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राज्य जीएसटी विभाग ने राज्य में 53 जगहों पर छापेमारी की है। जिसमें अहमदाबाद, वडोदरा, सूरत, राजकोट और मेहसाणा में इमीग्रेशन से जुड़ी फर्मों पर छापेमारी की गई है। इमीग्रेशन कंपनियाँ छात्रों से ऊँची फीस वसूलती हैं और पूरी रसीद नहीं देतीं। खुलासा हुआ है कि प्राप्त रकम को बुक में नहीं बल्कि नकद दिखाकर टैक्स चोरी की जाती है। विदेशी विश्वविद्यालयों में छात्रों का प्रवेश इमीग्रेशन फर्मों द्वारा किया जाता है। ऐसी फर्मों को विदेशी विश्वविद्यालयों से भारी कमीशन भी मिलता है। आईईएलटीएस जैसी परीक्षाओं के लिए इमीग्रेशन फर्मों द्वारा कोचिंग भी प्रदान की जाती है।
इमीग्रेशन में शामिल कंपनियाँ छात्रों को पूरी रसीदें नहीं देती हैं
राज्य जीएसटी विभाग ने मार्केट इंटेलिजेंस और सिस्टम आधारित विश्लेषण के आधार पर शोध किया है। इस कार्रवाई के तहत, जीएसटी विभाग ने देखा कि इमीग्रेशन में शामिल कंपनियां विदेशी विश्वविद्यालयों में प्रवेश के लिए छात्रों को आईएलटीएस जैसी परीक्षाओं के लिए कोचिंग दे रही थीं। यह कोचिंग मुहैया कराने वाली कंपनियां भारी भरकम फीस वसूलती हैं। लेकिन वसूली गयी पूरी राशि की रसीद छात्रों को नहीं दी जाती है।
ऐसी फर्मों को विदेशी विश्वविद्यालयों से भी भारी कमीशन मिलता है। इस नकदी में अर्जित आय को बही-खातों में दिखाने से बचा जाता है। राज्य भर में ऐसे इमीग्रेशन और विदेशी विश्वविद्यालयों में प्रवेश में शामिल कुल 22 फर्मों के अहमदाबाद 16, मेहसाणा 02, वडोदरा 24, सूरत 06, राजकोट 05 सहित कुल 53 कुल 22 फर्मों के 53 स्थानों पर जांच की गई है। प्रारंभिक सत्यापन में बेहिसाब नकदी लेनदेन का विवरण मिला है।
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