गुजरात
मोरबी ब्रिज हादसे में अब तक 60 लोगों की मौत, मृतकों की संख्या बढ़ने की आशंका
Shantanu Roy
30 Oct 2022 3:01 PM GMT
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बड़ी खबर
मोरबी। गुजरात के मोरबी में रविवार शाम करीब 7 बजे केबल सस्पेंशन ब्रिज टूटने से करीब 400 लोग मच्छु नदी में गिर गए। हादसे में अब तक 60 लोगों की मौत हो गई है। यह पुल पिछले 6 महीने से बंद था। रेनोवेशन के बाद इसी महीने दिवाली के एक दिन बाद यानी 25 अक्टूबर को इसे आम लोगों के लिए खोला गया था। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मृतकों के आश्रितों को दो लाख और घायलों को 50 हजार रुपए की सहायता देने का ऐलान किया है। उन्होंने CM भूपेंद्र पटेल से बातचीत कर रेस्क्यू ऑपरेशन की जानकारी ली। सीएम पटेल ने कहा- राहत और बचाव कार्य जारी है। घायलों के तत्काल उपचार की व्यवस्था करने के निर्देश दिए। मैं इस संबंध में जिला प्रशासन के लगातार संपर्क में हूं।
मोरबी में हुए हादसे से अत्यंत दुखी हूँ। गुजरात के गृह राज्य मंत्री व अन्य अधिकारियों से बात की। स्थानीय प्रशासन पूरी तत्परता से राहत कार्य में लगा है, NDRF भी शीघ्र घटनास्थल पर पहुँच रही है। घायलों के तुरंत उपचार के निर्देश दिए हैं: केंद्रीय मंत्री अमित शाह
— ANI_HindiNews (@AHindinews) October 30, 2022
(फाइल तस्वीर) pic.twitter.com/RMGDQdjM8G
140 साल से भी ज्यादा पुराना है ब्रिज
मोरबी का यह सस्पेंशन ब्रिज 140 साल से भी ज्यादा पुराना है और इसकी लंबाई करीब 765 फीट है। यह सस्पेंशन ब्रिज गुजरात के मोरबी ही नहीं बल्कि पूरे देश के लिए ऐतिहासिक धरोहर है। इस ब्रिज का उद्घाटन 20 फरवरी 1879 को मुंबई के गवर्नर रिचर्ड टेम्पल ने किया था। यह उस समय लगभग 3.5 लाख की लागत से 1880 में बनकर तैयार हुआ था। उस समय इस पुल को बनाने का पूरा सामान इंग्लैंड से ही मंगाया गया था। इसके बाद इस पुल का कई बार रेनोवेशन किया जा चुका है। हाल ही में दिवाली से पहले इसके मरम्मत का काम 2 करोड़ की लागत से किया गया था।
गुजरात के मोरबी में हुए पुल हादसे की खबर बेहद दुःखद है। ऐसे मुश्किल समय में मैं सभी शोकाकुल परिवारों को अपनी गहरी संवेदनाएं व्यक्त करता हूं।
— Rahul Gandhi (@RahulGandhi) October 30, 2022
सभी कांग्रेस कार्यकर्ताओं से अपील करता हूं कि दुर्घटना में घायल व्यक्तियों की हर संभव सहायता करें और लापता लोगों की तलाश में मदद करें।
ओरेवा ग्रुप के पास है मेंटेनेंस का काम
ब्रिज के मेंटेनेंस की जिम्मेदारी ओरेवा ग्रुप के पास है। इस ग्रुप ने मार्च 2022 से मार्च 2037 यानी 15 साल के लिए मोरबी नगर पालिका के साथ एक समझौता किया है। ग्रुप के पास ब्रिज की सुरक्षा, सफाई, रखरखाव, टोल वसूलने, स्टाफ का प्रबंधन है।
सीएम भूपेश बघेल ने शोक किया व्यक्त
छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने भी मोरबी हादसे के लिए बेहद दुःख प्रकट किया है। और हादसे में मृतकों के परिजनों और घायलों के प्रति दुःख और संवेदना प्रकट की है।
मोरबी के राजा इसी पुल से दरबार जाते थे
इसी पुल से राजा प्रजावत्स्ल्य राजमहल से राज दरबार तक जाते थे। ब्रिज का निर्माण मोरबी के राजा प्रजावत्स्ल्य सर वाघजी ठाकोर की रियासत के दौरान हुआ था। उस समय राजा राजमहल से राज दरबार तक जाने के लिए इसी पुल का इस्तेमाल करते थे। राजशाही खत्म होने के बाद इस पुल की जिम्मेदारी मोरबी नगर पालिका को सौंप दी गई थी। लकड़ी और तारों से बना यह पुल 233 मीटर लंबा और 4.6 फीट चौड़ा है।
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