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सूरत/नई दिल्ली, (आईएएनएस)| लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने सत्ता के सहज हस्तांतरण को भारतीय लोकतंत्र की शुचिता की ताकत बताते हुए कहा है कि भारत की प्रगति के लिए संसदीय लोकतंत्र के अलावा कोई विकल्प नहीं है। बिरला ने बुधवार को सूरत स्थित भगवान महावीर विश्वविद्यालय में विद्यार्थियों को 'भारतीय लोकतंत्र में युवाओं की भूमिका' विषय पर संबोधित करते हुए कहा कि शासन-प्रशासन में पारदर्शिता सुनिश्चित करने के लिए विद्यार्थियों की सक्रिय भागीदारी आवश्यक है और देश एवं राज्यों में बेहतर कानून निर्माण के लिए नौजवानों को सक्रिय भागीदारी सुनिश्चित करनी चाहिए।
आजादी के अमृत काल की चर्चा करते हुए बिरला ने कहा कि आजादी के समय से ही भारत ने संसदीय लोकतान्त्रिक प्रणाली को अपनाया जो आज भी शासन चलाने की सर्वश्रेष्ठ पद्धति है। उन्होंने आगे कहा कि देश की प्रगति के लिए संसदीय लोकतंत्र के अलावा कोई विकल्प नहीं है।
देश में बढ़ती हुई आर्थिक प्रगति का उल्लेख करते हुए लोक सभा अध्यक्ष ने कहा कि इनोवेशन और रिसर्च के आधार पर आज विश्व में भारत के नौजवान दुनिया के सामने आने वाली चुनौतियों का समाधान कर रहे हैं। आज हर बड़े देश में, हर क्षेत्र में भारत के नौजवान शीर्ष स्तर पर नेतृत्व कर रहे हैं।
देश की समग्र धरोहर के विषय में बिरला ने कहा कि भारत का युवा भौतिक युग के साथ साथ देश के प्राचीन इतिहास से प्रेरित आध्यात्मिक युग की ओर भी आगे बढ़ रहा है। भारत के युवा अपनी अध्यात्मिक धरोहर से जुड़े रहने के कारण तनाव और अवसाद से दूर हैं।
देश के बढ़ते प्रोफाइल का उल्लेख करते हुए बिरला कि हमारी प्रगति लोकतांत्रिक संस्थाओं और लोकतंत्र के आधार पर है। पंचायत से लेकर पार्लियामेंट तक हर व्यक्ति को अधिकार दिए गए हैं और पारदर्शिता सुनिश्चित की गई है।
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