गुजरात

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी बोले- 21वीं शताब्दी में भारत के तेज़ विकास के लिए महिलाओं के सर्वांगीण विकास के साथ...

Gulabi Jagat
19 Jun 2022 10:45 AM GMT
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी बोले- 21वीं शताब्दी में भारत के तेज़ विकास के लिए महिलाओं के सर्वांगीण विकास के साथ...
x
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कही ये बात
प्रधानमंत्री नरेन्द्रभाई मोदी ने बलपूर्वक कहा है कि 21वीं शताब्दी में भारत के तेज़ विकास के लिए महिलाओं के सर्वांगीण विकास के साथ उनका सशक्तिकरण आवश्यक है। महिलाओं की आशाओं, अपेक्षाओं तथा आकांक्षाओं को ध्यान में रख कर उनके लिए अनेकविद् योजनाओं का क्रियान्वयन तथा उनसे जुड़े निर्णय कर महिलाओं को उनके पसंदीदा क्षेत्र में कार्य करने के दरवाज़े खोल दिए गए हैं और नारी शक्ति के दरवाज़े पर अब अनेक नए क्षेत्र दस्तक दे रहे हैं। उन्होंने कहा कि डबल इंजन की सरकार के सुशासन के पिछले आठ वर्ष में नारी शक्ति के सामर्थ्य को भारत के विकास की धुरि बनाने का प्रयास किया गया है। उपरोक्त संदर्भ में प्रधानमंत्री ने आगे कहा, "महिला उन्मुखी योजनाओं के प्रभावी क्रियान्वयन द्वारा महिलाओं की समस्याएँ कम की गई हैं। माताओं, बहनों, बेटियों के जीवन को आसान बनाना तथा उन्हें सभी क्षेत्रों में समान अवसर देना हमारी सरकार की प्राथमिकता है। "प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने शनिवार को वडोदरा में आयोजित 'गुजरात गौरव अभियान' कार्यक्रम में ये उद्गार व्यक्त किए।
इस अवसर पर प्रधानमंत्री ने गुजरात के मुख्यमंत्री भूपेन्द्र पटेल की उपस्थिति में गुजरात में रेलवे के विभिन्न 16,369 करोड़ रुपए के 18 प्रोजेक्ट्स का लोकार्पण, शिलान्यास व भूमिपूजन किया। इसके साथ ही प्रधानमंत्री ने मध्य गुजरात के पाँच ज़िलों में विभिन्न विभागों के रेलवे सहित कुल 21 हज़ार करोड़ रुपए के विकास प्रकल्पों का भी लोकार्पण, शिलान्यास तथा भूमिपूजन किया। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने महिला एवं बाल कल्याण विभाग की समन्वित बाल विकास योजना के अंतर्गत गर्भवतियों सहित सभी महिलाओं के पोषण पर ध्यान देकर उनके स्वास्थ्य की सुरक्षा करने वाली राज्य सरकार की 'मुख्यमंत्री मातृ शक्ति योजना'तथा आदिजाति क्षेत्रों में 'पोषण सुधा योजना'का भी शुभारंभ कराया। इसके साथ ही, प्रधानमंत्री के करकमलों से इस नवीनतम् योजना के लाभार्थियों को पोषण किट का वितरण किया गया तथा प्रधानमंत्री आवास योजना के लाभार्थियों को उनके घर की चाबी अर्पित की गई।
