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गुजरात एवं मध्यप्रदेश से बेहतर सड़के राजस्थान की-जाटव

Teja
2 Jan 2023 4:29 PM GMT
गुजरात एवं मध्यप्रदेश से बेहतर सड़के राजस्थान की-जाटव
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जयपुर : राजस्थान के सार्वजनिक निर्माण मंत्री भजन लाल जाटव ने प्रदेश में अच्छी सड़के एवं अच्छे भवन और अच्छी व्यवस्था होना राज्य सरकार की प्राथमिकता बताते हुए दावा किया है कि गुजरात एवं मध्यप्रदेश से भी अच्छी सड़के राजस्थान की हैं। जाटव ने राजस्थान राज्य सड़क विकास एवं निर्माण निगम लिमिटेड मुख्यालय परिसर में सोलर प्लांट, डिजिटल डिस्प्ले बोर्ड, फास्ट टैग कमाण्ड सेंटर एवं एनएबीएल अनुमोदित गुण नियंत्रण प्रयोगशाला के लोकार्पण के बाद मीडिया से बातचीत आज यह बात कही। उन्होंने कह कि गुजरात में सबसे ज्यादा टोल हैं और वहां की सड़कों की जो हालत है, मधप्रदेश और गुजरात से बेहतर सड़के राजस्थान की है। उन्होंने कहा कि स्वास्थ्य, चिकित्सा एवं सड़के अच्छी करनी है तो कहीं न कही आवश्कता पड़ती है और सड़क तंत्र को सुधारना राज्य सरकार की प्राथमिकता है।

उन्होंने कहा कि आरएसआरडीसी की अलग से आय नहीं है और अच्छी सड़कों की जरुरत है तो टोल की आवश्यकता भी है। श्री जाटव ने कहा कि वर्ष 2022-23 की बजट घोषणाओं के तहत लगभग नब्बे प्रतिशत कार्य प्राप्त कर लिए हैं और बहुत अच्छा काम हो रहा है। उन्होंने कहा "हमारे पास एक लाख 72 हजार किलोमीटर सड़के हैं, उनमें से 47 किलोमीटर की सड़के तैयार कर चुके है और करीब 53-54 हजार किलोमीटर की सड़कों पर काम चल रहा है। शेष बची सड़कों को आने वाले बजट में शामिल कर काम किया जायेगा।

उन्होंने कहा कि राज्य में सड़क तंत्र मजबूत हुआ है और सड़कों की गुणवत्ता भी सुधरी है और हम चाहते है कि राज्य की जनता को अच्छी सड़के मिले और अच्छी व्यवस्था हो, यह सरकार की प्राथमिकता है।

विभाग में अभियंताओं की डीपीसी के तहत पोस्टिंग में विलंब होने सवाल पर उन्होंने कहा कि एक-दो दिन में सबकी पोस्टिंग हो जायेगी।

उन्होंने बताया कि राज्य में टोल संग्रहण के प्रचलित हस्तचालित प्रणाली में वाहन चालकों को आ रही समस्याओं के मद्देनजर टोल मार्गों पर वाहनों को निर्बाध परिचालन एवं टोल संग्रहण में पारदर्शिता सुनिश्चित करने के लिए पायलट प्रोजेक्ट के तहत चयनित दो सड़क मार्गो जयपुर-भीलवाड़ा सड़क मार्ग एवं सीकर-झुंझुनूं-लुहारु सड़क मार्ग पर हस्तचालित प्रणाली के साथ इलेक्ट्रोनिक टोल संग्रहण प्रणाली (फास्ट टेग) लागू करने के लिए राष्ट्रीय इलेक्ट्रोनिक टोल संग्रहण योजना के तहत जारी किए गए दिशा निर्देशानुसार टोल बूथों पर आधारभूत सेवाएं विकसित की गई है। इन सेवाओं के विकास पर प्रति टोल प्लाजा पर लगभग 60 लाख रुपए का व्यय हुआ है।

उन्होंने बताया कि इन दो सड़क मार्गों के अलावा आठ सड़क मार्गों हनुमानगढ़-सूरतगढ, डूंगरगढ़-सरदारशहर-राजगढ, नसीराबाद-केकड़ी-देवली, डबोक-मावली-कपासन, जहाजपुर-मांडलगढ, अलवर-बहरोड-नारनोल, मेडता-रास एवं जोधपुर-ओसिंया-फलौदी सड़क पर भी फास्ट टेग लागू करने के लिए निविदाएं प्रक्रियाधीन है। इन मार्गो पर बीस टोल हैं। उन्होंने कहा कि फास्टटेग के स्थापित होने पर यात्रा में लगने वाले समय एवं धन दोनों का अपव्यय को रोका जा सकेगा।






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