हरियाणा

BSF अधिकारी से 14 करोड़ रुपए, 7 लग्जरी कार और 1 करोड़ के आभूषण बरामद

Deepa Sahu
18 Jan 2022 4:10 PM GMT
BSF अधिकारी से 14 करोड़ रुपए, 7 लग्जरी कार और 1 करोड़ के आभूषण बरामद
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गुरुग्राम पुलिस ने बीएसएफ के एक अधिकारी से भारी मात्रा में नकदी, आभूषण और लग्जरी कारें बरामद की हैं।

चंडीगढ़, गुरुग्राम पुलिस ने बीएसएफ के एक अधिकारी से भारी मात्रा में नकदी, आभूषण और लग्जरी कारें बरामद की हैं। पुलिस ने बीएसएफ अधिकारी के पास से 14 करोड़ कैश, 1 करोड़ रुपए के आभूषण और सात लग्जरी कारें बरामद की हैं। बीएसएफ में डिप्टी कमांडेंट के पद पर तैनात इस शक्स के पास से बरामद हुई कारों में बीएमडब्ल्यू, जीप और मर्सिडीज जैसी महंगी कारें शामिल हैं। आरोपी की पहचान प्रवीण यादव के रूप में हुई है। यह शख्स एनएसजी मुख्यालय में प्रतिनियुक्ति पर एनएसजी में तैनात था। पुलिस ने आरोपी प्रवीण यादव की पत्नी ममता यादव, बहन रितु और एक प्रॉपर्टी डीलर दिनेश को भी गिरफ्तार किया है।

रियल एस्टेट कंंपनियों को लगाया 125 करोड़ का चूना
प्रवीण यादव ने अपने पद का दुरुपयोग करते हुए यह संपत्ति बनाई। पैसे बनाने के लिए उसने ऐसी चाल चली कि हर कोई उसके जाल में फंसता चला गया। चूंकि वह एनएसजी में था इसलिए उसने एनएसजी के मानेसर स्थित परिसर में कंस्ट्रक्शन का ठेका दिलाने के नाम पर रियल एस्टेट कंपनियों चूना लगाना शुरू कर दिया। पुसिस ने रियल एस्टेट कंपनियों को 125 करोड़ रुपए का चूना लगाने के आरोप में प्रवीण को 6 जनवरी को गिरफ्तार किया और उसके पास से 14 की नकदी, 1 करोड़ के आभूषण और 7 लग्जरी कारें बरामद कीं।
एनएसजी परिसर में ठेके दिलवाने के नाम पर वसूलता था पैसे
वह रियल एस्टेट कंपनियों को कंस्ट्रक्शन के फर्जी ठेके देकर उनसे पैसे बसूल लेता था और सारे पैसे को एनएसजी के नाम से बनाए गए एक फर्जी खाते में ट्रांसफर करवाता था। यह अकाउंट उसकी बहन रितु यादव ने खोला था, जो एक्सिस बैंक में मैंनेजर के पद पर कार्यरत है। पुलिस ने इस बात की जानकारी दी। पुलिस ने कहा कि वर्तमान में यादव त्रिपुरा की राजधानी अगरतला में तैनात था। चूंकि उसने अकूत संपत्ति जुटा ली थी इसलिए अब उसने स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति के लिए भी आवेदन कर दिया।


शेयर मार्केट में पैसे लगाने के बाद हुआ था जबरदस्त घाटा
बता दें कि यादव का स्टॉक मार्केट में 60 लाख रुपए का घाटा हुआ था, जिसकी वजह से वह कर्ज में डूब गया था। इसके बाद भी उसने लोगों से उधार पैसे लेकर स्टॉक मार्केट में लगाए। खबर के मुताबिक 2021 में एनएसजी परिसर को छोड़ने तक उसने अपने देनदारों को 50 करोड़ रुपए का भुगतान किया। कर्ज को चुकाने के लिए उसने कन्सट्रक्शन कंपनियों को अपना निशाना बनाया और उन्हें फर्जी ठेके दिलवाए। प्रवीण यादव नूह का रहने वाला है और उसने 2012 में बीएसफ ज्वॉइन की थी। एनएसजी के साथ उनकी प्रतिनियुक्ति मई 2021 में समाप्त हुई।


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