गुजरात

गुजरात स्थित फोर्ड के प्लांट में बनेंगी टाटा की कारें, कैबिनेट से मिली मंजूरी

Renuka Sahu
30 May 2022 4:26 AM GMT
Tata cars will be made at Fords plant in Gujarat, cabinet approval
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फाइल फोटो 

कोराना महामारी और वैश्विक बिक्री में लगातार गिरावट से कार निर्माण करने वाली कंपनी को भारी नुकसान हुआ है।

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। कोराना महामारी और वैश्विक बिक्री में लगातार गिरावट से कार निर्माण करने वाली कंपनी को भारी नुकसान हुआ है। फोर्ड ने अपने गुजरात स्थित प्लांट को TATA Motors को बेच दिया है। इस सप्ताह की शुरुआत में, गुजरात कैबिनेट ने सौदे को आगे बढ़ाने के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी, जिसे दो कार निर्माताओं द्वारा प्रस्तुत किया गया था।

टाटा मोटर्स और फोर्ड के बीच सोमवार को गुजरात के सीएम भूपेंद्र पटेल के सामने MoU भी साइन किया जाएगा। एक अधिकारी ने कहा, "गुजरात कैबिनेट की मंजूरी केवल एक हरी झंडी है। कंपनियां अभी भी डील के साइज, लेबर इश्यूज, फाइनेंशियल्स और टेकओवर में शामिल बेनिफिट्स से जुड़ी बारीकियों पर काम करने के लिए बातचीत कर रही हैं।"
फोर्ड का निकला दिवालिया
फोर्ड ने पिछले साल भारत छोड़ने की घोषणा की थी, क्योंकि दुनिया भर में आर्थिक मंदी, कोरोना के प्रभाव और सेल्स में कमी के चलती कंपनी घाटे में जा रही थी। ऑटो एक्सपर्ट्स का कहना है कि फोर्ड मोटर कंपनी ने पिछले साल के अंत में बाजार / उत्पाद डिजाइन / स्थिति के रॉन्ग रिडिंग और दूसरे संयंत्र में भारी निवेश जैसे विभिन्न कारकों के कारण भारत छोड़ने के अपने निर्णय की घोषणा की, जब पहले संयंत्र की क्षमता का पूरी तरह से उपयोग नहीं किया गया था
जानिए क्या कहती है रिपोर्ट
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर के लिए 30 मई को एक औपचारिक समारोह की योजना बनाई जा रही है, जिसमें दोनों कंपनियों के प्रतिनिधि मौजूद रहेंगे। एक अधिकारी के मुताबिक, राज्य सरकार ने फोर्ड को दिए गए सभी लाभों को टाटा मोटर्स को रियायत समझौते की शेष अवधि के लिए देने पर सहमति व्यक्त की है।
फोर्ड का ईवी बनाने का सपना भी फ्लॉप
इस महीने की शुरुआत में, Ford ने वैश्विक बाजारों के लिए भारत में EVs बनाने की अपनी योजना को भी छोड़ दिया। फोर्ड इंडिया उन 20 अलग-अलग कंपनियों में शामिल थी, जिन्हें फरवरी 2022 में घोषित भारत सरकार की प्रोडक्शन लिंक्ड इंसेंटिव स्कीम के तहत चुना गया था। लेकिन वह अब अपना आवेदन वापस ले सकती है, क्योंकि वह अब देश में निवेश नहीं करेगी।
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