सूरत: महिला और उसकी बेटी से दुष्कर्म व हत्या का मामला, दोषी को फांसी की सजा
गुजरात क्राइम न्यूज़ अपडेट: सूरत में महिला और उसकी 11 साल की पुत्री से दुष्कर्म व हत्या के मामले में विशेष अदालत ने मुख्य अभियुक्त हरसहाय गुर्जर को सोमवार को फांसी की सजा सुनाई है, जबकि सहअभियुक्त हरिओम को आजीवन कैद की सजा सुनाई है। साथ ही, पीड़ित परिवार को साढ़े सात लाख रुपये मुआवजा देने का भी आदेश दिया है। हत्या के बाद दोनों फरार हो गए थे, अहमदाबाद अपराध शाखा की टीम दोनों को राजस्थान से पकड़कर लाई थी। सूरत के कामरेज इलाके में रहने वाला मुख्य अभियुक्त हरसहाय गुर्जर मूल रूप से राजस्थान का है। मार्च, 2018 में वह 35 वर्षीय महिला व उसकी 11 साल की पुत्री को अपने साथ रखने के लिए घर ले गया था। किसी बात को लेकर दोनों में विवाद हुआ तो हरसहाय ने हरिओम के साथ मिलकर पुत्री के सामने ही महिला की हत्या कर दी तथा उसका शव जीवाबडिया इलाके में फेंक दिया। दोनों अभियुक्तों ने महिला की पुत्री को चुप रहने के लिए धमकाया तथा उसके साथ भी दुष्कर्म किया। उसके विरोध करने पर गुप्तांगों में धातु के टुकड़े ठूंस दिए, जिसके चलते तड़प-तड़प कर उसने दम तोड़ दिया।
पीड़ित परिवार को साढ़े सात लाख मुआवजा देने का आदेशपुलिस को छह अप्रैल, 2018 को महिला की पुत्री का शव वदोद के पास मिला, जबकि महिला का शव नौ अप्रैल, 2018 को क्षतविक्षत हालत में मिला। अहमदाबाद अपराध शाखा को यह केस सौंपा गया था। सीसीटीवी फुटेज में दिख रही हरसहाय की कार की हेडलाइट के आधार पर उसे दबोचा था। प्रोटेक्शन आफ चिल्ड्रन फ्राम सेक्सुअल आफेंस (पाक्सो) एक्ट व आइपीसी के तहत विशेष न्यायाधीश एएच धामानी ने गत शुक्रवार को दोनों को दुष्कर्म व हत्या का दोषी माना था। सरकारी वकील पीएन परमार ने दोषियों के अपराध को जघन्यतम बताते हुए दोनों को फांसी की सजा देने की मांग की, लेकिन हरसहाय को फांसी व हरिओम को आजीवन कैद की सजा दी गई। अदालत ने पीड़ित परिवार को साढ़े सात लाख रुपये का मुआवजा देने का भी निर्देश दिया है।