव का लेवल बाकी गांव से नीचे है. आसपास के गांव का पानी भी इनकी तरफ आ रहा है. आपदा प्रबंधन व सिंचाई विभाग की तरफ से 923 क्यूसेक क्षमता के 173 पंप सेटों की मदद पानी निकालने के प्रयास किये जा रहे हैं. हरियाणा के उपमुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला ने सोमवार को नारनौद क्षेत्र के जलभराव वाले गांवों का दौरा करते हुए अधिकारियों को जल्द से जल्द पानी की निकासी किए जाने के निर्देश दिये. उन्होंने कहा कि जब तक पानी की निकासी नहीं होती तब तक एसडीएम कार्यालय में कंट्रोल रूम स्थापित किया जाए.

27 साल बाद बाढ़ जैसे हालात- प्रभावित इलाकों के बुजुर्गों के अनुसार इस तरह के हालात पहले 1995 में हुए थे, जब बेहद ज्यादा बारिश हुई थी और बाढ़ की वजह से लोगों को अपने घर तक छोड़ने पड़ गए थे. हिसार जिले में रविवार को भी करीब 65 एमएम बरसात हुई है जिस वजह से हालात और भी खराब हो रहे हैं. हिसार में अभी तक 244 एमएम बारिश हो चुकी है जो कि सामान्य से 60 फीसदी ज्यादा है. वहीं पूरे हरियाणा में अभी तक 266 मिलीमीटर बारिश हो चुकी है जो सामान्य से 27 प्रतिशत ज्यादा है.

बच्चे नहीं जा पा रहे स्कूल- गुराना गांव के लोगों ने बताया कि पिछले साल भी उन्हें यही दिक्कत हुई थी. पूरा प्रशासन इस बारे में जानता है लेकिन कोई समस्या का समाधान नहीं निकल रहा है. खेतों के साथ-साथ गांव में भी पानी भरा हुआ है. बच्चे स्कूल नहीं जा पा रहे हैं. पशुओं के लिए चारे का प्रबंध करना भी मुश्किल हो रहा है. ग्रामीण महिला शीला ने बताया पिछले 15 दिनों से हम इस समस्या से जूझ रहे हैं. हमें हर वक्त पानी में रहना पड़ता है. कहीं भी जाना हो घुटनों तक पानी पार करके ही जाना पड़ता है लेकिन प्रशासन की कोई मदद नहीं मिल रही है.

इन गांवों में है जलभराव- खेड़ी गगन, बड़छप्पर, राखी खास, भैणी अमीरपुर, गुराना, पठ्ठी, सिंघवा खास, भाटोल जाटान, सीसर, मिलकपुर, खेड़ी, जालब, बास, बडाला, खांडाखेड़ी, मोठ लुहारी, सिसाय, खरबला, नारनौंद, खरखड़ी, कुंभा, घिराय, मिजार्पुर, नियाणा, बधावड़, ढांड, खानपुर, बिठमड़ा, ढाणा खुर्द, खेड़ी, रोशनखेड़ा, जमावड़ी, खरक पूनिया, गैबीपुर, लितानी, हांसी, ढाणी पाल, बांडाहेड़ी, डाबड़ा, सातरोड, चमारखेड़ा, रामपुरा, प्रभुवाला, बडाला, पुट्‌ठी, चैनत, सिंघवा, राजली, खानपुर सिंधड़, डाटा, गुराना, जमवाड़ी, कुंभा, थुराना, मोहला, बड़झप्पर, राखी गढ़ी, राखी खास, राजथल, सिसाए, लुहारी, राजपुरा आदि सहित कई गांवों में जलभराव की स्थिति बनी हुई है.


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