प्रधानमंत्री ने 'गुजरात गौरव अभियान' के इस कार्यक्रम के दौरान वडोदरा के निकट कुंढेला में स्थापित होने वाले गुजरात केन्द्रीय विश्वविद्यालय के नए परिसर (कैम्पस) का तथा वडोदरा में NAIR कैम्पस में स्थापित होने वाले गति शक्ति विश्वविद्यालय भवन के निर्माण सहित विभिन्न रेल पथ निर्माण कार्यों का भी ई-शिलान्यास किया। लगभग 21 हज़ार करोड़ रुपए के विभिन्न विकास कार्यों का शिलान्यास, भूमिपूजन तथा लोकार्पण करने के बाद उपस्थित विशाल जनसमूह को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा, "आज का दिन मेरे लिए मातृवंदना का दिन है। सुबह मैंने जन्मदात्री माता का आशीर्वाद लेने के बाद पावागढ में जगद्जननी माँ महाकाली का आशीर्वाद लिया और अब यहाँ मुझे प्रचंड मातृ शक्ति का दर्शन करने का सौभाग्य मिला है। मैंने महाकाली माताजी के समक्ष देश के सुख, शांति व समृद्धि के अतिरिक्त इस अमृतकाल में भारत के स्वर्णिम विकास के लिए प्रार्थना की है।"
उन्होंने कहा कि गुजरात को आज मिले 21 हज़ार करोड़ रुपए के विकास प्रकल्प 'गुजरात के विकास से भारत के विकास' की प्रतिबद्धता को बल प्रदान करेंगे। इतना ही नहीं, इन प्रकल्पों के चलते आवास, उच्च शिक्षा एवं रोड कनेक्टिविटी से गुजरात के औद्योगिक क्षेत्र का विस्तार बढ़ेगा और ये प्रकल्प युवाओं के लिए अनेक प्रकार के स्वरोज़गार व रोज़गार के अवसर प्रदान करने वाले सिद्ध होंगे।
श्री मोदी ने कहा कि गुजरात की महिलाओं के स्वस्थ मातृत्व एवं उनकी संतानों के स्वस्थ बचपन के लिए गुजरात सरकार ने 811 करोड़ रुपए की लागत वाली 'मुख्यमंत्री मातृ शक्ति योजना' क्रियान्वित की है। राज्य सरकार ने यह योजना लागू कर गर्भावस्था के दौरान महिलाओं को उचित पोषण की उपलब्धता सुनिश्चित की है। उन्होंने कहा कि 'पोषण सुधा योजना' का दायरा बढ़ा कर इसमें गुजरात के सभी 14 ज़िलों को शामिल कर लिया गया है। इस योजनांतर्गत गर्भवत महिलाओं को दोपहर का भोजन सरकार की ओर से दिया जाएगा, जो भावी पीढ़ी को सशक्त बनाएगा। इसके लिए गुजरात सरकार अभिनंदन की अधिकारी है।
दो दशक पूर्व गुजरात में जो कुपोषण की समस्या थी, उसे समाप्त करने में सरकार की योजनाएँ प्रभावशाली रही हैं। प्रधानमंत्री ने इस बात का गौरवपूर्वक उल्लेख करते हुए कहा कि केवल योजनाओं के क्रियान्वयन ही नहीं किया गया, बल्कि महिलाओं के लिए उचित वातावरण का भी निर्माण किया गया है। गुजरात ने कुपोषण की समस्या को केन्द्र में रखते हुए दूध संजीवनी योजना, आयोडाइज़्ड नमक, टेक होम राशन, पूर्णा योजना, फ़ोर्टीफ़ाइड आटे के माध्यम से महिलाओं तथा उनकी संतानों को सुपोषित किया है। इसके लिए गुजरात को नागरिक सेवा का अवॉर्ड मिला है। गुजरात ने देश को नई राह दिखाई है।
