गुजरात

पुलिस की लापरवाही हुई उजागर ,थाने के कस्टडी रूम से डेढ़ क्विंटल नशीला पदार्थ गांजा की हो गई चोरी, 56 बण्डल में से केवल चार बैग ले गए चोर

HARRY
24 Oct 2022 6:21 AM GMT
पुलिस की लापरवाही हुई उजागर ,थाने के कस्टडी रूम से डेढ़ क्विंटल नशीला पदार्थ गांजा की हो गई चोरी, 56 बण्डल  में से केवल चार बैग ले गए चोर
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विरसाढ़ पुलिस के मुताबिक गांजे की यह खेप सितंबर 2018 में पकड़ी गई थी. इस संबंध में नारकोटिक्स एक्ट के तहत केस दर्ज किया गया था. इस खेप में कुल 56 बैग पकड़े गए थे. इनमें से चार बैग चोरी हुए हैं.

गुजरात के आणंद जिले के थाने में रखी डेढ़ कुंतल गांजा की खेप चोरी हो गई है. एक गांजा तस्कर के ठिकाने पर दबिश में बरामद हुई यह खेप कोर्ट प्रापर्टी थी. इसे पुलिस की सुरक्षा में रखा गया था. खुले बाजार में इस खेप कीमत करीब साढ़े आठ लाख रुपये बताई जा रही है. मामला प्रकाश में आने के बाद विरसाढ़ थाना पुलिस की हेड कांस्टेबल शोभना वाघेला ने अज्ञात चोरों के खिलाफ केस दर्ज कराया है. इसमें बताया कि यह पूरी खेप 56 बैग में भरी हुई थी, लेकिन इसमें से चार बैग चोरी हुई है. इसका कुल वजन करीब 144 किलो के आसपास है.

हेड कांस्टेबल शोभना ने अपनी रिपोर्ट में बताया है कि शनिवार की सुबह वह अचानक कस्टडी रूम में गई. इस दौरान उसने देखा कि कुछ जगह खाली पड़ी है, जहां हाल तक पैकेट रखे हुए थे. संदेह होने पर स्टॉक का मिलान कराया गया. इसमें पता चला कि गांजे के चार पैकेट गायब हैं. शोभना ने बताया कि यह सभी पैकेट कस्टडी रूम की खिड़की में लगी लोहे की ग्रिल तोड़ कर चोरी किए गए हैं. इधर, थाने के अंदर हुई इस वारदात की सूचना मिलने पर महकमे में हड़कंप मच गया. आनन फानन में उच्चाधिकारी भी मौके पर पहुंचे और केस दर्ज कर मामले की छानबीन शुरू कर दी गई है.

सितंबर 2018 में पकड़ी गई थी खेप

विरसाढ़ पुलिस के मुताबिक गांजे की यह खेप सितंबर 2018 में पकड़ी गई थी. इस संबंध में नारकोटिक्स एक्ट के तहत केस दर्ज किया गया था. इस खेप में कुल 56 बैग पकड़े गए थे. इनमें से चार बैग चोरी हुए हैं. इन बैग्स का वजन क्रमश: 34.29 kg, 36.39 kg,33.90 kg और 39.60 kg है. चोरी हुए इस खेप का खुले बाजार में करीब साढ़े लाख रुपये कीमत बताया जा रहा है

पुलिस सुरक्षा पर उठे सवाल

थाने के अंदर जहां हमेशा सुरक्षा प्रहरियों की तैनाती होती है, इस प्रकार गांजे की खेप चोरी होने को लेकर पुलिस की सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल उठने लगे हैं. उच्चाधिकारियों ने इस संबंध में जिले स्तर के अधिकारियों से जवाब तलब किया है. वहीं क्षेत्रीय जनता ने सोशल मीडिया के जरिए पुलिस की नीति और नीयत पर सवाल उठाया है. कई लोगों ने इसे किसी पुलिसकर्मी की ही हरकत बताया है. आरोप है कि मामले का खुलासा तो कई दिन पहले ही हो गया था, लेकिन पुलिस ने इस मामले को भरसक दबाने का प्रयास किया

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