पलवल : डिजिटल करेंसी में निवेश कर मोटा मुनाफा कमाने की बात आपके मन में भी आती है तो यह खबर जरूर पढ़ें। किसी भी जगह निवेश से पहले अच्छे से पड़ताल करें और नियम-शर्तें जानने के बाद ही अपनी मेहनत की कमाई कहीं लगाएं। पलवल में क्रिप्टो करेंसी में निवेश कर मोटा मुनाफा कमाने का लालच देकर एक कॉन्ट्रैक्टर से 40 लाख रुपये ठग लिए गए। पीड़ित की शिकायत पर साइबर थाना पुलिस ने इस बारे में पहली एफआईआर दर्ज की है। साइबर थाना पुलिस इंचार्ज इंस्पेक्टर सत्यनारायण ने बताया कि गांव बामनीखेड़ा के रविंद्र को 21 मार्च को किसी अनजान शख्स ने एक वॉट्सऐप ग्रुप में जोड़ा था।
वाट्सऐप ग्रुप में बताते थे निवेश के फायदे
ग्रुप में क्रिप्टो करेंसी में निवेश कराने से संबंधित बातें होती थीं। ग्रुप में पहले से जुड़े लोग इसमें निवेश के फायदे बताते थे। कुछ दिन बाद रविंद्र को एक दूसरे ग्रुप में जोड़ लिया गया। खुद को जूनियर असिस्टेंट बताने वाली लिलिया ने उनसे वॉट्सऐप कॉल पर बात कर पैसे कमाने की जानकारी दी। उनकी बातों में आकर रविंद्र पैसे निवेश करने को तैयार हो गए।
खाते में दिखाया 32 लाख रुपये का डिविडेंड
पीड़ित ने बताया कि इन लोगों ने 28 मार्च को दो अकाउंट खुलवाए, फिर एक वेबसाइट के जरिए विदेशी खाते में रुपये ट्रांसफर कराए। ट्रेडिंग के चलते पहली बार रविंद्र को 6 अप्रैल को 8309 रुपये का लाभ मिला। 7 अप्रैल को 16569 रुपये का फायदा हुआ। उत्साहित हुए रविंद्र ने मई में दोनों रकम अपने खाते में ट्रांसफर कर ली। इस राशि के स्क्रीनशॉट ग्रुप में साझा हुए। दो बार लाभ मिलने पर रविंद्र को लगा कि इससे घर बैठे पैसे कमाए जा सकते हैं। वह और अधिक रकम लगाने की तैयारी करने लगे। इस दौरान खुद को सीनियर कंसलटेंट बताने वाले एक व्यक्ति ने उन्हें बताया कि 99 प्रतिशत लाभ पाने के लिए 16 लाख रुपये जमा करवाने होंगे। रविंद्र ने यह राशि जमा करवा दी। इसके कुछ समय बाद ग्रुप पर 32 लाख रुपये का लाभांश दिखाई दिया। इस राशि को अकाउंट में ट्रांसफर करने का प्रयास किया, लेकिन रुपये ट्रांसफर नहीं हुए।
नियमों का पालन नहीं करने की बात बताई
ग्रुप में बताया गया कि कुछ नियमों की अवेहलना की गई है। नियमों का पालन करेंगे तो 40 लाख और फिर 80 लाख रुपये का लाभांश मिलेगा। लालच में आकर रविंद्र ने 24 लाख रुपये और जमा करवा दिए। वॉट्सऐप ग्रुप पर 80 लाख रुपये का रिटर्न दिखने लगा, लेकिन रकम उनके अकाउंट में ट्रांसफर नहीं हुई। शिकायत करने पर पीड़ित से रुपये भेजने के बदले कमीशन मांगा गया। इसके बाद उन्हें ठगी का अहसास हुआ। साइबर थाना पुलिस इंचार्ज इंस्पेक्टर सत्यनारायण का कहना है कि मामले की जांच की जा रही है। पता किया जा रहा है कि ठगी का रैकेट कौन लोग और कहां से चला रहे हैं।
डिजिटल करेंसी है क्रिप्टो करेंसी
क्रिप्टो करेंसी डिजिटल करेंसी है। इसका पूरा कारोबार ऑनलाइन माध्यम से ही होता है। क्रिप्टो कारोबार में कोई बिचौलिया नहीं होता और इसे ऑनलाइन संचालित किया जाता है। क्रिप्टो करेंसी एक्सचेंज के जरिए खरीदा जाता है। इस समय देश में वजीरएक्स, जेबपे, क्वाइनस्विच कुबेर, क्वाइन डीसीएक्स गो समेत कई एक्सचेंज संचालित हैं। इनमें क्वाइनबेस, जेबपे और बिनान्से जैसे अंतरराष्ट्रीय प्लेटफॉर्म भी हैं, जहां से बिटकॉइन, इथेरियम, टेथर और डॉजक्वाइन समेत दुनियाभर की डिजिटल मुद्राएं खरीदी जा सकती हैं। देश में बिटकॉइन व अन्य क्रिप्टो करेंसी को खरीदना और बेचना काफी आसान है। रुपये में क्रिप्टो ट्रेडिंग और निवेश करने के लिए किसी एक एक्सचेंज पर पंजीकरण करना होता है। इसके लिए एक्सचेंज की साइट पर साइनअप करने के बाद अपनी केवाईसी प्रक्रिया को पूरा कर वॉलेट में पैसे ट्रांसफर किए जाते हैं और फिर इन डिजिटल मुद्राओं की खरीदारी की जा सकती है।