उपरोक्त योजना की विस्तृत भूमिका देते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि गुजरात में आँगनबाड़ियों के 14 लाख बच्चों को फ़ोर्टीफ़ाइड आटा तथा 14 से 18 वर्ष आयु समूह की 12 लाख किशोरियों को पूर्णा योजना का लाभ देकर उत्तम पोषणयुक्त आहार की पूर्ति की गई है। 'पोषण सुधा योजना' के प्रायोगिक क्रियान्वयन से मिले सकारातमक परिणामों को ध्यान में रखते हुए गुजरात सरकार द्वारा राज्य के सभी 14 आदिवासी ज़िलों में इसका क्रियान्वयन शुरू किया गया है, जिसका लाभ राज्य की 1.36 लाख महिलाओं को मिलेगा। उन्होंने बताया कि ई-ममता प्रोजेक्ट में टेक्नोलॉजी का उपयोग कर महिलाओं एवं बच्चों के स्वास्थ्य का एप्लिकेशन के माध्यम से समय रहते निरीक्षण किया जाता है। गुजरात में 12 लाख सहित देश में 11.50 करोड़ आँगनबाड़ी कार्यकर्ताओं तथा आशावर्करों को उपकरण दिए गए हैं। इस विषय में जागरूकता लाने के लिए सितम्बर माह को पोषण माह के रूप में मनाया जाता है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि सरकार इस बात का भी ध्यान रखती है कि महिलाओं को उचित वातावरण मिले। उन्होंने जोड़ा कि महिलाओं को ईंधन गैस देकर धुएँ से मुक्ति दी गई है। महिलाओं को नल से जल देकर उनके सिर से घड़ों का भार उतारने का कार्य भी हमने किया है। हमने घर-घर शौचालय बना कर महिलाओं को सम्मान दिया है। उन्होंने कहा कि 'प्रधानमंत्री मातृवंदना योजना' के अंतर्गत गुजरात में 9 लाख महिलाओं को 400 करोड़ रुपए का लाभ दिया गया है।
श्री मोदी ने कहा कि गुजरात में वर्षों से आदिवासी परिवार सिकलसेल एनीमिया से पीड़ित थे। गुजरात में अनेक सरकारें आईं तथा उन्होंने इस रोग की अवगणना की, परंतु हमने इस रोग को दूर करने का बीड़ा उठाया है और सिकलसेल सोसाइटी का गठन कर इस रोग के निवारण के लिए अनुसंधान कार्य शुरू किया है। महिलाओं के सशक्तिकरण के लिए पंचायती राज संस्थाओं में 50 प्रतिशत महिला आरक्षण की व्यवस्था किए जाने का उल्लेख करते हुए प्रधानमंत्री ने यह भी कहा कि 'मिशन मंगलम्' के अंतर्गत गुजरात में 2.60 लाख सखी मंडलों के साथ 26 लाख नारी शक्ति को जोड़ा गया है। आदिवासी, ग़रीब, वंचित महिलाएँ इन सखी मंडलों से जुड़ कर आत्मनिर्भर बनी हैं तथा आर्थिक शक्ति मिलने से अर्थव्यवस्था में भी भागीदार बनी हैं। महिलाओं को आर्थिक रूप से अधिक सक्षम बनाने के लिए सखी मंडलों को मिलने वाले ऋण की सीमा 10 लाख रुपए से बढ़ा कर 20 लाख रुपए की गई है। 'मुद्रा योजना' के अंतर्गत ऋण प्राप्त करने वालों में लगभग 70 प्रतिशत महिलाएँ हैं।
प्रधानमंत्री ने मातृ शक्ति से भावपूर्वक कहा, "आज 1.41 लाख ग़रीब परिवारों का 'घर का घर' का सपना साकार हुआ है। पूर्व में महिलाओं के नाम पर फूटी कौड़ी की भी सम्पत्ति नहीं थी, परंतु आपका ऐसा बेटा बैठा है, जिसने आपको आवास देकर गुजरात में महिलाओं के नाम पर एक वर्ष में 3000 करोड़ रुपए की सम्पत्ति की है। गुजरात में 10.50 लाख शहरी ग़रीबों, 7.50 लाख ग्रामीण ग़रीबों और 4.50 लाख मध्यम वर्गीय परिवारों को आवास प्रदान किए गए हैं। शहरों में सस्ती दर पर घर किराए पर देने की योजना में समग्र गुजरात अग्रसर है। छोटा व्यवसाय करने वाले व्यापारियों को ब्याज के चक्र में फँसने से बचाने के लिए पीएम स्वनिधि योजना के अंतर्गत गली-मोहल्ला फेरियाओं (स्ट्रीट वेंडर्स) को बैंक ऋण दिया जा रहा है।"
