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बिपरजॉय (Biparjoy) तूफान 155 से 160 किलोमीटर प्रति घंटा की तेज गति से गुजरात के समुद्री तट से टकरा सकता है। इससे भारी तबाही होने का अनुमान है। इस दौरान भवनों, पेड़-पौधों को भारी नुकसान हो सकता है। तूफान में टेलीफोन कंपनियों के टॉवर भी क्षतिग्रस्त हो सकते हैं। इससे लोगों तक पहुंच रही चेतावनी और सहायता की सूचनाएं बाधित हो सकती हैं। लेकिन टेलीकॉम विभाग ने ऐसी योजना तैयार की है कि तूफान की तेजी में टॉवरों के प्रभावित होने के बाद भी लोगों को मिलने वाली आपातकालीन सूचनाएं प्रभावित न हों।
टेलीकॉम विभाग ने तूफान आने के संभावित दिन यानी 15 जून से 17 जून तक के लिए तूफान प्रभावित क्षेत्रों में नेटवर्क सेवाओं को इंटरकनेक्ट करने की सुविधा प्रदान कर दी है। यानि किसी टेलीकॉम कंपनी के टॉवर क्षतिग्रस्त होने पर वह सहयोगी कंपनी के टॉवरों का उपयोग करते हुए अपनी सेवाएं जारी रख सकेगी। किसी भी कंपनी के टॉवर क्षतिग्रस्त होने पर उसकी सेवाएं उस क्षेत्र के दूसरी कंपनियों के टॉवरों पर ट्रांसफर हो जाएंगी।
इसी प्रकार लोगों को बिना इंटरनेट कनेक्शन के भी आपात सूचनाओं को पहुंचाने की व्यवस्था की गई है। इस दौरान बिना इंटरनेट कनेक्शन के भी लोग एक दूसरे तक टेक्स्ट मैसेज भेज सकेंगे। आपदा प्रबंधन विभाग भी सभी आपात सूचनाओं को इंटरनेट आधारित और बिना इंटरनेट आधारित सभी प्रकार के माध्यमों से पहुंचाने का प्रयास कर रहा है। लोगों को लगातार किसी क्षेत्र से बचकर निकलने और अपने साथ आवश्यक वस्तुओं को रखने की सूचनाएं दे रहा है।
इन सभी सेवाओं में कहीं न कहीं, एक नेटवर्क की आवश्यकता होती है। लेकिन रेडियो सेवाओं को जारी रखने कि लिए बहुत स्थानीय स्तर पर नेटवर्क की आवश्यकता नहीं होती। इसे दूर के नेटवर्क के जरिए भी लोगों तक पहुंचाया जा सकता है। यही कारण है कि किसी आपात स्थिति में लोगों को अपने साथ रेडियो सेट रखने की सलाह दी गई है जिससे केंद्र-राज्य सरकार उन तक आवश्यक सूचनाओं को पहुंचाने में सफल हो सके।
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