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नई दिल्ली। पिता देश की सीमा पर तैनात हैं, जबकि उसकी बहादुर बेटी तीन साल से अकेले अदालत में न्याय की लड़ाई लड़ रही थी। गुरुवार को एएसजे नरेश कुमार की अदालत ने उसकी गवाही व तथ्यों के आधार पर अभद्र व्यवहार के आरोपी युवक मोहन को न केवल दोषी करार दिया, बल्कि तीन साल की सख्त कैद व 20 हजार रुपये जुर्माने की सजा सुनाई है। जुर्माना न भरने पर एक माह का अतिरिक्त सजा भुगतनी पड़ेगी। पुलिस रिकॉर्ड के मुताबिक मार्च 2019 में जिले के एक गांव की 16 साल की युवती ने शिवाजी कॉलोनी थाने में शिकायत दी थी कि वह पेपर देकर जब स्कूल से बाहर आई तो बाइक पर दो युवक आए। बाइक चला रहे युवक को वह नहीं जानती, लेकिन उसके पीछे बैठा युवक मोहन अभद्र शब्दों का प्रयोग करने लगा।
राहगीरों को भी युवक ने धमकी दी कि कोई बीच में आया तो टांग तोड़ दूंगा। उसने अपने पिता को पूरे मामले से अवगत कराया, जो फौजी के तौर पर सीमा पर तैनात हैं। पिता ने कानूनी कार्रवाई की सलाह दी, क्योंकि उस समय पाकिस्तान के साथ सीमा पर तनाव चल रहा था। इस कारण छुट्टी नहीं मिल पा रही थी। पीड़िता अपने रिश्तेदार के साथ थाने में पहुंची और लिखित में शिकायत दी। पुलिस ने आरोपी युवक मोहन को गिरफ्तार कर लिया था। तभी से आरोपी के खिलाफ जिला अदालत में सुनवाई चल रही थी। गुरुवार को अदालत ने आरोपी मोहन को आईपीसी की धारा 354डी व 506 में तीन-तीन साल की सख्त कैद व 500-500 रुपये जुर्माना, जुर्माना न भरने पर सात-सात दिन की अतिरिक्त सजा व 8 पॉक्सो एक्ट के तहत तीन साल की कैद व एक हजार रुपये जुर्माने की सजा सुनाई। जुर्माना न भरने पर 15 दिन की अतिरिक्त सजा भुगतनी पड़ेगी। अदालत ने फैसले में कहा है कि सभी सजा एक साथ चलेंगी।
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