गुजरात

गुजरात में RSS ने की संस्कृत को अनिवार्य बनाने की मांग

Renuka Sahu
27 Jun 2022 3:55 AM GMT
RSS demands to make Sanskrit compulsory in Gujarat
x

फाइल फोटो 

गुजरात में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ ने राज्य सरकार को कक्षा 1 से अनिवार्य रूप से संस्कृत पढ़ाने के लिए कहा है.

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। गुजरात में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) ने राज्य सरकार (RSS Gujarat) को कक्षा 1 से अनिवार्य रूप से संस्कृत पढ़ाने के लिए कहा है. सूत्रों के मुताबिक, नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी) के क्रियान्वयन (NEP Gujarat) पर चर्चा करने के लिए संघ और उसके सहयोगियों के वरिष्ठ प्रतिनिधियों ने अप्रैल में शिक्षा मंत्री जीतू वघानी (Education Minister Jitu Vaghani), विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों और गुजरात भाजपा के संगठनात्मक महासचिव रत्नाकर से मुलाकात की थी. संघ ने भगवद गीता, रामायण और महाभारत को स्कूली पाठ्यक्रम में जगह देने की भी वकालत की.

इंडियन एक्सप्रेस की खबर के मुताबिक लगभग 25 वरिष्ठ सरकारी प्रतिनिधियों के साथ शिक्षा मंत्री जीतू वघानी ने बैठक की. इसमें विद्या भारती, शशिक महासंघ, संस्कृत भारती, भारतीय शिक्षण मंडल सहित आरएसएस से संबद्ध संगठनों के लगभग 20 प्रतिनिधियों का संस्कृत शिक्षण पर मुख्य जोर था. संघ ने भगवद गीता, रामायण और महाभारत को स्कूली पाठ्यक्रम में जगह देने, वैदिक गणित को अनिवार्य बनाने, उपनिषद और वेदों पर आधारित मूल्य शिक्षा प्रदान करने और निजी विश्वविद्यालयों को विनियमित करने की भी वकालत की.
तीन-भाषा फार्मूले में संस्कृत को दें "विशेष वरीयता"
जानकारी के मुताबिक इस बैठक के दौरान अपनी प्रस्तुति में आरएसएस ने राज्य सरकार से संस्कृत के लिए एक सप्ताह में कम से कम छह क्लास आवंटित करने के लिए कहा था. आरएसएस ने साथ ही एनईपी कार्यान्वयन पर प्रस्तुति दी थी. एनईपी पर दी गई प्रसेंटेशन पर आरएसएस ने कहा कि तीन भाषा फार्मूले में संस्कृत को "विशेष वरीयता" दें और प्राथमिक कक्षाओं में स्कूलों को अच्छी अंग्रेजी पढ़ाना चाहिए, लेकिन भारतीय भाषाओं की कीमत पर नहीं. दिलचस्प बात यह है कि एनईपी 2020 में तीन-भाषा फॉर्मूला (Three Language Formula) स्कूल में अनिवार्य रूप से सिखाई जाने वाली किसी विशिष्ट भाषा को निर्धारित नहीं करता है. "बच्चों द्वारा सीखी जाने वाली तीन भाषाएं राज्यों, क्षेत्रों और निश्चित रूप से स्वयं छात्रों की पसंद होंगी, पॉलिसी के मुताबिक तीन में से कम से कम दो भाषाएं भारत की मूल भाषाएं होनी चाहिए.
जुलाई में हो सकती है अगली बैठक
सूत्रों के मुताबिक, एनईपी को लागू करने पर आरएसएस और राज्य सरकार के बीच एक बैठक जुलाई में होने की उम्मीद है. आरएसएस के सुझावों पर अमल पर शिक्षा मंत्री वघानी ने कहा, 'हमें कई सुझाव मिल रहे हैं. सरकार व्यवहार्यता पर काम करेगी और इन्हें उसी के अनुसार लागू किया जाएगा. गुजरात सरकार ने पिछले तीन वर्षों में संस्कृत सीखने को बढ़ावा देने के लिए योजनाएं शुरू की हैं. साल 2019 में सरकार ने गुजरात संस्कृत शिक्षा बोर्ड की शुरुआत भी की.
Next Story