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हरियाणा राज्य में अध्यापकों के 40 हजार पद खाली, सरकार की इस पॉलिसी को लेकर रोष
Gulabi Jagat
1 July 2022 4:21 PM GMT
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हरियाणा न्यूज
करनाल: हरियाणा के सरकारी स्कूलों (haryana government schools) में शिक्षकों की भारी कमी है. मिली जानकारी के मुताबिक हरियाणा के सरकारी स्कूलों में लगभग 40 हजार पद खाली बड़े हैं. इनको भरने के लिए हरियाणा सरकार नई और पक्की भर्ती करने की जगह रिटायर हुए अध्यापकों को अनुबंध पर रखने की योजना (recruitment scheme of teachers in haryana) बनाई है. मतलब खाली पदों पर रिटायर्ड अध्यापकों को कॉन्ट्रेक्ट बेस पर रखा जाएगा.
इस योजना में हरियाणा सरकार ने नई चीज ये जोड़ी है कि सिर्फ हरियाणा के ही नहीं बल्कि दूसरे राज्यों के रिटायर टीचर (retired teachers of other states) भी इसके लिए आवेदन कर सकते हैं. शुक्रवार 1 जुलाई 2022 से सरकार ने ERTS नाम का पोर्टल ऑनलाइन आवेदन के लिए खोल दिया है. इस पोर्टल के जरिए दूसरे राज्यों के रिटायर टीचर भी हरियाणा में कॉन्ट्रैक्ट बेस पर पढ़ाने के लिए आवेदन कर सकेंगे. ERTS पोर्टल पर रिटायर अध्यापक को अपना बोयोडेटा डालना होगा.
जिसके बाद मेरिट और एक्सपीरिएंस के आधार पर रिटायर्ड अध्यापकों की नियुक्ति होगी. ईटीवी भारत से बातचीत में गेस्ट टीचर जिला प्रधान गुरुदत्त शास्त्री ने कहा कि ये सरकार की गलत नीति है. हरियाणा में बहुत से ऐसे युवा हैं जिन्होंने एचटेट और सीटेट पास किया हुआ है. आज उनको मेरिट के आधार पर नौकरी दी जानी चाहिए, क्योंकि हरियाणा में बेरोजगारी काफी फैली हुई है. ऐसे में अगर बाहर के लोग अगर नौकरी करेंगे, तो प्रदेश में बेरोजगारी और बढ़ेगी. उन्होंने कहा कि सरकार की इस योजना का विरोध होना भी शुरू हो गया है.
वहीं एचटेट पास पवन कुमार ने कहा कि उनकी एज एवरेज हो चुकी है और ऐसे ही हरियाणा में लाखों युवा हैं. जिन्होंने ये टेस्ट पास किया हुआ है जो बेरोजगार घूमने को मजबूर हैं. लिहाजा नई और पक्की भर्ती करने की जगह इस तरह की नीति गलत है. अगर सरकार को नौकरी देनी ही है तो कम से कम हरियाणा के युवाओं को नौकरी दें, ताकि शिक्षा का स्तर भी अच्छा हो और हरियाणा के योग्य युवाओं को भी रोजगार मिल सके.
इस मुद्दे पर सरकारी स्कूल के टीचर जगमिंदर ने कहा कि हरियाणा में दूसरे राज्य से जो रिटायर टीचर भर्ती किए जाएंगे. उससे स्कूल के रिजल्ट पर भी प्रभाव पड़ेगा, क्योंकि कॉन्ट्रैक्ट बेस पर 1 साल के लिए टीचर आता है. उसे बच्चों के भविष्य की इतनी फिक्र नहीं होती, जितनी परमानेंट टीचर को होती है. ऐसे में परमानेंट टीचर ही एक मात्र समाधान है. उन्होंने कहा कि इस योजना पर सरकार को विचार करना चाहिए. अगर खाली पदों पर टीचरों की भर्ती करनी है, तो कम से कम हरियाणा के युवाओं को मौका देना चाहिए. मेरिट के आधार पर उनको भर्ती करें. उन्होंने कहा कि अगर सरकार ने इस नीति को वापस नहीं लिया तो आने वाले समय में विरोध प्रदर्शन किया जाएगा.
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