गुजरात
विश्व आदिवासी दिवस: राज्य में जनजातीय विद्यार्थियों को बड़ी सौगात
Gulabi Jagat
9 Aug 2023 5:26 PM GMT
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अहमदाबाद (हि.स.)। राज्य के अनुसूचित जनजाति के विद्यार्थियों की शिक्षा को लेकर राज्य सरकार ने महत्वपूर्ण निर्णय किया है। सरकारी मेरिट कोटा में नामांकन लेने वाले जनजातीय विद्यार्थियों को 6 लाख रुपये से अधिक फीस वाले पाठ्यक्रमों में अतिरिक्त राशि सरकार जमा कराएगी। केन्द्र सरकार की ओर से 6 लाख रुपये तक की छात्रवृत्ति मंजूर की जाती है लेकिन अब गुजरात सरकार इस रकम से अधिक राशि होने पर अतिरिक्त राशि खुद जमा कराएगी।
राज्य सरकार के जनजातीय विकास मंत्री कुबेरभाई डिंडोर ने इस आशय की जानकारी देते हुए बताया कि वर्ष 2010 से लागू अनुसूचित जनजाति के छात्रों के लिए केंद्र सरकार की पोस्ट-मैट्रिक छात्रवृत्ति योजना के दिशानिर्देशों के अनुसार मान्यता प्राप्त शैक्षणिक संस्थानों के पाठ्यक्रमों में पढ़ने वाले अनुसूचित जनजाति के छात्रों को छात्रवृत्ति राशि की किसी ऊपरी सीमा (सीलिंग लिमिट) को ध्यान में रखे बिना 2.50 लाख रुपये का भुगतान छात्रवृत्ति के रूप में किया जाता था।
इसके अलावा 01 अप्रैल, 2022 से प्रभावी केंद्र सरकार के दिशानिर्देशों के अनुसार मान्यता प्राप्त निजी शिक्षण संस्थानों में पढ़ने वाले छात्रों के लिए एमबीबीएस/एमएस/एमडी पाठ्यक्रमों और इंजीनियरिंग के लिए प्रति वर्ष 6 लाख रुपये का भुगतान करने का प्रावधान किया गया है। पाठ्यक्रमों के लिए रु. 2.50 लाख प्रति वर्ष और अन्य पाठ्यक्रमों के लिए रु. 1 लाख प्रति वर्ष की अधिकतम सीमा तक छात्रवृत्ति देने का प्रावधान किया गया है। केन्द्र सरकार की उपरोक्त नई गाइडलाइन में सुझाई गई अधिकतम सीमा से अधिक छात्रवृत्ति भुगतान के संबंध में गुजरात सरकार ने एक महत्वपूर्ण निर्णय लिया है।
राज्य के अनुसूचित जनजाति के विद्यार्थियों के लिए केन्द्र सरकार की पोस्ट-मैट्रिक छात्रवृत्ति योजना के तहत छात्रवृत्ति राशि के वितरण के नए प्रावधानों के अनुसार अब जिन्होंने पिछले शैक्षणिक वर्ष में प्रवेश लिया है और छात्रवृत्ति प्राप्त किया है, उसे चालू वर्ष और आगामी वर्षों में स्वीकृत छात्रवृत्ति प्रदान की जाएगी।
इसके अलावा अनुसूचित जनजाति के छात्र, जिन्होंने सरकारी कोटे में योग्यता के आधार पर प्रवेश लिया है, उन्हें फीस नियामक समिति (एफआरसी) द्वारा तय की गई फीस के अनुसार केन्द्र सरकार द्वारा निर्धारित 6 लाख रुपये की सीमा तक छात्रवृत्ति दी जाएगी। हालांकि जिन कोर्सेज में फीस 6 लाख रुपये से अधिक है, उनमें अनुसूचित जनजाति के छात्रों के मामले में अतिरिक्त राशि का भुगतान राज्य सरकार द्वारा किया जाएगा।
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