हम जनशक्ति के आशीर्वाद से देश को नई ऊँचाइयों तक ले जाने में कोई कमी नहीं छोड़ेंगे
वडोदरा में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी
प्रधानमंत्री ने कहा कि रेलवे के विभिन्न प्रोजेक्ट्स गुजरात के विकास की गति को बल देंगे। उन्होंने कहा कि ये प्रोजेक्ट कार्यान्वित होने से गुजरात के बंदरगाहों के साथ कनेक्टिविटी बढ़ेगी तथा इससे आर्थिक गतिविधियाँ बढ़ने के साथ स्थानीय रोज़गार का सृजन होगा। कनेक्टिविटी बढ़ने के कारण ही आज कच्छ का आम विदेशों में पहुँचा है। यह सफल उदाहरण है। उन्होंने कहा कि देश का पहला रेलवे इंस्टीट्यूट वडोदरा में था, जो अब भारतीय गति शक्ति विश्वविद्यालय में रूपांतरित किया जा रहा है। देश भर के विद्यार्थियों को इसका लाभ मिलेगा और पीएम गति शक्ति योजना के विभिन्न प्रोजेक्ट तथा अनुसंधान कार्य यहाँ शुरू किए जाएँगे। उन्होंने कहा कि वडोदरा को अब एम. एस. यूनिवर्सिटी के साथ स्पोर्ट्स यूनिवर्सिटी तथा सेंट्रल यूनिवर्सिटी भी मिल रही है। आदिवासी क्षेत्र गोधरा ज़िले को गोविंद गुरु यूनिवर्सिटी तथा नर्मदा ज़िले को बिरसा मुंडा यूनिवर्सिटी देकर इस क्षेत्र में शिक्षा की नई दिशा खोली गई है।
उन्होंने कहा कि गुजरात ने सरकार, सहकार एवं परोपकार की विशेषता और जनभागीदारी से विकास की नूतन योजनाएँ कार्यान्वित की हैं, जो भावी पीढ़ी को उत्तम बनाएँगी और गुजरात विकास की नई ऊँचाइयाँ हासिल करेगा। प्रधानमंत्री ने कहा, "हम जनशक्ति के आशीर्वाद से देश को नई ऊँचाइयों तक ले जाने में कोई कमी नहीं छोड़ेंगे।" श्री मोदी ने अपेक्षा व्यक्त की कि मातृ शक्ति हमें माँ भारती की सेवा करने का सामर्थ्य दे।
प्रधानमंत्री को स्मृतिचिन्ह अर्पण करते हुए
वडोदरा के साथ अपने संस्मरणों को ताज़ा करते हुए प्रधानमंत्री भावुक हो गए। उन्होंने कहा, "वडोदरा मातृ शक्ति के उत्सव के लिए उचित शहर है। वडोदरा माँ की भाँति संस्कार देता है। इसीलिए यह शहर संस्कार नगरी है। यह शहर सुख-दु:ख में साथ देने के साथ आगे बढ़ने के अवसर देता है। इस शहर ने मुझे संभाला है। यह नगर प्रेरणा का नगर है। स्वामी विवेकानंद, महर्षि अरविंद, विनोबा भावे तथा बाबासाहब अंबेडकर जैसे महापुरुषों को इस शहर ने प्रेरित किया है। मुझे स्वामी विवेकानंद से जुड़ा स्मारक दिलाराम बंगलॉ रामकृष्ण मिशन को समर्पित करने का सौभाग्य मिला था। राष्ट्र सेवा का दायित्व भी मुझे वडोदरा के नवनाथ एवं काशी विश्वनाथ के आशीर्वाद से मिला है।"श्री मोदी ने वडोदरा महानगर पालिका को बॉण्ड जारी करने के लिए अभिनंदन देते हुए वडोदरा में पिछले दो दशकों में हुए विकास कार्यों की भूमिका भी दी। इससे पूर्व नारी शक्ति की ओर से किए जा रहे भव्य अभिवादन के बीच प्रधानमंत्री ने सभा मंडप में प्रवेश किया। उपस्थित लोगों ने इन क्षणों का 'भारत माता' के जयघोष से स्वागत किया।
Next Story