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किसान ने प्राकृतिक खेती में किया कमाल
निजी जमीन से प्राकृतिक खेती के जरिए एक सफल किसान के रूप में उभरे कच्छ भचाउ के रतिलाल सेठिया अब कॉन्ट्राक्ट खेती के जरिए अपने साथ 300 किसानों को जोड़कर बाजार की मांग के अनुरूप कृषि व दुग्ध उत्पाद तैयार करेंगे। सेठिया फार्म में तैयार शुभम ब्रांड के करीब 150 उत्पादों की बिक्री कर मोटी रकम कमाने वाले रतिलाल सेठिया आज आधुनिक किसानों के रोल मॉडल बन गये हैं।
खेती-बाडी व पशुपालन में जो किसान व पशुपालक नवप्रवर्तन कर रहे हैं उनकी आय में भी उतनी ही वृद्धि हो रही है, गुजरात के रतिलाल सेठिया ने रसायन खेती को छोड़कर प्राकृतिक खेती को अपनाया तो मालामाल हो गये। एक अन्य किसान के साथ मिलकर रतिलाल ने 190 एकड़ भूमि पर प्राकृतिक खेती का प्रयोग किया तथा फूड प्रोसेस कर देश के बड़े शहरों में अपने 400 से 500 ग्राहकों को सीधे भेजने लगे। आज वे सौ से डेढ़ सौ कृषि व दुग्ध उत्पाद उपभोक्ताओं को सीधे भेजकर सालाना 3 करोड़ का कारोबार कर रहे हैं। गुजरात व देश के करीब 4 हजार किसानों को वे प्राकृतिक खेती का प्रशिक्षण दे चुके हैं तथा अब उनका पूरा ध्यान कॉन्ट्राक्ट फार्मिंग के जरिए देश की जरुरत के मुताबिक कृषि व दुग्ध उत्पाद पैदा करना है। तीन सौ किसानों की जमीन पर कॉन्ट्राक्ट फार्मिंग के जरिए प्राकृतिक खेती से अनाज, दालें, तिलहन के अलावा फल आदि भी लगाए जाएंगे। सेठिया फार्म पर करीब 40 गायें भी हैं जिनका दूध व घी बेचकर भी वे मोटी कमाई कर रहे हैं।
ऑर्गेनिक खेती लगी महंगी
सेठिया बताते हैं कि 1995 में 12वीं विज्ञान की परीक्षा देने के साथ ही पिता के साथ खेती बाड़ी से जुड़ गया था। करीब एक सौ एकड़ जमीन पर 2008 तक वे परंपरागत तरीके से खेती करते रही कोई खास लाभ नहीं हो रहा था। 2008 से 2012 तक उन्होंने ऑर्गेनिक खेती पर ध्यान केंद्रित किया लेकिन यह इतनी महंगी पड़ने लगी की लागत निकालना मुश्किल होने लगा। इसी बीच उन्होंने यूट्यूब पर ही सुभाष पालेकर की नैचरल फार्मिंग के गुर सीख लिए और इसका प्रयोग अपने खेतों पर करने लगे। अगले साल ही उन्होंने अपने एक और मित्र को अपने साथ ले लिया और दोनों ने मिलकर अनाज, दालें, तिलहन, दलहन, फूल सूरजमुखी, पपीता केले, आम, खजूर, जामून, जीरा, हलदी, धनिया सब तरह की फसलें लेने लगे।
4 हजार किसानों को किया प्रशिक्षित
गुजरात में अहमदाबाद, सूरत, राजकोट, जामनगर के अलावा मुंबई, दिल्ली आदि शहरों में भी वे अपने शुभम् ब्रांड के खेती व दुग्ध उत्पाद भेजते हैं। गुजरात के राज्यपाल आचार्य देवव्रत के प्राकृतिक खेती के अभियान से रतिलाल काफी प्रभावित हैं, कृषि मेले में रतिलाल को राज्यपाल एक सफल किसान के रूप में सम्मानित भी कर चुके हैं। रतिलाल कृषि मेले, सेमीनार, कार्यशाला तथा कृषि प्रशिक्षण कार्यक्रमों में प्राकृतिक खेती के गुर सिखाते हैं, इन कार्यक्रमों के जरिए वे अब तक 4 हजार किसानों को प्रशिक्षित कर चुके हैं, अपने फार्म हाउस पर माह में एक बार रविवार के दिन निशुल्क प्रशिक्षण भी रखते हैं। उनका सूत्र है कि फैमिली फार्मर रखेंगे तो फैमिली डॉक्टर की भी जरुरत नहीं पड़ेगी।
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