गुजरात

परंपरागत चिकित्सा पद्धति को बढ़ावा देने के लिए गुजरात में खुलेगा डब्ल्यूएचओ केंद्र, केंद्र ने दी मंजूरी

Renuka Sahu
10 March 2022 2:09 AM GMT
परंपरागत चिकित्सा पद्धति को बढ़ावा देने के लिए गुजरात में खुलेगा डब्ल्यूएचओ केंद्र, केंद्र ने दी मंजूरी
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फाइल फोटो 

केंद्र सरकार ने परंपरागत चिकित्सा पद्धति को बढ़ावा देने के लिए गुजरात में विश्व स्वास्थ्य संगठन का वैश्विक केंद्र खोलने को मंजूरी दे दी।

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। केंद्र सरकार ने परंपरागत चिकित्सा पद्धति को बढ़ावा देने के लिए गुजरात में विश्व स्वास्थ्य संगठन का वैश्विक केंद्र खोलने को मंजूरी दे दी। बुधवार को इस प्रस्ताव पर मुहर लगा दी। गुजरात के जामनगर में यह डब्ल्यूएचओ का अपने तरह का पहला वैश्विक केंद्र होगा।

इसे आयुष मंत्रालय के अंतर्गत स्थापित किया जाएगा। इसके जरिये परंपरागत चिकित्सा पद्धति को वैश्विक मंच पर नई पहचान मिलेगी और विश्व स्वास्थ्य मामलों में देश को नेतृत्व करने का मौका मिलेगा। यह केंद्र डाटा एकत्र करने, विश्लेषण करने और प्रभाव का आकलन करने के लिए प्रासंगिक तकनीकी क्षेत्रों, उपकरणों और पद्धतियों में विकासशील मानदंड, मानक और दिशा-निर्देश तय करेगा।
इसके अलावा यह पारंपरिक दवाओं की गुणवत्ता, सुरक्षा, प्रभाव और उनका तर्कसंगत उपयोग भी सुनिश्चित करेगा। बैठक के दौरान मंत्रिमंडल को आईसीएमआर और जर्मनी की डॉयचे फोर्सचुंग्सगेमइंशाफ्ट के बीच दिसंबर 2021 में हुए समक्षौते के बारे में भी बताया गया।
इस समझौते का मुख्य उद्देश्य विष विज्ञान, उपेक्षित (उष्णकटिबंधीय) रोग, दुर्लभ बीमारियों और पारस्परिक हित के किसी भी अन्य क्षेत्रों सहित चिकित्सा विज्ञान/स्वास्थ्य अनुसंधान के क्षेत्र में सहयोग को बढ़ाना था। इसके अलावा नवंबर 2021 में आईसीएमआर और ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय के बीच हुए करार के बारे में भी बताया गया। इसका प्रमुख उद्देश्य भारतीय वैज्ञानिकों व शोधकर्ताओं के लिए क्षमता निर्माण था।
बीएसएनएल जैसे संस्थानों की जमीन बिकेगी, कंपनी को मंजूरी
नई दिल्ली। बीएसएनएल जैसे केंद्रीय सार्वजनिक क्षेत्र के उद्यम (पीएसई) हों या सरकारी एजेंसियां, इनकी खाली पड़ी जमीन, भवन या संपत्तियों को बेचकर सरकार पैसे जुटाएगी। इस काम के लिए केंद्रीय मंत्रिमंडल ने बुधवार को एक कंपनी के गठन को मंजूरी दे दी है। इस कंपनी का नाम होगा, राष्ट्रीय भूमि मौद्रीकरण निगम (एनएलएमसी)। कंपनी पर पूरी तरह से सरकार का मालिकाना हक होगा। आपको बता दें कि वित्त वर्ष 2021-22 के बजट में पहली बार इस तरह से संपत्तियों की बिक्री का प्रस्ताव रखा गया था।
वर्तमान में कई केंद्रीय सार्वजनिक उपक्रमों में बहुतायत संपत्ति है जिसका इस्तेमाल नहीं होता। ये संपत्ति खासतौर पर भूमि व इमारतों के रूप में है। सरकार ने कुछ महीने पहले ही संपत्तियों के मुद्रीकरण को न राजस्व बढ़ाने का जरिया बताया था। एजेंसी
वित्त मंत्रालय के अधीन काम करेगी कंपनी
भारत सरकार के पूर्ण स्वामित्व वाले एनएलएमसी की प्रारंभिक अधिकृत शेयर पूंजी 5000 करोड़ रुपये और चुकता शेयर पूंजी 150 करोड़ रुपये होगी। यह वित्त मंत्रालय के अधीन काम करेगी। इसमें फुल टाइम स्टाफ बहुत कम होगा, अधिकतर कर्मचारी कॉन्ट्रैक्ट पर रखे जाएंगी। कर्मचारियों की नियुक्ति, वेतन और उनकी सेवाएं बरकरार रखने का अधिकार एनएलएमसी के बोर्ड को दिया जाएगा।
प्लैटिनम जैसी धातुओं के दाम तय करने को कानून में होगा संशोधन
केंद्रीय मंत्रिमंडल ने पोटाश, पन्ना और प्लैटिनम जैसी धातुओं की रॉयल्टी दरें तय करने के लिए एमएमडीआर अधियिनम की दूसरी अनुसूची में संशोधन के प्रस्ताव को भी मंजूरी दे दी। इस संशोधन के बाद ग्लूकोनाइट, पोटाश, पन्ना, धातु के प्लैटिनम समूह, एंडलुसाइट और मोलिब्डेनम के संबंध में खनिज ब्लॉकों की नीलामी सुनिश्चित होगी।
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