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हरियाणा के इस जिले में 25 हजार लोगों को नहीं मिला पीएम किसान सम्मान निधि का लाभ

Manish Sahu
25 Aug 2023 3:57 PM GMT
हरियाणा के इस जिले में 25 हजार लोगों को नहीं मिला पीएम किसान सम्मान निधि का लाभ
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हरियाणा: पीएम किसान किसान सम्मान निधि योजना से देशभर में किसानों को काफी फायदा पहुंचा है, लेकिन नूंह जिले के हजारों किसान इस योजना का लाभ उठाने से वंचित हैं. आंकड़ों के मुताबिक पीएम किसान सम्मान निधि का जिले के 47000 किसान लाभ उठा रहे हैं, लेकिन अभी भी तकरीबन 25000 से अधिक किसान ऐसे हैं जो दस्तावेजों में खामियों की वजह से इस योजना का लाभ नहीं उठा पा रहे हैं.
कृषि विभाग के क्वालिटी कंट्रोल अधिकारी डॉ अजय तोमर ने पत्रकारों से बातचीत के दौरान बताया कि केवाईसी नहीं करवाने की वजह से अधिकतर किसान इस योजना का लाभ लेने से वंचित हैं. नेशनल बैंक और डाकघर में खाता नहीं होने के चलते केंद्र सरकार की एनपीआईसी का लाभ किसान नहीं ले पा रहे हैं. अधिकतर योजना का लाभ नहीं ले पाने वाले वह किसान हैं, जिन्होंने सर्व हरियाणा ग्रामीण बैंक तथा कोऑपरेटिव बैंक में खाते खुलवाए हैं. किसानों को कई बार इस बारे में बता दिया गया है, लेकिन उन्होंने नेशनल बैंकों में खाते नहीं खुलवाए हैं. डाकखाने में भी किसानों को खाता खुलवाने में भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है.
पीएम किसान सम्मान निधि योजना का लाभ
किसानों को सीएससी सेंटर पर जाकर या बैंकों में जाकर भी केवाईसी करने के लिए कृषि विभाग समय – समय पर कहता रह रहा है, लेकिन अब कृषि विभाग गांव – गांव, घर – घर जाकर किसानों की केवाईसी करेगा ताकि सभी को पीएम किसान सम्मान निधि योजना का लाभ मिल सके. उन्होंने कहा कि तकरीबन 25000 किसान ऐसे हैं, जिनका नेशनल बैंकों में या डाकघर में खाता नहीं होने की वजह से उनको केंद्र की इस योजना का लाभ नहीं मिल पा रहा है.
किसानों की परेशानियां
कृषि अधिकारी यह भी मानते हैं कि किसानों को खाता खुलवाने के लिए इधर – उधर के धक्के खाने पड़ रहे हैं. इंडिया पोस्ट के अधिकारी भी खाता खोलने से गुरेज कर रहे हैं. वह उन्हें स्थानीय नजदीकी बैंक शाखा में खाता खोलने के लिए कह रहे हैं। किसान इस योजना का लाभ उठाने के लिए दर – दर के ठोकर खाने को मजबूर है.उसकी कोई सुनने वाला दिखाई नहीं पड़ रहा है. जब इस बारे में किसानों से बातचीत की गई तो उन्होंने कहा कि उन्हें इस योजना का लाभ लेने के लिए कई – कई दफ्तरों के चक्कर लगाने पड़ रहे हैं.
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